अमरावती : आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद विवाद पर घमासान मचा है. वहीं, इससे कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा है. इन्हीं भक्तों में से एक आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण को काफी आहत हुए हैं. उन्हें पश्चाताप हो रहा है. ऐसे में उन्होंने श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में आज से प्रायश्चित कर है. पवन कल्याण ने 11 दिन की 'प्रायश्चित दीक्षा' शुरू कर दी है. इस दौरान वह 11 दिनों के उपवास पर रहेंगे.
जनसेना पार्टी के नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें इस बात के लिए प्रायश्चित हो रहा है कि उन्हें इस कथित पशु चर्बी के बारे में पहले पता नहीं चला. उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'हमारी संस्कृति, आस्था, विश्वास और श्रद्धा की धर्मधुरी, श्री तिरुपति बालाजी धाम के प्रसाद में कुत्सित प्रयासों के तहत जो अपवित्रता का संचार करने की कोशिश की गई उससे मैं व्यक्तिगत स्तर पर अत्यंत मर्माहत हूं.
हमारी संस्कृति, आस्था, विश्वास और श्रद्धा की धर्मधुरी, श्री तिरुपति बालाजी धाम के प्रसाद में, कुत्सित प्रयासों के तहत, जो अपवित्रता का, संचार करने की कोशिश की गई, उससे मैं व्यक्तिगत स्तर पर, अत्यंत मर्माहत हूँ, और सच कहूं तो, अंदर से अत्यंत छला गया, महसूस कर रहा हूँ। प्रभु…
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) September 21, 2024
सच कहूं तो अंदर से अत्यंत छला गया, महसूस कर रहा हूं. प्रभु वेंकटेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि इस दुःख के क्षण में हमें और समस्त सनातनियों को अपनी अहैतुकी कृपा से, सबलता प्रदान करें. मैं अभी इसी क्षण भगवन से क्षमा प्रार्थी हो प्रायश्चित दीक्षा हेतु, प्रण सिद्ध कर रहा हूं. ग्यारह दिवसीय उपवास हेतु धर्म संकल्पित हो रहा हूं. ग्यारह दिवसीय, प्रायश्चित दीक्षा के उत्तरार्ध में एक और दो अक्टूबर को मैं तिरुपति जाकर प्रभु के साक्षात दर्शन कर, क्षमा प्रार्थी हो विनती करूंगा और तब भगवन के समक्ष मेरे प्रायश्चित दीक्षा की पूर्णाहूति होगी.
कल्याण ने एक्स पर लिखा, 'पवित्र माना जाने वाला तिरुमाला लड्डू प्रसादम, पिछले शासकों की भ्रष्ट प्रवृत्तियों के परिणामस्वरूप अपवित्र हो गया है. इस पाप को शुरू में न पहचान पाना हिंदू जाति पर एक कलंक है. जिस क्षण मुझे पता चला कि लड्डू प्रसादम में पशु अवशेष हैं, मैं स्तब्ध रह गया. मुझे अपराध बोध हुआ. चूंकि मैं लोगों के कल्याण के लिए लड़ रहा हूं, इसलिए मुझे दुख है कि इस तरह की परेशानी शुरू में मेरे ध्यान में नहीं आई.'
Guntur: Andhra Pradesh Deputy CM Pawan Kalyan says, " prasadam distribution has been ongoing for more than 100 years. but under ysrcp's rule, ttd board was altered for political gain. the sri venkateswara trust was established, leading to various scams. worship protocols were… pic.twitter.com/yEKJEmhxfx
— ANI (@ANI) September 22, 2024
पवन कल्याण ने कहा, 'सनातन धर्म में आस्था रखने वाले सभी लोगों को कलियुग के देवता बालाजी के साथ हुए इस घोर अन्याय के लिए प्रायश्चित करना चाहिए. इसके तहत मैंने तपस्या करने का निर्णय लिया है. 22 सितंबर 2024 रविवार की सुबह मैं गुंटूर जिले के नम्बूर स्थित श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दीक्षा लूंगा. 11 दिनों तक दीक्षा जारी रखने के बाद मैं तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करूंगा.'
जनसेना नेता ने आगे भगवान से विनती की कि उन्हें पिछले नेताओं द्वारा किए गए पापों को धोने की शक्ति दें. उन्होंने कहा, 'मैं भगवान से विनती करता हूं कि मुझे पिछले शासकों द्वारा आपके खिलाफ किए गए पापों को धोने की शक्ति दें.' केवल वे लोग ही ऐसे अपराध करते हैं, जिन्हें ईश्वर पर कोई भरोसा नहीं है और जिन्हें पाप का डर नहीं है. मेरा दर्द यह है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम प्रणाली का हिस्सा बनने वाले बोर्ड के सदस्य और कर्मचारी भी वहां की गलतियों का पता नहीं लगा पाते हैं, अगर उन्हें पता भी चलता है, तो वे इसके बारे में बात नहीं करते हैं.'
कल्याण ने कहा, 'ऐसा लगता है कि वे उस समय के राक्षसी शासकों से डरते थे. पिछले शासकों के व्यवहार ने तिरुमाला, जिसे वैकुंठ धाम माना जाता है, की पवित्रता, शिक्षाशास्त्र और धार्मिक कर्तव्यों के प्रति ईशनिंदा का काम किया है. इससे हिंदू धर्म का पालन करने वाले सभी लोग आहत हुए हैं. यह तथ्य कि लड्डू प्रसाद की तैयारी में पशु अवशेषों वाले घी का उपयोग किया गया था. धर्म को बहाल करने की दिशा में कदम उठाने का समय आ गया है.'
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा, 'प्रसाद वितरण 100 से अधिक वर्षों से चल रहा है लेकिन वाईएसआरसीपी के शासन में राजनीतिक लाभ के लिए टीटीडी बोर्ड में बदलाव किया गया. श्री वेंकटेश्वर ट्रस्ट की स्थापना की गई, जिससे कई घोटाले हुए. पूजा के प्रोटोकॉल बदल दिए गए और 300 से अधिक मंदिरों को अपवित्र कर दिया गया. मैं सवाल करता हूं कि क्या अधिकारी सभी मंदिरों में प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. प्रसाद में मछली का तेल, गोमांस और सूअर की चर्बी पाई गई है. यहां तक कि वाईएसआरसीपी शासन के दौरान अयोध्या को भी टीटीडी से दूषित लड्डू मिले.'