गुवाहाटी: असम तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत भेजी है. उन पर चुनाव प्रचार के नाम पर देश के विभिन्न हिस्सों में नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया है. असम तृणमूल कांग्रेस ने सीएम सरमा पर अति-सांप्रदायिक और भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि, सीएम सरमा ने समाज में नफरत की भावना पैदा करने की कोशिश की है. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को एक शिकायत पत्र में, टीएमसी असम ने सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है. पत्र में 15 मई को झारखंड में एक चुनाव प्रचार रैली में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के भाषण का जिक्र करते हुए टीएमसी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुसलमानों के खिलाफ बोलकर हिंदू समुदाय को उकसाया था.
टीएमसी ने असम सीएम के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की
टीएमसी ने शिकायत पत्र में आरोप लगााय कि, 'हिमंत बिस्वा ने अपने संबोधन में कहा कि मुगलों ने पूरे देश को गंदा कर दिया है और अब हिंदुओं को इसे साफ करना है. आरोप में कहा गया है कि, मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इस बार बीजेपी को 400 सीटें मिलेंगी तो ज्ञानबापी मस्जिद की जगह बाबा विश्वनाथ का मंदिर बनाया जाएगा. टीएमसी के शिकायत पत्र में कहा गया है कि, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि हिंदुओं को यह बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और मुसलमानों को इतनी बड़ी मात्रा में पैसा अपने पास नहीं रखना चाहिए. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केवल मुस्लिम नेता ही ऐसे अपराध कर सकते हैं. तृणमूल कांग्रेस असम ने शिकायत पत्र के साथ झारखंड में एक चुनाव प्रचार रैली में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान का मीडिया लिंक भेजा है और इसे चुनाव आयोग को भेजा है.
'नफरत पैदा कर रहे हैं हिमंत बिस्वा', टीएमसी का आरोप
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि असम के सीएम ने अपने भाषणों में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत पैदा की और हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ भड़काया. टीएमसी ने अपने आरोप में जिक्र किया कि मुख्यमंत्री का बयान न केवल असंवैधानिक है बल्कि आदर्श आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन भी है. जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की वकालत की है.
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