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सिर्फ कुल्लू-मनाली और शिमला नहीं है हिमाचल की पहचान, ये भी हैं देवभूमि के ब्रांड एंबेसडर - Himachali Food

Himachal Statehood Day 2024: 25 जनवरी 1971 को भारत के नक्शे पर हिमाचल प्रदेश 18वें राज्य के रूप में उभरा. Himachal Statehood day: आज हिमाचल प्रदेश 53 साल का हो गया है. वैसे तो हिमाचल की पहचान उसकी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन के लिए रही है लेकिन आज के हिमाचल प्रदेश की कई पहचान हैं. जिनमें से कुछ इंटरनेट पर तो कुछ बॉलीवुड फिल्मों और कुछ सोशल मीडिया रील्स पर नजर आ जाते हैं. लेकिन हिमाचल के बारे में कई चीजें ऐसी हैं जिनके बारे में कई लोगों को नहीं पता, आपको हिमाचल की कितनी जानकारी है ? पढ़े दिलचस्प जानकारी

himachal pradesh
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 7:21 PM IST

Updated : Jan 25, 2024, 1:45 PM IST

शिमला: ऊंचे-ऊंचे पहाड़, नदियां और साफ हवा, पहली नजर में हिमाचल प्रदेश की पहचान इतनी ही नजर आती है. लेकिन 53 बरस के हो चुके इस राज्य की कई ऐसी पहचान है, जो इसे देशभर में बहुत खास बनाती हैं. शिक्षा का स्तर हो या प्रति व्यक्ति आय, हिमाचल की गिनती अग्रणी राज्यों में होती हैं. कुदरती की दी गई खूबसूरती से इतर इस राज्य के बारे में ज्यादातर लोग कुछ खास नहीं जानते हैं. हिमाचल की पहचान बहुत व्यापक हो चली है और आज इसके कई ब्रांड एंबेसडर हैं, जो इस राज्य को नया आयाम दे रहे हैं. इनमें से कुछ के बारे में आप भी जानते होंगे लेकिन कुछ ऐसी बातें है जो बहुत कम लोग जानते हैं.

हिमाचल है देश के फलों की टोकरी
हिमाचल है देश के फलों की टोकरी

Apple Bowl of India- हिमाचल प्रदेश को देश की फलों की टोकरी कहा जाए तो गलत नहीं है. खासकर सेब उत्पादन में जम्मू-कश्मीर के बाद हिमाचल का नाम आता है. इसलिये इसे Apple Bowl of India भी कहते हैं. हिमाचल से औसतन हर साल करीब 3 करोड़ सेब की पेटियां बाजार में पहुंचती है. यानी अगर आप कोई सेब खा रहे हैं तो हो सकता है कि वो शिमला या कुल्लू के किसी बगीचे का हो. इसके अलावा संतरा, नाशपती, प्लम, आड़ू, अमरूद और स्टोन फ्रूट की पैदावार भी होती है.

कांगड़ा की चाय
कांगड़ा की चाय

एक प्याली कांगड़ा चाय- जब भी चाय की बात होती है तो असम या दार्जिलिंग का जिक्र आता है. लेकिन हिमाचल के कांगड़ा जिले की चाय भी काफी मशहूर है. पालमपुर में मौजूद चाय के बागान हैं, जिसकी खुशबू और स्वाद अन्य चाय से बेहतर बताते हैं. इस चाय को यूरोपियन यूनियन का जीआई टैग भी मिल गया है.

दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस
दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस

सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस और पोलिंग बूथ- लाहौल स्पीति जिले में करीब 15,256 फीट (4650 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित टशीगंग गांव दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र हैं. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां 52 मतदाता थे. इसी तरह लाहौल स्पीति के हिक्किम गांव में दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस और जिम मौजूद है. 14,567 फीट की ऊंचाई पर बसा ये गांव पहले दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ भी था. अगली बार जब इस सबसे ऊंचे पोस्ट ऑफिस पर जाएं तो वहां से अपने दोस्तों को पोस्टकार्ड भेजना ना भेजें, जो यादगार बन जाएगा.

देश के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी
देश के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी

देश का पहला वोटर- भारत के पहले वोटर भी हिमाचल से ही थे. किन्नौर जिले के मास्टर श्याम सरन सिंह नेगी ने देश के पहले लोकसभा चुनाव में सबसे पहले वोट डाला था. देश में पहला चुनाव 1952 की शुरुआत में हुए लेकिन बर्फबारी के अलर्ट को देखते हुए हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में वोटिंग अक्टूबर 1951 में करवाई गई थी. तब श्याम सरन नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था, हालांकि इसका खुलासा करीब 56 साल बाद 2007 में हुआ. श्याम सरन नेगी का निधन 5 नवंबर 2022 को 105 साल की उम्र में हुआ था लेकिन उससे 3 दिन पहले उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए घर से वोट डाल दिया था.

