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दिल्ली में IT रिटर्न नहीं भरने पर महिला को छह महीने की सजा, जानें पूरा मामला - Delhi women income tax return case

IT Return Case: दिल्ली की एक महिला को इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने छह महीने की सजा सुनाई है. साथ ही 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

इनकम टैक्स दायरे में आती थी महिला
इनकम टैक्स दायरे में आती थी महिला
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 12, 2024, 4:36 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की एक महिला को इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) नहीं भरने के मामले में कोर्ट ने 6 महीने की सजा सुनाई है. दरअसल, तीस हजारी कोर्ट ने महिला को यह सजा इनकम टैक्स ऑफिस की शिकायत पर मामला दर्ज होने के बाद सुनाई है. महिला ने दो करोड़ रुपए की वार्षिक आय पर आईटीआर नहीं भरा था.

जानकारी के अनुसार, 2013-14 में आरोपी को दी गई दो करोड़ रुपए की रसीद के बदले में दो लाख रुपए की कटौती की गई. लेकिन, इनकम का कोई रिटर्न नहीं दाखिल किया गया. कोर्ट ने आरोपित महिला को 5000 रुपए जुर्माने के साथ 6 महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयंक मित्तल ने दलीलें सुनने के बाद मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करते हुए सजा सुनाई है. हालांकि, अदालत ने उसके आवेदन पर विचार करने के बाद उसकी अपील के लिए 30 दिन की जमानत दे दी है.

विशेष लोक अभियोजक अर्पित बत्रा ने अदालत से कहा कि किसी दोषी को सजा देने के लिए कर चोरी की राशि नहीं, बल्कि प्रावधान का उद्देश्य महत्वपूर्ण है. यह भी प्रस्तुत किया गया कि प्रावधान का उद्देश्य कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदाई व्यक्तियों को समय पर अपनी आय का रिटर्न दाखिल करने से रोकना है. वहीं, दोषी के वकील ने कहा कि दी गई सजा में दोषी की सामाजिक परिस्थितियों और अपराध करने का समय और सजा सुनाए जाने के समय दोषी की स्थिति की भी चर्चा होनी चाहिए.

क्या है आईटीआर: वर्ष 1961 के आयकर अधिनियम के अनुसार 60 साल से कम उम्र तक के व्यक्ति को अपनी पूरी साल की टैक्सेबल आमदनी पर रिटर्न दाखिल करना होता है. आयकर का स्लैब केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है. स्लैब के अनुसार ही हर व्यक्ति को आयकर भरना होता है. आईटीआर भरने के लिए एक फॉर्म आता है, जिसको भरकर के साथ में धनराशि जमा करके रिटर्न भर दिया जाता है. यह कार्य चार्टर्ड अकाउंटेंट के द्वारा किया जाता है.

नई दिल्ली: दिल्ली की एक महिला को इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) नहीं भरने के मामले में कोर्ट ने 6 महीने की सजा सुनाई है. दरअसल, तीस हजारी कोर्ट ने महिला को यह सजा इनकम टैक्स ऑफिस की शिकायत पर मामला दर्ज होने के बाद सुनाई है. महिला ने दो करोड़ रुपए की वार्षिक आय पर आईटीआर नहीं भरा था.

जानकारी के अनुसार, 2013-14 में आरोपी को दी गई दो करोड़ रुपए की रसीद के बदले में दो लाख रुपए की कटौती की गई. लेकिन, इनकम का कोई रिटर्न नहीं दाखिल किया गया. कोर्ट ने आरोपित महिला को 5000 रुपए जुर्माने के साथ 6 महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयंक मित्तल ने दलीलें सुनने के बाद मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करते हुए सजा सुनाई है. हालांकि, अदालत ने उसके आवेदन पर विचार करने के बाद उसकी अपील के लिए 30 दिन की जमानत दे दी है.

विशेष लोक अभियोजक अर्पित बत्रा ने अदालत से कहा कि किसी दोषी को सजा देने के लिए कर चोरी की राशि नहीं, बल्कि प्रावधान का उद्देश्य महत्वपूर्ण है. यह भी प्रस्तुत किया गया कि प्रावधान का उद्देश्य कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदाई व्यक्तियों को समय पर अपनी आय का रिटर्न दाखिल करने से रोकना है. वहीं, दोषी के वकील ने कहा कि दी गई सजा में दोषी की सामाजिक परिस्थितियों और अपराध करने का समय और सजा सुनाए जाने के समय दोषी की स्थिति की भी चर्चा होनी चाहिए.

क्या है आईटीआर: वर्ष 1961 के आयकर अधिनियम के अनुसार 60 साल से कम उम्र तक के व्यक्ति को अपनी पूरी साल की टैक्सेबल आमदनी पर रिटर्न दाखिल करना होता है. आयकर का स्लैब केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है. स्लैब के अनुसार ही हर व्यक्ति को आयकर भरना होता है. आईटीआर भरने के लिए एक फॉर्म आता है, जिसको भरकर के साथ में धनराशि जमा करके रिटर्न भर दिया जाता है. यह कार्य चार्टर्ड अकाउंटेंट के द्वारा किया जाता है.

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