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I.N.D.I.A. गठबंधन की एकता नागपुर से नागौर तक ज़मीनी स्तर पर दिखी - Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024, I.N.D.I.A. एलायंस की पार्टियों के कुछ उम्मीदवारों ने देश के दूर-दराज के इलाकों में नामांकन दाखिल किया है. इस दौरान ब्लॉक की पार्टियों में एकजुटता देखने को मिली. इसे लेकर पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

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I.N.D.I.A. गठबंधन
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By Amit Agnihotri

Published : Mar 26, 2024, 7:42 PM IST

Updated : Mar 26, 2024, 10:57 PM IST

नई दिल्ली: देश के दो दूर-दराज के हिस्सों में मंगलवार को नामांकन दाखिल करने के दौरान I.N.D.I.A. ब्लॉक पार्टियों के बीच जमीनी स्तर पर सहयोग दिखा. महाराष्ट्र के नागपुर में, नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले एनसीपी शरदचंद्र पवार और शिव सेना यूबीटी के नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार विकास ठाकरे की यात्रा में शामिल हुए.

वहीं राजस्थान के नागौर में, देश की सबसे पुरानी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल के साथ देखा गया, जिन्होंने चुनाव अधिकारियों के समक्ष अपना पर्चा दाखिल किया. कांग्रेस ने गठबंधन को आधिकारिक बनाते हुए आरएलपी के लिए नागौर सीट छोड़ दी है, लेकिन महाराष्ट्र में इसी तरह के समझौते की घोषणा होनी बाकी है.

इस अवसर पर मौजूद एआईसीसी के गुजरात प्रभारी सचिव राम किशन ओझा ने बताया कि 'यह एक बहुत ही सफल रोड शो था. महा विकास अघाड़ी के नेता और कार्यकर्ता हमारे नागपुर उम्मीदवार विकास ठाकरे के नामांकन दाखिल करने में शामिल हुए.' एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, 'नागपुर में एकता के प्रदर्शन ने पूरे पश्चिमी राज्य में एक संदेश भेजा.'

ओझा ने कहा कि विकास कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं और उस शहर में एक मजबूत उम्मीदवार हैं, जहां आरएसएस का मुख्यालय स्थित है. तदनुसार, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार के अलावा एनसीपी एसपी समूह से राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और शिवसेना यूबीटी एमएलसी दुष्यंत चतुर्वेदी उस समय उपस्थित थे, जब विकास ठाकरे ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

एकता का प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है, जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि शिवसेना सेना यूबीटी के कड़े रुख के कारण सीट-बंटवारे की घोषणा में देरी हो रही है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि 'सांगली, भिवंडी और कोल्हापुर को छोड़कर गठबंधन की अधिकांश बातचीत पूरी हो चुकी है. इनका भी एक-दो दिन में समापन हो जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'जब सीटों पर बातचीत होती है, तो दोनों पक्ष अपने दावे पेश करते हैं, लेकिन कोई भी निर्णय सहयोग की भावना से ही किया जाता है.' नागौर में, परबतसर से दो बार के कांग्रेस विधायक रामनिवास गवारिया ने कार चलाई, जिसमें आरएलपी नेता और गठबंधन उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल उनके बगल में बैठे थे.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि नागौर जिला कांग्रेस प्रमुख और मकराना विधायक जाकिर हुसैन और पूर्व विधायक चेतन डूडी एक ही वाहन में पीछे की सीट पर बैठे थे, जिनके पीछे एक बड़ा काफिला था. एआईसीसी के राजस्थान प्रभारी सचिव वीरेंद्र राठौड़ ने ईटीवी भारत से कहा कि 'यह एकता आने वाले राष्ट्रीय चुनावों में परिणाम दिखाएगी.'

हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि आदिवासी संगठन बीएपी के साथ प्रस्तावित गठबंधन अनिश्चित लग रहा है, क्योंकि कांग्रेस ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा को छोड़कर सभी 24 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बीएपी मांग कर रही थी कि कांग्रेस को उदयपुर से अपने उम्मीदवार ताराचंद मीना को वापस लेना चाहिए और सीट सहयोगी दल के लिए छोड़ देनी चाहिए.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं हैं. पूर्व कांग्रेस नेता ज्योति मिर्धा अब नागौर से भाजपा उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला हनुमान बेनीवाल से है, जिन्होंने 2019 में एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था.