शिमला में राष्ट्रपति निवास 'रिट्रीट'
शिमला में राष्ट्रपति निवास 'रिट्रीट'

राष्ट्रपति निवास- ज्यादातर लोग दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के बारे में तो पता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके इसके अलावा देश में दो और राज्यों में भी राष्ट्रपति निवास हैं. तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित 'राष्ट्रपति निलायम' और हिमाचल के शिमला में स्थित 'रिट्रीट' देश के राष्ट्रपति निवास हैं. राष्ट्रपति इन दोनों जगह पर कुछ दिन के प्रवास के लिए आते रहते हैं. हिमाचल स्थित रिट्रीट अब आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है.

भाखड़ा बांध
भाखड़ा बांध

भाखड़ा बांध- आज देशभर में बड़े-बड़े बांध बन चुके हैं लेकिन 1963 में भाखड़ा बांध देश में बना सबसे बड़ा बांध था. बिलासपुर में गोबिंद सागर झील पर बना ये बांध उस वक्त दुनिया के सबसे ऊंचे बांधों में शुमार था. 6 से 7 दशक पहले भारत जैसे देश के लिए ये किसी उपलब्धि से कम नहीं था. पानी को स्टोर करने के मामले आज भी ये देश का तीसरा सबसे बड़ा बांध है. जबकि ऊंचाई के मामले में टिहरी डैम के बाद भाखड़ा बांध का ही नंबर आता है.

अटल टनल रोहतांग
अटल टनल रोहतांग

अटल टनल- कुल्लू और लाहौल जिले को जोड़ती अटल टनल भी अपने आप में अजूबा ही है. 9.02 किलोमीटर लंबी और 10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर बनी ये दुनिया की सबसे ऊंची सिंगल ट्यूब हाइवे टनल है. इस टनल का निर्माण BRO ने किया है और इसकी मदद से लाहौल स्पीति तक पहुंच आसान हो पाई है. इससे पर्यटकों को लाहौल के खूबसूरत इलाकों में आसानी हुई है. 2020 में शुरू हुई इस टनल की वजह से भारतीय सेना को भी लेह और फिर बॉर्डर तक पहुंचने में कम वक्त लगता है. हर साल लाखों पर्यटक इस टनल का इस्तेमाल करके मनाली और लाहौल के बीच का सफर तय करते हैं. इस टनल की बदौलत पर्यटकों को नया एक्सपीरियंस और सरकार को राजस्व मिल रहा है.

हिमाचल के मंदिर
हिमाचल के मंदिर

देव परंपरा और मंदिर- हिमाचल प्रदेश को देवभूमि भी कहते हैं. यहां की देव परंपराएं और संस्कृति इसे अन्य राज्यों से अलग बनाती हैं. मान्यता है कि पहाड़ों पर देवता वास करते हैं और देवताओं का आदेश मानने से लेकर मेले लगने या पर्व मनाने का सिलसिला यहां सालों से चला आ रहा है. नैनादेवी, ज्वाला जी जैसे शक्तिपीठों के साथ-साथ बैजनाथ, भूतनाथ जैसे शिव मंदिरों के अलावा किन्नर कैलाश यात्रा, मणिमहेश यात्रा जैसी कई धार्मिक यात्राएं भी होती हैं.

कुल्लू दशहरे का नजारा
कुल्लू दशहरे का नजारा

कुल्लू दशहरा- देव परंपराओं का सबसे सटीक उदाहरण कुल्लू दशहरा है. दुनिया भर में मशहूर कुल्लू दशहरा करीब एक हफ्ते तक चलता है और ये तब शुरू होता है जब देशभर में दशहरा खत्म हो जाता है. इसमें कुल्लू जिले के सभी देवी देवता शामिल होते हैं. यहां देवता हरियानों के कंधों पर सवार होकर पहुंचते हैं और मेले के समापन तक देवता के ठहरने का इंतजाम प्रशासन की ओर से किया जाता है. इस दशहरे में हिमाचल की देव परंपरा और संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है.

