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कर्ज उतारने के लिए परिजनों ने कराया देह व्यापार, अब सात फेरे की राह में रोड़ा बना परिवार

Horrible tale of prostitution, बूंदी में एक युवती अपने पसंद के युवक के साथ 3 फरवरी को सात फेरे लेने जा रही है, लेकिन उसके परिजन इससे नाखुश हैं. युवती का आरोप है कि उसके परिजन मुफलिसी की दुहाई देकर उसे महज 12 साल की उम्र में जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिए थे. खैर, अब वो इससे बाहर निकलकर अपना घर बसाना चाहती है, लेकिन उसके परिजन इसके लिए तैयार नहीं है. ऐसे में अब उसने पुलिस प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

Horrible tale of prostitution
Horrible tale of prostitution
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 1, 2024, 5:09 PM IST

बूंदी बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार

बूंदी. जिले की एक युवती ने पुलिस प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. युवती का आरोप है कि उसके परिजन उससे देह व्यापार कराते हैं, लेकिन अब वो अपने पसंद के युवक से शादी कर इस दोजख की आग से बाहर निकलना चाहती है. हालांकि, उसके परिजन इसके लिए तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि अब वो अपने परिजनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग कर रही है.

सात फेरे की राह में रोड़ा बना परिवार : पीड़िता का एक 5 साल का बेटा भी है, लेकिन जिस युवक से वो शादी करने जा रही है, वो उसे भी अपनाने को तैयार है. इसके बावजूद उसके परिजन इस शादी को राजी नहीं हैं. ऐसे में अब पीड़िता ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाकर उसके दो भाइयों और बड़ी भाभी के साथ ही मां के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मामले में पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि युवती देह व्यापार के दलदल से बाहर निकलना चाहती है. ऐसे में उसे पूरी तरह से सुरक्षा दी जाएगी, ताकि सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा सके.

इसे भी पढ़ें - स्पा सेंटर पर करवाया जा रहा था देह व्यापार, सात महिला समेत कुल 10 गिरफ्तार

पीड़िता ने सुनाई दर्द की दास्तां : पीड़िता ने बताया कि साल 2014 में जब वो 12 साल की थी तब उसके परिजनों ने उसे 8 लाख में ढाई साल के लिए ग्वालियर में गिरवी रख दिया था, जहां उसे तीन साल तक पढ़ा लिखाकर मुंबई में देह व्यापार के दलदल में फेंक दिया गया. पीड़िता ने बताया कि उसकी मां, दोनों भाई और बड़ी भाभी ने उसे इस दलदल में धकेला है, लेकिन अब वो 27 साल की हो चुकी है और इस जिस्मफरोशी के तंग जाल से बाहर निकलना चाहती है. वहीं, उसके परिजन उसे इस धंधे से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. ऐसे में पीड़िता किसी तरह से दलालों के चंगुल से छूटकर बूंदी आई.

3 फरवरी को होनी है शादी : इस बीच उसने बूंदी निवासी एक युवक के साथ अपना घर बसाने का निर्णय किया, लेकिन उसे घरवालों का डर सता रहा है. पीड़िता की मानें तो उसने इस बुराई से लड़कर अपना सुकून भरा जीवन जीने का निर्णय लिया है और 3 फरवरी को वो हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने जा रही है. वहीं, इस शादी के कई सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि और पुलिस विभाग के अधिकारी साक्षी बनेंगे.

मुफलिसी की दुहाई देते थे परिजन : पीड़िता ने बताया कि गिरवी रखने का समय पूरा होने के बाद वो वापस आना चाहती थी, लेकिन गिरवी रखने वाले प्रताड़ित करने लगे. ऐसे में वो किसी तरह से उनसे बचकर बूंदी आई तो परिजनों ने उसे वापस मुंबई भेज दिया. पीड़िता ने बताया कि परिजन बार-बार उसे मुफलिसी की दुहाई देते थे.

