रामनगर (उत्तराखंड): विश्व विख्यात जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जैव विविधता के लिए देश-विदेश में जाना जाता है. यहां पर वनों और वन्यजीवों के दीदार के लिए पर्यटक पूरे वर्ष पहुंचते हैं. यहां बंगाल टाइगर के अलावा भी कई प्रकार के जीव जंतु में टाइगर की प्रजातियां पाई जाती हैं. आज हम इनके बारे में आपको बताते हैं.
जिम कॉर्बेट पार्क में तितलियों का संसार: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पूरे विश्व में बाघों के घनत्व के मामले में अव्वल स्थान रखता है. यहां पर बाघ, हाथी, गुलदार आदि वन्य जीवों के दीदार के लिए पर्यटक लाखों की संख्या में पूरे वर्ष पहुंचते हैं. पर्यटकों की पहली पसंद बंगाल टाइगर को देखना होता है.
वहीं कुछ पर्यटक वनों और वन्यजीवों के दीदार के लिए आते हैं तो कुछ पर्यटक पक्षियों और तितलियों के दीदार के लिए भी यहां पर पहुंचते हैं. वैसे तो कॉर्बेट पार्क में बंगाल टाइगर की एक ही प्रजाति है, लेकिन अगर कीटों की बात करें तो इनमें भी टाइगर की कई प्रजातियां पाई जाती हैं.
टाइगर प्रजाति की भी होती हैं तितलियां: कॉर्बेट पार्क में टाइगर नाम से तितलियों की कई प्रजातियां मौजूद हैं. इस वक्त बरसात के मौसम में फूलों के खिलने पर ये अत्यधिक संख्या में दिखाई दे रही हैं. इसी कॉर्बेट पार्क में खूबसूरत तितलियों और टाइगर तितलियों का संसार भी बसता है. इनमें स्ट्राइप्ड टाइगर, प्लेन टाइगर, ब्लू टाइगर, ग्लासी टाइगर, डार्क ब्लू टाइगर, चेस्टनट टाइगर, पीकॉक पैंसी, लाइम बटरफ्लाई, कॉमन मॉर्मून, कॉमन जेजबैल, ग्रे पेंसी, ऑरेंज ऑकलीफ प्रकार की तितलियां पाई जाती हैं.
तितली विशेषज्ञ क्या कहते हैं: तितली विशेषज्ञ संजय छिम्वाल कहते हैं कि तितलियां स्वस्थ पर्यावरण का सूचक हैं. तितलियां हमारे पारिस्थितिक तंत्र का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. परागण में सहायक हैं. तितलियों कि संख्या सीधे तौर पर जैव विविधता की पूरक हैं. जितनी ज्यादा तितलियां हमारे आस-पास होंगी, उतना ही अच्छा और मजबूत हमारा पारिस्थितिक तंत्र होगा.
संजय कहते हैं कि तितलियां बरसात में अधिकतर इसलिए दिखाई देती हैं, क्योंकि बारिश के बाद वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जो उनके लिए उपयुक्त होती है. यह उन्हें भोजन की खोज में मदद करती है. जैसे कि फूलों से आने वाले रस, इसके अलावा बारिश के बाद वातावरण में ठंडक भी आती है, जिससे तितलियों को उड़ने में आसानी होती है. बारिश के बाद फूलों की संख्या भी बढ़ती है, जो उनके लिए आकर्षण का स्रोत होते हैं.
कॉर्बेट पार्क में तितलियों की 200 से ज्यादा प्रजातियां: संजय बताते हैं कि तितलियां अंडे देने के लिए आमतौर पर कुछ विशेष प्रक्रियाओं का पालन करती हैं. वे उपयुक्त स्थान की खोज करती हैं. आजकल बरसात में तितलियां उन पौधों की तलाश करती हैं, जिन पर उनके अंडों के लिए सही पोषण होता है और बरसात में ये पौधे फूल अधिकतम संख्या में पाए जाते हैं.
संजय ने बताया कि कॉर्बेट और उसके लैंडस्केप में 200 से अधिक प्रजातियों की तितलियां पाई जाती हैं. उन्होंने बताया कुछ इनमें कुछ सामान्य हैं और कुछ रेयर प्रजाति की हैं. तितली विशेषज्ञ के अनुसार वैसे तो टाइगर एक ही होता है, लेकिन जो बटरफ्लाई हैं उनमें टाइगर स्पीशीज की कई प्रजातियां हैं. इनमें स्ट्राइप्ड टाइगर, प्लेन टाइगर, ब्लू टाइगर, ग्लासी टाइगर, डार्क ब्लू टाइगर, चेस्टनट टाइगर, पीकॉक पैंसी, लाइम बटरफ्लाई, कॉमन मॉर्मून, कॉमन जेजबैल, ग्रे पेंसी, ऑरेंज ऑकलीफ हैं.
जैव विविधता का केंद्र है टाइगर रिजर्व: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर डॉक्टर साकेत बडोला ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैव विविधता का बहुत अच्छा केंद्र है. इसमें ज्यादातर टाइगर, एलीफेंट और लेपर्ड की तरफ ही हमारा मुख्य ध्यान जाता है. लेकिन उनके साथ-साथ बहुत ऐसे जीव जंतु हैं, जो यहां कॉर्बेट पार्क में पाए जाते हैं. इनमें तितलियां भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. इकोसिस्टम को प्रिजर्व करने में तितलियों का महत्वपूर्ण योगदान है.
पारिस्थितिक तंत्र में विविधता बहुत अच्छी है. उन्होंने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और पूरे लैंडस्केप में लगभग 200 प्रकार की तितलियां पाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि पार्क प्रबंधन का लगातार प्रयास रहता है कि मेजर स्पीशीज हैं के साथ ही जो कीट-पतंगे हैं, उनके संरक्षण के लिए भी लगातार प्रयास किए जाएं. इसके लिए प्रमुख पहला स्टेप है उसके बारे में जागरूकता फैलाना.
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