परमवीर चक्र विजेता
परमवीर चक्र विजेता

4 परमवीर चक्र विजेता- महज 70 लाख की आबादी वाला छोटा सा पहाड़ी राज्य सिर्फ अपनी देव परंपरा और प्राकृतिक नजारों के लिए ही नहीं जाना जाता. हिमाचल की पहचान वीरता भी है और यही वजह है कि देश की सेना में शामिल होने वाले युवाओं में सबसे ज्यादा हिमाचल से होते हैं. हिमाचल के 4 रणबांकुरों शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा और सूबेदार मेजर संजय कुमार को उनके अदम्य साहस और वीरता के लिए सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र के नाम से नवाजा जा चुका है. अब तक सिर्फ 21 जाबाजों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है. मेजर सोमनाथ शर्मा देश के पहले और कैप्टन विक्रम बत्रा आखिरी परमवीर थे.

दलाई लामा
दलाई लामा

दलाई लामा का घर- तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का घर भी हिमाचल में ही है. कांगड़ा जिले के धर्मशाला और मैक्लोडगंज में कई तिब्बती मठ हैं. ये दोनों ही स्थान बहुत खूबसूरत हैं और हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं. करीब 1960 में चीन के तिब्बत पर आक्रमण के बाद दलाई लामा ने अपना देश छोड़ा और भारत में शरण ली. हिमाचल के धर्मशाला से तिब्बत की निर्वासित सरकार चलती है. तिब्बती सरकार में बकायदा चुनाव भी होता है प्रशासन अपना काम भी करता है और ये सब हिमाचल से होता है. एक तरह से तिब्बतियों का हेडक्वार्टर धर्मशाला में कहा जा सकता है.

द ग्रेट खली
द ग्रेट खली

The Great Khali- देश और दुनिया में ऐसे बहुत कम ही बच्चे होंगे जो WWE का फैन ना हों. अब तक कुछ गिने चुने भारतीय भी WWE की रिंग में उतर चुके हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम है दलीप सिंह राणा का, जिन्हें रिंग में द ग्रेट खली के नाम से जाना जाता है. 7 फीट से अधिक ऊंचाई वाले खली अब रेसलिंग छोड़ चुके हैं लेकिन हिमाचल के सिरमौर में जन्मे दलीप सिंह करीब 2 दशक तक WWE की रिंग में अंडरटेकर, केन, बतिस्ता जैसे तमाम रेसलर्स के छक्के छुड़ा चुके हैं. खली अब नए रेसलर्स को ट्रेनिंग देते हैं.

ओलंपिक में सिल्वर पदक जीतने वाले विजय कुमार
ओलंपिक में सिल्वर पदक जीतने वाले विजय कुमार

ओलंपिक मेडलिस्ट- खेल में किसी देश का रुतबा खिलाड़ियों के जीते ओलंपिक पदकों से लगाया जाता है. पिछले कुछ सालों से भारत का ओलंपिक में प्रदर्शन शानदार रहा है. हालांकि ओलंपिक के 128 साल के इतिहास में भारत की झोली में सिर्फ 35 पदक आए हैं इनमें से 23 पदक एकल खेलों में जीते हैं. इनमें हिमाचल के हमीरपुर में पैदा हुए विजय कुमार भी शामिल हैं. जिन्होंने 2012 के लंदन ओलंपिक में 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. सेना में सेवाएं दे चुके विजय कुमार को पद्म श्री, खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन अवॉर्ड के अलावा सेना मेडल, अति विशिष्ट सेना मेडल से भी नवाजा जा चुका है.

एचपीसीए स्टेडियम
एचपीसीए स्टेडियम

दुनिया का सबसे खूबसूरत स्टेडियम- हिमाचल प्रदेश का जिक्र हो और खूबसूरती का जिक्र ना हो ऐसा मुमकिन नहीं. दुनियाभर में कई स्टेडियम हैं जिनकी खूबसूरत लोकेशन की तारीफ होती है लेकिन ये सब धर्मशाला के HPCA क्रिकेट स्टेडियम के सामने फीके हैं. धौलाधार की पहाड़ियों की गोद में बना ये क्रिकेट स्टेडियम की तस्वीरें किसी को भी अपना दीवाना बना सकती है. दुनियाभर के टूरिस्ट के अलावा कई खिलाड़ी भी इस स्टेडियम के दीदार को जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हों में शुमार करते हैं.