इसे भी पढ़ें - युवती को दिल्ली से बुलाकर पहले अनैतिक काम में झोंका, बात बिगड़ी तो हत्या कर शव पहाड़ी की तलहटी में गाड़ा

मुंबई में हुई मोहब्बत : पीड़िता ने बताया कि मुबई में उसे उसके जिले के एक युवक से प्यार हो गया. चार साल पहले ही दोनों शादी कर लेते, लेकिन वो परिजनों का कर्ज उतारने के लिए शादी नहीं की. बावजूद इसके युवक ने उसका साथ नहीं छोड़ा. दोनों के भेंट मुलाकात का सिलसिला चलता रहा. आखिरकार दोनों ने तीन माह पहले फाइनली शादी करने का निर्णय लिया, लेकिन परिजनों के खौफ के कारण वो इधर-उधर छिपने को मजबूर हैं. पीड़िता ने बताया कि उसका बेटा परिजनों के साथ था. उसे लगातार घरवालों की ओर से फोन भी आते रहे, लेकिन उसे डर है कि वो वापस उसे उसी दलदल में धकेल देंगे. यही वजह है कि वो वापस नहीं गई. साथ ही उसने बताया कि बीते 15 साल में वो 40 से 50 लाख रुपए परिजनों को कमा कर दे चुकी है.

छोटी बहन को बचाया और फिर कराई उसकी शादी : पीड़िता ने बताया कि उसके नौ भाई-बहन हैं और वो अपने मां-बाप की सातवीं संतान है. परिजनों ने सभी की शादी करा दी. हालांकि, जब उसका नंबर आया तो परिवार वालों ने कर्ज तले दबे होने की बात कही. वहीं, उसकी छोटी बहन को इस दलदल में धकेलने की तैयारी थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं करने दिया. उसने परिजनों को धमकाया और बाद में उसकी शादी करा दी.

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मदद को सामने आई ये समिति : बूंदी बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि कुप्रथा के चलते बालिकाएं देह शोषण से बाहर आना चाहती हैं, जो एक अच्छी सोच है. आज युवतियां देह व्यापार से निकालकर समाज की मुख्य धारा में आ रही हैं. ऐसे में समाज के सभी वर्गों को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए. प्रशासन और पुलिस भी साथ खड़ी है. ऐसे में हम दोनों की शादी कराने जा रहे हैं. आगामी 3 फरवरी को शादी कराई जाएगी. पीड़िता के बेटे को भी दस्तयाब कर उसकी मां को सुपुर्द कर दिया गया है.

इस दलदल में फंसी हैं जिले की 30 से 40 युवतियां : पीड़िता ने बताया कि मुंबई में जिले की करीब 30 से 40 युवतियां इस दलदल में फंसी हुई हैं. हालांकि, पूर्व में कई भाग चुकी हैं उसने बताया कि बूंदी के अलावा भी राजस्थान के अन्य जिलों की लड़कियां भी इस दलदल में फंसी है.

बूंदी बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार

बूंदी. जिले की एक युवती ने पुलिस प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. युवती का आरोप है कि उसके परिजन उससे देह व्यापार कराते हैं, लेकिन अब वो अपने पसंद के युवक से शादी कर इस दोजख की आग से बाहर निकलना चाहती है. हालांकि, उसके परिजन इसके लिए तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि अब वो अपने परिजनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग कर रही है.

सात फेरे की राह में रोड़ा बना परिवार : पीड़िता का एक 5 साल का बेटा भी है, लेकिन जिस युवक से वो शादी करने जा रही है, वो उसे भी अपनाने को तैयार है. इसके बावजूद उसके परिजन इस शादी को राजी नहीं हैं. ऐसे में अब पीड़िता ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाकर उसके दो भाइयों और बड़ी भाभी के साथ ही मां के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मामले में पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि युवती देह व्यापार के दलदल से बाहर निकलना चाहती है. ऐसे में उसे पूरी तरह से सुरक्षा दी जाएगी, ताकि सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा सके.

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पीड़िता ने सुनाई दर्द की दास्तां : पीड़िता ने बताया कि साल 2014 में जब वो 12 साल की थी तब उसके परिजनों ने उसे 8 लाख में ढाई साल के लिए ग्वालियर में गिरवी रख दिया था, जहां उसे तीन साल तक पढ़ा लिखाकर मुंबई में देह व्यापार के दलदल में फेंक दिया गया. पीड़िता ने बताया कि उसकी मां, दोनों भाई और बड़ी भाभी ने उसे इस दलदल में धकेला है, लेकिन अब वो 27 साल की हो चुकी है और इस जिस्मफरोशी के तंग जाल से बाहर निकलना चाहती है. वहीं, उसके परिजन उसे इस धंधे से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. ऐसे में पीड़िता किसी तरह से दलालों के चंगुल से छूटकर बूंदी आई.

