नई दिल्ली: एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार मामले में कर्नाटक के सिंगर टीएम कृष्णा को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि टीएम कृष्णा को एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी. कृष्णा को यह पुरस्कार रविवार को दिया गया था. कर्नाटक संगीत की उस्ताद एमएस सुब्बुलक्ष्मी का 2004 में निधन हो गया था.
शीर्ष अदालत ने मद्रास संगीत अकादमी को संगीतकार कृष्णा को पुरस्कार प्रदान करने की अनुमति देने वाले मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर यह आदेश पारित किया. हाईकोर्ट द्वारा अकादमी को कृष्णा को पुरस्कार प्रदान करने से रोकने वाले अंतरिम आदेश को खारिज करने के कुछ घंटों बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी.
जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि कृष्णा को संगीत कलानिधि एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार प्राप्त करने वाले के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने सुप्रीम कोर्ट में अपीलकर्ता वी श्रीनिवासन का पक्षा रखा, जो सुब्बुलक्ष्मी के पोते हैं. संगीत अकादमी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने पीठ से आग्रह किया कि वह संगीत कलानिधि एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में मान्यता न दिए जाने के बजाय इस उपाधि का उपयोग न करने पर विचार करे. वैद्यनाथन ने कहा, "अगर माननीय न्यायाधीश इसे उचित समझें तो इसका उपयोग न करें."
कृष्णा के वकील ने पीठ से इस उपाधि का उपयोग न करने पर विचार करने का अनुरोध किया. हालांकि, जस्टिस रॉय ने स्पष्ट किया कि कृष्णा को मान्यता नहीं दी जानी चाहिए, यही एकमात्र उपाय है जिससे न्यायालय समय को पीछे की ओर मोड़ सकता है.
सुब्बुलक्ष्मी के पोते श्रीनिवासन ने सिंगर कृष्णा को पुस्कार दिए जाने पर आपत्ति जताई है. श्रीनिवासन की ओर से दायर याचिका के बाद पिछले महीने मद्रास हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया था.
संगीत कलानिधि एमएस सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार को संगीत अकादमी और अंग्रेजी अखबार द हिंदू द्वारा 2005 में संयुक्त रूप से शुरू किया गया था. कर्नाटक संगीत में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है और इसके तहत एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है.
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