शिमला और मनाली
शिमला और मनाली

टूरिस्ट डेस्टिनेशन- कहीं घूमने का जिक्र हो और शिमला, मनाली का नाम ना आए तो हो ही नहीं सकता है. इंटरनेट से लेकर दोस्तों की बातचीत तक में हिमाचल के पर्यटन स्थलों का जिक्र आम है. ज्यादातर की जुबान पर कुल्लू मनाली और शिमला का नाम आता है लेकिन हिमाचल में चंबा, धर्मशाला, कसौल, कुफरी, नारकंडा, सोलंगनाला, किन्नौर, काजा, डल्हौजी, मैक्लोडगंज जैसे कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं. हिम के आंचल हिमाचल में कई ऐसी जगहें हैं, जो पर्यटन के लिहाज से अब भी अनछुए हैं.

रोहतांग में बर्फ का रेगिस्तान
रोहतांग में बर्फ का रेगिस्तान

बर्फ का 'रेगिस्तान'- वैसे तो हिमाचल का नाम आते ही अपने आप ही सर्दी लगने लगती है लेकिन यहां मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ और दुर्गम क्षेत्र हैं. कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां साल में हर वक्त बर्फ देखने को मिल जाएगी. लाहौल स्पीति जिला तो साल के 6 महीने बाकी दुनिया से बर्फबारी के कारण लगभग कटा रहता है. इसी तरह रोहतांग दर्रा भी कई लोगों की पहली पसंद रहता है. बॉलीवुड फिल्मों से लेकर सोशल मीडिया रील्स तक में हिमाचल के ये इलाके नजर आते हैं.

पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग
पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग

पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग- घूमने के शौकीन लोग जहां भी जाते हैं वहां एडवेंचर की तलाश में रहते हैं. इन दिनों पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग टूरिस्ट की पहली पसंद होती है और इसके दीवाने हिमाचल में खिंचे चले आते हैं क्योंकि हिमाचल में पर्यटन दोनों का ही मजा ले सकते हैं. कुल्लू मनाली समेत कई जगहों पर रिवर राफ्टिंग कर सकते हैं तो कांगड़ा के बीड बिलिंग में आपको पैराग्लाइडिंग का शानदार एक्सपीरियंस मिलेगा.

कालका शिमला रेल ट्रैक पर दौड़ती टॉय ट्रेन
कालका शिमला रेल ट्रैक पर दौड़ती टॉय ट्रेन

कालका-शिमला रेल ट्रैक- अगर आप हिमाचल गए हैं और इस ट्रेन में नहीं बैठे तो आपका हिमाचल घूमना अधूरा रह जाएगा. कालका-शिमला रेल ट्रैक यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शुमार है. नैरोगेज की पटरियं से गुजरती टॉय ट्रेन छुक-छुक करते हुए पहाड़ और जंगलों से गुजरती है. कालका से शिमला के बीच में करीब 100 टनलों गुजरती इस ट्रेन में बैठे-बैठे कुदरती नजारे देखना आपके पूरे पैसे वसूल करवा देगा. इस तरह की टॉय ट्रेन दार्जिलिंग और ऊटी जैसे गिने चुने पर्यटन स्थलों पर ही मौजूद है.

बॉलीवुड में हिमाचल की ब्यूटी
बॉलीवुड में हिमाचल की ब्यूटी

सिल्वर स्क्रीन पर हिमाचल की ब्यूटी- इन दिनों फिल्मी पर्दा भी हिमाचल की ब्यूटीफुल एक्ट्रेसेस के बगैर अधूरा है. कंगना रनौत, यामी गौतम, रुबीना दिलैक, प्रीति जिंटा, टिस्का चोपड़ा जैसी कई अभिनेत्रियां हिमाचल से हैं. जो सिल्वर स्क्रीन से लेकर टीवी और ओटीटी पर इन दिनों छाई हुई हैं. इसके अलावा अनुपम खेर जैसे एक्टर और सिंगर मोहित चौहान के अलावा भी कई नाम हैं जो सिल्वर स्क्रीन पर अपनी चमक बिखेर रहे हैं.

हिमाचली धाम
हिमाचली धाम

हिमाचली धाम- किसी राज्य की कहानी उसके खाने के बिना अधूरी है. हिमाचल का खाना भी इसकी पहचान है. सिड्डू, बबरू, खट्टा, तुड़किया भात कुछ ऐसे व्यंजन है जिनका स्वाद आपको जिंदगीभर याद रहेगा. इसी तरह हिमाचली धाम भी फेमस है. दरअसल हिमाचल में शादियों में परोसा जाने वाला खाना धाम कहलाता है. हर जिले की अपनी-अपनी धाम है, जिसमें अलग-अलग व्यंजन होते हैं. जैसे कांगड़ा जिले की कांगड़ी धाम, मंडी जिले की मंड्याली धाम और बिलासपुर जिले की बिलासपुरी धाम. इनमें परोसे जाने वाले खाने का जायका आपकी जुबां पर हमेशा रहेगा. अब तो दिल्ली जैसे शहरों में हिमाचली धाम या हिमाचली व्यंजन भी होटल और रेस्टोरेंट में परोसे जाते हैं.