3 फरवरी को होनी है शादी : इस बीच उसने बूंदी निवासी एक युवक के साथ अपना घर बसाने का निर्णय किया, लेकिन उसे घरवालों का डर सता रहा है. पीड़िता की मानें तो उसने इस बुराई से लड़कर अपना सुकून भरा जीवन जीने का निर्णय लिया है और 3 फरवरी को वो हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने जा रही है. वहीं, इस शादी के कई सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि और पुलिस विभाग के अधिकारी साक्षी बनेंगे.

मुफलिसी की दुहाई देते थे परिजन : पीड़िता ने बताया कि गिरवी रखने का समय पूरा होने के बाद वो वापस आना चाहती थी, लेकिन गिरवी रखने वाले प्रताड़ित करने लगे. ऐसे में वो किसी तरह से उनसे बचकर बूंदी आई तो परिजनों ने उसे वापस मुंबई भेज दिया. पीड़िता ने बताया कि परिजन बार-बार उसे मुफलिसी की दुहाई देते थे.

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मुंबई में हुई मोहब्बत : पीड़िता ने बताया कि मुबई में उसे उसके जिले के एक युवक से प्यार हो गया. चार साल पहले ही दोनों शादी कर लेते, लेकिन वो परिजनों का कर्ज उतारने के लिए शादी नहीं की. बावजूद इसके युवक ने उसका साथ नहीं छोड़ा. दोनों के भेंट मुलाकात का सिलसिला चलता रहा. आखिरकार दोनों ने तीन माह पहले फाइनली शादी करने का निर्णय लिया, लेकिन परिजनों के खौफ के कारण वो इधर-उधर छिपने को मजबूर हैं. पीड़िता ने बताया कि उसका बेटा परिजनों के साथ था. उसे लगातार घरवालों की ओर से फोन भी आते रहे, लेकिन उसे डर है कि वो वापस उसे उसी दलदल में धकेल देंगे. यही वजह है कि वो वापस नहीं गई. साथ ही उसने बताया कि बीते 15 साल में वो 40 से 50 लाख रुपए परिजनों को कमा कर दे चुकी है.

छोटी बहन को बचाया और फिर कराई उसकी शादी : पीड़िता ने बताया कि उसके नौ भाई-बहन हैं और वो अपने मां-बाप की सातवीं संतान है. परिजनों ने सभी की शादी करा दी. हालांकि, जब उसका नंबर आया तो परिवार वालों ने कर्ज तले दबे होने की बात कही. वहीं, उसकी छोटी बहन को इस दलदल में धकेलने की तैयारी थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं करने दिया. उसने परिजनों को धमकाया और बाद में उसकी शादी करा दी.

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मदद को सामने आई ये समिति : बूंदी बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि कुप्रथा के चलते बालिकाएं देह शोषण से बाहर आना चाहती हैं, जो एक अच्छी सोच है. आज युवतियां देह व्यापार से निकालकर समाज की मुख्य धारा में आ रही हैं. ऐसे में समाज के सभी वर्गों को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए. प्रशासन और पुलिस भी साथ खड़ी है. ऐसे में हम दोनों की शादी कराने जा रहे हैं. आगामी 3 फरवरी को शादी कराई जाएगी. पीड़िता के बेटे को भी दस्तयाब कर उसकी मां को सुपुर्द कर दिया गया है.

इस दलदल में फंसी हैं जिले की 30 से 40 युवतियां : पीड़िता ने बताया कि मुंबई में जिले की करीब 30 से 40 युवतियां इस दलदल में फंसी हुई हैं. हालांकि, पूर्व में कई भाग चुकी हैं उसने बताया कि बूंदी के अलावा भी राजस्थान के अन्य जिलों की लड़कियां भी इस दलदल में फंसी है.

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