हैदराबाद: तेलंगाना में साइबर अपराधियों ने तीन बुजुर्गों से उनकी मेहनत की कमाई ठग ली. तीनों के खातों से करीब 15.78 करोड़ रुपये निकाल लिए गए. हाल ही में तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (सीएसबी) ने पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार ये ठगी राज्य के अलग-अलग इलाकों में हुई है.
शेयर मार्केट के नाम पर 5.98 करोड़ रुपये की ठगी
कुकटपल्ली वसंतनगर के एक व्यवसायी (63) को 23 जनवरी को एक व्हाट्सएप मैसेज मिला, जिसमें उन्हें गोल्डमैन सैक्स बिजनेस स्कूल में शामिल होने के लिए कहा गया. इसमें कहा गया कि शेयरों के बारे में कई तरह के कौशल सिखाए जाएंगे. बाद में सीता नाम की एक महिला ने उन्हें फोन किया.
उसने खुद को गोल्डमैन कंपनी के एमडी जयसाहनी की असिस्टेंट बताते हुए व्यवसायी को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया. इसके बाद उसने एपल स्टोर से 'जीएसआईएन' नाम का एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा. उसी महीने की 30 तारीख से उसने व्यवसायी से कई किस्तों में 5.98 करोड़ रुपये के निवेश कराए. ऐप पर उन शेयरों की कीमत 21 करोड़ रुपये दिखाई गई.
व्यवसायी ने सीता से कहा कि वह मुनाफे में से कुछ रकम निकालना चाहता है. लेकिन पैसे निकालने के लिए महिला ने मुनाफे से 20 प्रतिशत यानी करीब 2.88 करोड़ रुपये की मांग की. पीड़ित व्यवसायी ने व्हाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्यों से इस बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया. आखिरकार, उस महिला से पैसे न मिलने पर पीड़ित ने इस महीने की 6 तारीख को पुलिस में शिकायत दर्द कराई.
सेवानिवृत्त ट्रांस्को सीईओ से 4.82 करोड़ रुपए की ठगी
वहीं दूसरा मामला 13 जून को नचाराम में रहने वाले टीजी ट्रांस्को के सेवानिवृत्त सीईओ (75) को एक व्यक्ति ने फोन करके खुद को मुंबई दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताया. उसने कहा कि आपके नाम के सिम से कई लोगों को परेशान करने वाले कॉल किए जा रहे हैं, इसलिए आपके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
जब बुजुर्ग ने कहा कि उसने कोई सिम नहीं लिया है, तो उसने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का सुझाव देते हुए कॉल किसी को ट्रांसफर कर दी. कॉल पर दूसरी ओर मुंबई के चेंबूर एसआई के तौर पर बात करने वाले एक अन्य व्यक्ति ने स्काइप के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने का सुझाव दिया. सेवानिवृत्त सीईओ ने कहा कि उसके पास स्काइप अकाउंट नहीं है.
इसके बाद आकाश कुलहारी नाम के एक अन्य व्यक्ति ने पीड़ित को व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल किया और खुद को एक आईपीएस अधिकारी बताया. उसने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया गया है. उस फर्जी आईपीएस ने पीड़ित से कहा कि अगर उसने बताए गए तरीके से काम किया, तो वह मामले को जल्दी खत्म कर देगा.
इसके बाद आरोपी ने पीड़ित से पैसों की मांग की और उन्हें धमकाया. इसके बाद पीड़ित ने अपने बैंक खातों, म्यूचुअल फंड, एफडी, एलआईसी बॉन्ड आदि से पैसे निकाले और आरटीजीएस के माध्यम से कुल 4.82 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया. इसके बाद पीड़ित ने हाल ही में सीएसबी में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई.
80 वर्षीय बुजुर्ग के साथ 4.98 करोड़ की ठगी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 19 मई को रामचंद्रपुरम के बीएचईएल टाउनशिप के पास रहने वाले एक 80 वर्षीय बुजुर्ग को कबीरसिंह नाम के एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को सीबीआई अधिकारी बताया. उसने पीड़ित को बताया कि नरेश गोयल नाम के व्यक्ति ने बुजुर्ग के आधार नंबर पर एक सिम कार्ड ले लिया है और उसका गलत इस्तेमाल किया है. सीबीआई ने इसे लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया है.
चूंकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर अपराध है, इसलिए उसने पीड़ित को जेल में डालने की धमकी दी. बुजुर्ग ने चिंतित होकर कहा कि उसने अपनी जिंदगी भर की कमाई कई जगहों पर निवेश करके बचाई है और वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं है. लेकिन फोन पर बात करने वाले व्यक्ति ने जांच जल्द से जल्द पूरी करने के लिए वीडियो कॉल पर बात करने का सुझाव दिया.
उसने शर्त रखी कि जांच पूरी होने तक घर में किसी को भी यह बात न बताई जाए और अलग कमरे में बात की जाए. इसके बाद जब उसने बुजुर्ग को व्हाट्सएप वीडियो कॉल की तो उसने मामले से जुड़े कई दस्तावेज दिखाए, जिससे पीड़ित और भी ज्यादा घबरा गए. कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि आपके पास जो भी पैसा है, उसे सुप्रीम कोर्ट की समीक्षा के लिए बताए गए खातों में आरटीजीएस के जरिए भेज दिया जाए.
कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि अगर यह पाया जाता है कि मनी लॉन्ड्रिंग से कोई संबंध नहीं है, तो मामला बंद कर दिया जाएगा. इसे सच मानकर पीड़ित ने 20 मई से 20 जून तक कई किस्तों में कुल 4,98,75,000 रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए. डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी पैसे वापस न मिलने पर पीड़ित ने यह बात अपने दामाद को बताई.
उन्होंने कहा कि यह सब धोखाधड़ी है और उन्होंने चार दिन पहले सीएसबी में शिकायत दर्ज कराई. पिछले महीने की 26 तारीख को भी एक अन्य व्यक्ति ने पीड़ित को कॉल कर खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से सिम कार्ड से कई लोगों को परेशान करने वाले कॉल किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि पीड़ित ने यह बात अपने दामाद को बताई, जिसने उन्हें ऐसी कॉल पर विश्वास न करने की सलाह दी.