ये भी पढ़ें: 25 जनवरी का वो ऐतिहासिक दिन, आसमान से गिर रही थी बर्फ और रिज से हुई घोषणा ने जीत लिया हर किसी का दिल

शिमला: ऊंचे-ऊंचे पहाड़, नदियां और साफ हवा, पहली नजर में हिमाचल प्रदेश की पहचान इतनी ही नजर आती है. लेकिन 53 बरस के हो चुके इस राज्य की कई ऐसी पहचान है, जो इसे देशभर में बहुत खास बनाती हैं. शिक्षा का स्तर हो या प्रति व्यक्ति आय, हिमाचल की गिनती अग्रणी राज्यों में होती हैं. कुदरती की दी गई खूबसूरती से इतर इस राज्य के बारे में ज्यादातर लोग कुछ खास नहीं जानते हैं. हिमाचल की पहचान बहुत व्यापक हो चली है और आज इसके कई ब्रांड एंबेसडर हैं, जो इस राज्य को नया आयाम दे रहे हैं. इनमें से कुछ के बारे में आप भी जानते होंगे लेकिन कुछ ऐसी बातें है जो बहुत कम लोग जानते हैं.

हिमाचल है देश के फलों की टोकरी
हिमाचल है देश के फलों की टोकरी

Apple Bowl of India- हिमाचल प्रदेश को देश की फलों की टोकरी कहा जाए तो गलत नहीं है. खासकर सेब उत्पादन में जम्मू-कश्मीर के बाद हिमाचल का नाम आता है. इसलिये इसे Apple Bowl of India भी कहते हैं. हिमाचल से औसतन हर साल करीब 3 करोड़ सेब की पेटियां बाजार में पहुंचती है. यानी अगर आप कोई सेब खा रहे हैं तो हो सकता है कि वो शिमला या कुल्लू के किसी बगीचे का हो. इसके अलावा संतरा, नाशपती, प्लम, आड़ू, अमरूद और स्टोन फ्रूट की पैदावार भी होती है.

कांगड़ा की चाय
कांगड़ा की चाय

एक प्याली कांगड़ा चाय- जब भी चाय की बात होती है तो असम या दार्जिलिंग का जिक्र आता है. लेकिन हिमाचल के कांगड़ा जिले की चाय भी काफी मशहूर है. पालमपुर में मौजूद चाय के बागान हैं, जिसकी खुशबू और स्वाद अन्य चाय से बेहतर बताते हैं. इस चाय को यूरोपियन यूनियन का जीआई टैग भी मिल गया है.

दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस
दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस

सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस और पोलिंग बूथ- लाहौल स्पीति जिले में करीब 15,256 फीट (4650 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित टशीगंग गांव दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र हैं. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां 52 मतदाता थे. इसी तरह लाहौल स्पीति के हिक्किम गांव में दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस और जिम मौजूद है. 14,567 फीट की ऊंचाई पर बसा ये गांव पहले दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ भी था. अगली बार जब इस सबसे ऊंचे पोस्ट ऑफिस पर जाएं तो वहां से अपने दोस्तों को पोस्टकार्ड भेजना ना भेजें, जो यादगार बन जाएगा.

देश के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी
देश के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी

देश का पहला वोटर- भारत के पहले वोटर भी हिमाचल से ही थे. किन्नौर जिले के मास्टर श्याम सरन सिंह नेगी ने देश के पहले लोकसभा चुनाव में सबसे पहले वोट डाला था. देश में पहला चुनाव 1952 की शुरुआत में हुए लेकिन बर्फबारी के अलर्ट को देखते हुए हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में वोटिंग अक्टूबर 1951 में करवाई गई थी. तब श्याम सरन नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था, हालांकि इसका खुलासा करीब 56 साल बाद 2007 में हुआ. श्याम सरन नेगी का निधन 5 नवंबर 2022 को 105 साल की उम्र में हुआ था लेकिन उससे 3 दिन पहले उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए घर से वोट डाल दिया था.

