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हल्द्वानी हिंसा: 6 आरोपियों में से तीन की पहले ही हो चुकी है मौत, पुलिस की जांच अब अब्दुल और साफिया पर अटकी - Haldwani Banbhoolpura Violence

हल्द्वानी हिंसा मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. हल्द्वानी नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट की तहरीर पर पुलिस ने जिन 6 लोगों के खिलाफ सरकारी जमीन को खुद-बुर्द करने का मुकदमा दर्ज किया था, उसमें से तीन की मौत हो चुकी है. एक व्यक्ति जिंदगी और मौत से लड़ रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 8, 2024, 10:29 AM IST

Updated : Apr 8, 2024, 11:21 AM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जिला मुख्यालय हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में बीती आठ फरवरी को हुई हिंसा के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. हल्द्वानी नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने सरकार जमीन खुर्द-बुर्द करने को लेकर 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. इन 6 में से तीन आरोपियों की पूर्व में मौत हो चुकी है, जबकि एक की हालत नाजुक है. बाकी के दो आरोपी अब्दुल मलिक और उसकी पत्नी साफिया जेल में है. पुलिस की जांच में ये खुलासा हुआ है. ऐसे में पुलिस की जांच दस्तावेजों में ही अटककर रह गई है.

पहले आपको हल्द्वानी हिंसा के बारे में बताते हैं. दरअसल, बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में मलिका का बगीचा इलाका था, जहां सरकारी भूमि पर अवैध नमाज स्थल और मदरसा बना हुआ था. इस अवैध इमारत को हल्द्वानी नगर निगम की टीम ने बीती आठ फरवरी को तोड़ दिया था, जिससे बाद वहां हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. उपद्रवियों ने करीब 4 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया था.

इस मामले में हल्द्वानी नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने कोतवाली हल्द्वानी में शिकायती पत्र सौंपा था. शिकायती पत्र में अब्दुल मलिक (निवासी अब्दुला बिल्डिंग लाइन नंबर आठ), साफिया मलिक पत्नी अब्दुल मलिक, अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां, नबी रजा खां निवासी हल्द्वानी, गौसरजा खां निवासी लाइन नंबर 17 आजाद नगर हल्द्वानी और अब्दुल लतीफ निवासी बरेली (उत्तर प्रदेश) पर आरोप लगाया था.

आरोप था कि इन्होंने मृत व्यक्ति का शपथपत्र देकर राजकीय जमीन (मलिक का बगीचा) हड़पने, खुर्द-बुर्द करने, बेचने का आपराधिक षड्यंत्र किया है. सरकारी विभागों और कोर्ट में मृत व्यक्ति के नाम से झूठे शपथपत्र दिए. मृत व्यक्ति के नाम से कोर्ट में रिट भी डाली गई. पुलिस ने तहरीर के आधार पर साफिया मलिक, अब्दुल मलिक, अख्तरी बेगम, नबी रजा खां, गौस रजा खां और अब्दुल लतीफ के खिलाफ धोखाधड़ी, आईपीसी 417 और 120 बी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.

पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी नबी रजा खां, अख्तरी बेगम और अब्दुल लतीफ की पहले ही मौत हो चुकी है, जबकि गौस रजा खां की उम्र 82 वर्ष है और वो बीमार है. उनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. तीन आरोपियों की मौत और एक आरोपी मौत और जिंदगी से जूझ रहा है. ऐसे में अब मलिक की बगीचे की जमीन खुर्द-बुर्द मामले में पुलिस की जांच केवल अब्दुल मलिक और उसकी पत्नी साफिया मलिक पर अटक गई है. पुलिस जल्द साफिया मलिक से इस बारे में पूछताछ कर सकती है.

एसएसपी नैनीताल प्रह्वाद नारायण मीणा का कहना है कि पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है. दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. जल्द ही पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है.

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हल्द्वानी: नैनीताल जिला मुख्यालय हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में बीती आठ फरवरी को हुई हिंसा के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. हल्द्वानी नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने सरकार जमीन खुर्द-बुर्द करने को लेकर 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. इन 6 में से तीन आरोपियों की पूर्व में मौत हो चुकी है, जबकि एक की हालत नाजुक है. बाकी के दो आरोपी अब्दुल मलिक और उसकी पत्नी साफिया जेल में है. पुलिस की जांच में ये खुलासा हुआ है. ऐसे में पुलिस की जांच दस्तावेजों में ही अटककर रह गई है.

पहले आपको हल्द्वानी हिंसा के बारे में बताते हैं. दरअसल, बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में मलिका का बगीचा इलाका था, जहां सरकारी भूमि पर अवैध नमाज स्थल और मदरसा बना हुआ था. इस अवैध इमारत को हल्द्वानी नगर निगम की टीम ने बीती आठ फरवरी को तोड़ दिया था, जिससे बाद वहां हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. उपद्रवियों ने करीब 4 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया था.

इस मामले में हल्द्वानी नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने कोतवाली हल्द्वानी में शिकायती पत्र सौंपा था. शिकायती पत्र में अब्दुल मलिक (निवासी अब्दुला बिल्डिंग लाइन नंबर आठ), साफिया मलिक पत्नी अब्दुल मलिक, अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां, नबी रजा खां निवासी हल्द्वानी, गौसरजा खां निवासी लाइन नंबर 17 आजाद नगर हल्द्वानी और अब्दुल लतीफ निवासी बरेली (उत्तर प्रदेश) पर आरोप लगाया था.

आरोप था कि इन्होंने मृत व्यक्ति का शपथपत्र देकर राजकीय जमीन (मलिक का बगीचा) हड़पने, खुर्द-बुर्द करने, बेचने का आपराधिक षड्यंत्र किया है. सरकारी विभागों और कोर्ट में मृत व्यक्ति के नाम से झूठे शपथपत्र दिए. मृत व्यक्ति के नाम से कोर्ट में रिट भी डाली गई. पुलिस ने तहरीर के आधार पर साफिया मलिक, अब्दुल मलिक, अख्तरी बेगम, नबी रजा खां, गौस रजा खां और अब्दुल लतीफ के खिलाफ धोखाधड़ी, आईपीसी 417 और 120 बी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.

पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी नबी रजा खां, अख्तरी बेगम और अब्दुल लतीफ की पहले ही मौत हो चुकी है, जबकि गौस रजा खां की उम्र 82 वर्ष है और वो बीमार है. उनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. तीन आरोपियों की मौत और एक आरोपी मौत और जिंदगी से जूझ रहा है. ऐसे में अब मलिक की बगीचे की जमीन खुर्द-बुर्द मामले में पुलिस की जांच केवल अब्दुल मलिक और उसकी पत्नी साफिया मलिक पर अटक गई है. पुलिस जल्द साफिया मलिक से इस बारे में पूछताछ कर सकती है.

एसएसपी नैनीताल प्रह्वाद नारायण मीणा का कहना है कि पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है. दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. जल्द ही पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है.

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Last Updated : Apr 8, 2024, 11:21 AM IST
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