चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा में शुक्रवार को मुख्य विपक्ष द्वारा प्रश्नकाल के दौरान कुछ मुद्दे उठाने की कोशिश के बाद AIADMK सदस्यों को सामूहिक रूप से बाहर निकाल दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की अपील के बाद अध्यक्ष ने जल्द ही इस फैसले को वापस ले लिया.
विपक्ष के नेता के पलानीस्वामी ने पहले कहा था कि पार्टी कल्लाकुरिची शराब त्रासदी को उठाना चाहती थी जिसमें 50 लोग मारे गए थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने निष्कासन को लोकतंत्र की हत्या बताया. अध्यक्ष एम अप्पावु ने कहा कि AIADMK सदस्य प्रश्नकाल के दौरान एक मुद्दा उठाना चाहते थे, जो सदन के नियमों के विरुद्ध था. उन्होंने कहा कि सदस्य प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद ही शून्यकाल के दौरान मामले उठाने के लिए स्वतंत्र हैं.
चूंकि AIADMK सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे, इसलिए अध्यक्ष ने उन्हें बाहर निकालने का आदेश दिया और फैसला सुनाया कि विपक्षी पार्टी के विधायक आज की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते.
सदन के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए पलानीस्वामी ने कहा कि वह कल्लाकुरिची शराब त्रासदी को उजागर करना चाहते हैं, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसमें 50 लोग मारे गए हैं. बाद में, सीएम स्टालिन ने स्पीकर से अपील की कि मुख्य विपक्षी दल के सदस्यों को कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जाए, जिसे अप्पावु ने विधिवत स्वीकार किया और AIADMK विधायकों को वापस आने को कहा. बता दें, पलानीस्वामी सहित विपक्षी पार्टी के विधायक पहले काली शर्ट पहनकर विधानसभा में आए थे.
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