शिमला में राष्ट्रपति निवास 'रिट्रीट'
शिमला में राष्ट्रपति निवास 'रिट्रीट'

राष्ट्रपति निवास- ज्यादातर लोग दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के बारे में तो पता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके इसके अलावा देश में दो और राज्यों में भी राष्ट्रपति निवास हैं. तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित 'राष्ट्रपति निलायम' और हिमाचल के शिमला में स्थित 'रिट्रीट' देश के राष्ट्रपति निवास हैं. राष्ट्रपति इन दोनों जगह पर कुछ दिन के प्रवास के लिए आते रहते हैं. हिमाचल स्थित रिट्रीट अब आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है.

भाखड़ा बांध
भाखड़ा बांध

भाखड़ा बांध- आज देशभर में बड़े-बड़े बांध बन चुके हैं लेकिन 1963 में भाखड़ा बांध देश में बना सबसे बड़ा बांध था. बिलासपुर में गोबिंद सागर झील पर बना ये बांध उस वक्त दुनिया के सबसे ऊंचे बांधों में शुमार था. 6 से 7 दशक पहले भारत जैसे देश के लिए ये किसी उपलब्धि से कम नहीं था. पानी को स्टोर करने के मामले आज भी ये देश का तीसरा सबसे बड़ा बांध है. जबकि ऊंचाई के मामले में टिहरी डैम के बाद भाखड़ा बांध का ही नंबर आता है.

अटल टनल रोहतांग
अटल टनल रोहतांग

अटल टनल- कुल्लू और लाहौल जिले को जोड़ती अटल टनल भी अपने आप में अजूबा ही है. 9.02 किलोमीटर लंबी और 10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर बनी ये दुनिया की सबसे ऊंची सिंगल ट्यूब हाइवे टनल है. इस टनल का निर्माण BRO ने किया है और इसकी मदद से लाहौल स्पीति तक पहुंच आसान हो पाई है. इससे पर्यटकों को लाहौल के खूबसूरत इलाकों में आसानी हुई है. 2020 में शुरू हुई इस टनल की वजह से भारतीय सेना को भी लेह और फिर बॉर्डर तक पहुंचने में कम वक्त लगता है. हर साल लाखों पर्यटक इस टनल का इस्तेमाल करके मनाली और लाहौल के बीच का सफर तय करते हैं. इस टनल की बदौलत पर्यटकों को नया एक्सपीरियंस और सरकार को राजस्व मिल रहा है.

हिमाचल के मंदिर
हिमाचल के मंदिर

देव परंपरा और मंदिर- हिमाचल प्रदेश को देवभूमि भी कहते हैं. यहां की देव परंपराएं और संस्कृति इसे अन्य राज्यों से अलग बनाती हैं. मान्यता है कि पहाड़ों पर देवता वास करते हैं और देवताओं का आदेश मानने से लेकर मेले लगने या पर्व मनाने का सिलसिला यहां सालों से चला आ रहा है. नैनादेवी, ज्वाला जी जैसे शक्तिपीठों के साथ-साथ बैजनाथ, भूतनाथ जैसे शिव मंदिरों के अलावा किन्नर कैलाश यात्रा, मणिमहेश यात्रा जैसी कई धार्मिक यात्राएं भी होती हैं.

कुल्लू दशहरे का नजारा
कुल्लू दशहरे का नजारा

कुल्लू दशहरा- देव परंपराओं का सबसे सटीक उदाहरण कुल्लू दशहरा है. दुनिया भर में मशहूर कुल्लू दशहरा करीब एक हफ्ते तक चलता है और ये तब शुरू होता है जब देशभर में दशहरा खत्म हो जाता है. इसमें कुल्लू जिले के सभी देवी देवता शामिल होते हैं. यहां देवता हरियानों के कंधों पर सवार होकर पहुंचते हैं और मेले के समापन तक देवता के ठहरने का इंतजाम प्रशासन की ओर से किया जाता है. इस दशहरे में हिमाचल की देव परंपरा और संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है.

परमवीर चक्र विजेता
परमवीर चक्र विजेता

4 परमवीर चक्र विजेता- महज 70 लाख की आबादी वाला छोटा सा पहाड़ी राज्य सिर्फ अपनी देव परंपरा और प्राकृतिक नजारों के लिए ही नहीं जाना जाता. हिमाचल की पहचान वीरता भी है और यही वजह है कि देश की सेना में शामिल होने वाले युवाओं में सबसे ज्यादा हिमाचल से होते हैं. हिमाचल के 4 रणबांकुरों शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा और सूबेदार मेजर संजय कुमार को उनके अदम्य साहस और वीरता के लिए सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र के नाम से नवाजा जा चुका है. अब तक सिर्फ 21 जाबाजों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है. मेजर सोमनाथ शर्मा देश के पहले और कैप्टन विक्रम बत्रा आखिरी परमवीर थे.