चूंकि नागौर में जाट मतदाता प्रभावी हैं, इसलिए दोनों प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार प्रभावशाली समुदाय से हैं. हनुमान ने नागौर में 2019 और 2014 के राष्ट्रीय चुनावों में ज्योति को हराया था. इससे 2024 में मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है और कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अधिक से अधिक सीटें जीतने की कोशिश कर रही हैं.

नई दिल्ली: देश के दो दूर-दराज के हिस्सों में मंगलवार को नामांकन दाखिल करने के दौरान I.N.D.I.A. ब्लॉक पार्टियों के बीच जमीनी स्तर पर सहयोग दिखा. महाराष्ट्र के नागपुर में, नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले एनसीपी शरदचंद्र पवार और शिव सेना यूबीटी के नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार विकास ठाकरे की यात्रा में शामिल हुए.

वहीं राजस्थान के नागौर में, देश की सबसे पुरानी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल के साथ देखा गया, जिन्होंने चुनाव अधिकारियों के समक्ष अपना पर्चा दाखिल किया. कांग्रेस ने गठबंधन को आधिकारिक बनाते हुए आरएलपी के लिए नागौर सीट छोड़ दी है, लेकिन महाराष्ट्र में इसी तरह के समझौते की घोषणा होनी बाकी है.

इस अवसर पर मौजूद एआईसीसी के गुजरात प्रभारी सचिव राम किशन ओझा ने बताया कि 'यह एक बहुत ही सफल रोड शो था. महा विकास अघाड़ी के नेता और कार्यकर्ता हमारे नागपुर उम्मीदवार विकास ठाकरे के नामांकन दाखिल करने में शामिल हुए.' एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, 'नागपुर में एकता के प्रदर्शन ने पूरे पश्चिमी राज्य में एक संदेश भेजा.'

ओझा ने कहा कि विकास कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं और उस शहर में एक मजबूत उम्मीदवार हैं, जहां आरएसएस का मुख्यालय स्थित है. तदनुसार, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार के अलावा एनसीपी एसपी समूह से राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और शिवसेना यूबीटी एमएलसी दुष्यंत चतुर्वेदी उस समय उपस्थित थे, जब विकास ठाकरे ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

एकता का प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है, जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि शिवसेना सेना यूबीटी के कड़े रुख के कारण सीट-बंटवारे की घोषणा में देरी हो रही है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि 'सांगली, भिवंडी और कोल्हापुर को छोड़कर गठबंधन की अधिकांश बातचीत पूरी हो चुकी है. इनका भी एक-दो दिन में समापन हो जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'जब सीटों पर बातचीत होती है, तो दोनों पक्ष अपने दावे पेश करते हैं, लेकिन कोई भी निर्णय सहयोग की भावना से ही किया जाता है.' नागौर में, परबतसर से दो बार के कांग्रेस विधायक रामनिवास गवारिया ने कार चलाई, जिसमें आरएलपी नेता और गठबंधन उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल उनके बगल में बैठे थे.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि नागौर जिला कांग्रेस प्रमुख और मकराना विधायक जाकिर हुसैन और पूर्व विधायक चेतन डूडी एक ही वाहन में पीछे की सीट पर बैठे थे, जिनके पीछे एक बड़ा काफिला था. एआईसीसी के राजस्थान प्रभारी सचिव वीरेंद्र राठौड़ ने ईटीवी भारत से कहा कि 'यह एकता आने वाले राष्ट्रीय चुनावों में परिणाम दिखाएगी.'

हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि आदिवासी संगठन बीएपी के साथ प्रस्तावित गठबंधन अनिश्चित लग रहा है, क्योंकि कांग्रेस ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा को छोड़कर सभी 24 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बीएपी मांग कर रही थी कि कांग्रेस को उदयपुर से अपने उम्मीदवार ताराचंद मीना को वापस लेना चाहिए और सीट सहयोगी दल के लिए छोड़ देनी चाहिए.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं हैं. पूर्व कांग्रेस नेता ज्योति मिर्धा अब नागौर से भाजपा उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला हनुमान बेनीवाल से है, जिन्होंने 2019 में एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था.

चूंकि नागौर में जाट मतदाता प्रभावी हैं, इसलिए दोनों प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार प्रभावशाली समुदाय से हैं. हनुमान ने नागौर में 2019 और 2014 के राष्ट्रीय चुनावों में ज्योति को हराया था. इससे 2024 में मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है और कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अधिक से अधिक सीटें जीतने की कोशिश कर रही हैं.

Last Updated : Mar 26, 2024, 10:57 PM IST
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