दलाई लामा
दलाई लामा

दलाई लामा का घर- तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का घर भी हिमाचल में ही है. कांगड़ा जिले के धर्मशाला और मैक्लोडगंज में कई तिब्बती मठ हैं. ये दोनों ही स्थान बहुत खूबसूरत हैं और हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं. करीब 1960 में चीन के तिब्बत पर आक्रमण के बाद दलाई लामा ने अपना देश छोड़ा और भारत में शरण ली. हिमाचल के धर्मशाला से तिब्बत की निर्वासित सरकार चलती है. तिब्बती सरकार में बकायदा चुनाव भी होता है प्रशासन अपना काम भी करता है और ये सब हिमाचल से होता है. एक तरह से तिब्बतियों का हेडक्वार्टर धर्मशाला में कहा जा सकता है.

द ग्रेट खली
द ग्रेट खली

The Great Khali- देश और दुनिया में ऐसे बहुत कम ही बच्चे होंगे जो WWE का फैन ना हों. अब तक कुछ गिने चुने भारतीय भी WWE की रिंग में उतर चुके हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम है दलीप सिंह राणा का, जिन्हें रिंग में द ग्रेट खली के नाम से जाना जाता है. 7 फीट से अधिक ऊंचाई वाले खली अब रेसलिंग छोड़ चुके हैं लेकिन हिमाचल के सिरमौर में जन्मे दलीप सिंह करीब 2 दशक तक WWE की रिंग में अंडरटेकर, केन, बतिस्ता जैसे तमाम रेसलर्स के छक्के छुड़ा चुके हैं. खली अब नए रेसलर्स को ट्रेनिंग देते हैं.

ओलंपिक में सिल्वर पदक जीतने वाले विजय कुमार
ओलंपिक में सिल्वर पदक जीतने वाले विजय कुमार

ओलंपिक मेडलिस्ट- खेल में किसी देश का रुतबा खिलाड़ियों के जीते ओलंपिक पदकों से लगाया जाता है. पिछले कुछ सालों से भारत का ओलंपिक में प्रदर्शन शानदार रहा है. हालांकि ओलंपिक के 128 साल के इतिहास में भारत की झोली में सिर्फ 35 पदक आए हैं इनमें से 23 पदक एकल खेलों में जीते हैं. इनमें हिमाचल के हमीरपुर में पैदा हुए विजय कुमार भी शामिल हैं. जिन्होंने 2012 के लंदन ओलंपिक में 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. सेना में सेवाएं दे चुके विजय कुमार को पद्म श्री, खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन अवॉर्ड के अलावा सेना मेडल, अति विशिष्ट सेना मेडल से भी नवाजा जा चुका है.

एचपीसीए स्टेडियम
एचपीसीए स्टेडियम

दुनिया का सबसे खूबसूरत स्टेडियम- हिमाचल प्रदेश का जिक्र हो और खूबसूरती का जिक्र ना हो ऐसा मुमकिन नहीं. दुनियाभर में कई स्टेडियम हैं जिनकी खूबसूरत लोकेशन की तारीफ होती है लेकिन ये सब धर्मशाला के HPCA क्रिकेट स्टेडियम के सामने फीके हैं. धौलाधार की पहाड़ियों की गोद में बना ये क्रिकेट स्टेडियम की तस्वीरें किसी को भी अपना दीवाना बना सकती है. दुनियाभर के टूरिस्ट के अलावा कई खिलाड़ी भी इस स्टेडियम के दीदार को जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हों में शुमार करते हैं.

शिमला और मनाली
शिमला और मनाली

टूरिस्ट डेस्टिनेशन- कहीं घूमने का जिक्र हो और शिमला, मनाली का नाम ना आए तो हो ही नहीं सकता है. इंटरनेट से लेकर दोस्तों की बातचीत तक में हिमाचल के पर्यटन स्थलों का जिक्र आम है. ज्यादातर की जुबान पर कुल्लू मनाली और शिमला का नाम आता है लेकिन हिमाचल में चंबा, धर्मशाला, कसौल, कुफरी, नारकंडा, सोलंगनाला, किन्नौर, काजा, डल्हौजी, मैक्लोडगंज जैसे कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं. हिम के आंचल हिमाचल में कई ऐसी जगहें हैं, जो पर्यटन के लिहाज से अब भी अनछुए हैं.

रोहतांग में बर्फ का रेगिस्तान
रोहतांग में बर्फ का रेगिस्तान

बर्फ का 'रेगिस्तान'- वैसे तो हिमाचल का नाम आते ही अपने आप ही सर्दी लगने लगती है लेकिन यहां मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ और दुर्गम क्षेत्र हैं. कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां साल में हर वक्त बर्फ देखने को मिल जाएगी. लाहौल स्पीति जिला तो साल के 6 महीने बाकी दुनिया से बर्फबारी के कारण लगभग कटा रहता है. इसी तरह रोहतांग दर्रा भी कई लोगों की पहली पसंद रहता है. बॉलीवुड फिल्मों से लेकर सोशल मीडिया रील्स तक में हिमाचल के ये इलाके नजर आते हैं.

पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग
पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग

पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग- घूमने के शौकीन लोग जहां भी जाते हैं वहां एडवेंचर की तलाश में रहते हैं. इन दिनों पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग टूरिस्ट की पहली पसंद होती है और इसके दीवाने हिमाचल में खिंचे चले आते हैं क्योंकि हिमाचल में पर्यटन दोनों का ही मजा ले सकते हैं. कुल्लू मनाली समेत कई जगहों पर रिवर राफ्टिंग कर सकते हैं तो कांगड़ा के बीड बिलिंग में आपको पैराग्लाइडिंग का शानदार एक्सपीरियंस मिलेगा.

कालका शिमला रेल ट्रैक पर दौड़ती टॉय ट्रेन
कालका शिमला रेल ट्रैक पर दौड़ती टॉय ट्रेन

कालका-शिमला रेल ट्रैक- अगर आप हिमाचल गए हैं और इस ट्रेन में नहीं बैठे तो आपका हिमाचल घूमना अधूरा रह जाएगा. कालका-शिमला रेल ट्रैक यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शुमार है. नैरोगेज की पटरियं से गुजरती टॉय ट्रेन छुक-छुक करते हुए पहाड़ और जंगलों से गुजरती है. कालका से शिमला के बीच में करीब 100 टनलों गुजरती इस ट्रेन में बैठे-बैठे कुदरती नजारे देखना आपके पूरे पैसे वसूल करवा देगा. इस तरह की टॉय ट्रेन दार्जिलिंग और ऊटी जैसे गिने चुने पर्यटन स्थलों पर ही मौजूद है.

बॉलीवुड में हिमाचल की ब्यूटी
बॉलीवुड में हिमाचल की ब्यूटी

सिल्वर स्क्रीन पर हिमाचल की ब्यूटी- इन दिनों फिल्मी पर्दा भी हिमाचल की ब्यूटीफुल एक्ट्रेसेस के बगैर अधूरा है. कंगना रनौत, यामी गौतम, रुबीना दिलैक, प्रीति जिंटा, टिस्का चोपड़ा जैसी कई अभिनेत्रियां हिमाचल से हैं. जो सिल्वर स्क्रीन से लेकर टीवी और ओटीटी पर इन दिनों छाई हुई हैं. इसके अलावा अनुपम खेर जैसे एक्टर और सिंगर मोहित चौहान के अलावा भी कई नाम हैं जो सिल्वर स्क्रीन पर अपनी चमक बिखेर रहे हैं.

हिमाचली धाम
हिमाचली धाम

हिमाचली धाम- किसी राज्य की कहानी उसके खाने के बिना अधूरी है. हिमाचल का खाना भी इसकी पहचान है. सिड्डू, बबरू, खट्टा, तुड़किया भात कुछ ऐसे व्यंजन है जिनका स्वाद आपको जिंदगीभर याद रहेगा. इसी तरह हिमाचली धाम भी फेमस है. दरअसल हिमाचल में शादियों में परोसा जाने वाला खाना धाम कहलाता है. हर जिले की अपनी-अपनी धाम है, जिसमें अलग-अलग व्यंजन होते हैं. जैसे कांगड़ा जिले की कांगड़ी धाम, मंडी जिले की मंड्याली धाम और बिलासपुर जिले की बिलासपुरी धाम. इनमें परोसे जाने वाले खाने का जायका आपकी जुबां पर हमेशा रहेगा. अब तो दिल्ली जैसे शहरों में हिमाचली धाम या हिमाचली व्यंजन भी होटल और रेस्टोरेंट में परोसे जाते हैं.

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Last Updated : Jan 25, 2024, 1:45 PM IST
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