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अब ऐतिहासिक चारमीनार से नहीं होगी तेलंगाना की पहचान, जानें वजह - Telangana New Emblem

Telangana New Emblem: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा है कि राज्य का प्रतीक चिन्ह बदलेगा. अभी तक तेलंगाना की पहचान चारमीनार से होती थी, लेकिन सीएम ने इसके बदले किसी दूसरे ऐतिहासिक धरोहर का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है.

Revanth Reddy
सीएम रेवंत रेड्डी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 30, 2024, 2:51 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना के नए प्रतीक चिन्ह में काकतीय कला थोरनम और चारमीनार की तस्वीरों के शामिल किए जाने की संभावना नहीं है. मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बुधवार को कथित तौर पर आर्टिस्ट रुद्र राजेशम से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य का प्रतीक चिन्ह तेलंगाना के लोगों की लड़ाई की भावना, उत्पीड़न के खिलाफ उनके संघर्ष और बलिदान को दर्शाता हो, न कि निरंकुशता को.

रेवंत रेड्डी ने डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमार्क और राजेशम के साथ मिलकर प्रतीक चिन्ह के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया. उन्होंने राज्य गीत 'जय जयहे तेलंगाना' को भी अंतिम रूप दिया, जिसे एंडे श्री ने लिखा है. राज्य गीत के दो वर्जन होंगे, जिसमें ढाई मिनट का शॉर्ट ड्यूरेशन गीत और 13 मिनट का फुल वर्जन गीत शामिल है. ऑस्कर विजेता एमएम कीरवानी इस गीत के लिए संगीत तैयार कर रहे हैं.

पिछले प्रतीक चिन्ह में क्या था
नया प्रतीक चिन्ह पिछली भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार की ओर से औपचारिक रूप से बनाए गए प्रतीक चिन्ह की जगह लेगा, जो काकतीय कला थोरनम और चारमीनार वाली एक गोलाकार मुहर थी. इसमें तेलुगु में 'तेलंगाना प्रभुत्वमु', अंग्रेजी में 'गवर्नमेंट ऑफ तेलंगाना', उर्दू में 'तेलंगाना सरकार' और संस्कृत में 'सत्यमेव जयते' जैसे अन्य चिन्ह शामिल थे.

कांग्रेस सरकार का प्रतीक चिन्ह बदलने का फैसला
इस प्रतीक चिन्ह को चित्रकार लक्ष्मण ऐले ने डिजाइन किया था और 2 जून 2014 को के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता वाली तत्कालीन नवगठित बीआरएस सरकार ने इसे अपनाया था. हालांकि, 7 दिसंबर 2023 को सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने तानाशाही शासन के खिलाफ पूरे तेलंगाना संघर्ष की पृष्ठभूमि में राजशाही या राजशाही प्रतिबिंबों को हटाने के उद्देश्य से राज्य चिन्ह को एक नया रूप देने का फैसला किया.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सरकार पहले ही वाहनों के रजिस्ट्रेशन और सभी सरकारी लेटरहेड में तेलंगाना राज्य के संक्षिप्त नाम को TS से TG में बदलने की योजना बना रही है. हालांकि, पूर्व सीएम केसीआर ने भी कहा था कि 'जय जयहे तेलंगाना' को राज्य गीत के रूप में अपनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

तेलंगाना गठन के 10 साल
बता दें कि 2 जून को तेलंगाना राज्य गठन के दशक साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान नया राज्य चिह्न और तेलंगाना राज्य गीत जारी किया जाएगा. इसके लिए सिकंदराबाद में होने वाले एक भव्य कार्यक्रम में सोनिया गांधी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी.

यह भी पढ़ें- तेलंगाना फोन टैपिंग मामला: 1200 लोगों के फोन टैप किए गए, पूर्व डीएसपी का कबूलनामा

हैदराबाद: तेलंगाना के नए प्रतीक चिन्ह में काकतीय कला थोरनम और चारमीनार की तस्वीरों के शामिल किए जाने की संभावना नहीं है. मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बुधवार को कथित तौर पर आर्टिस्ट रुद्र राजेशम से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य का प्रतीक चिन्ह तेलंगाना के लोगों की लड़ाई की भावना, उत्पीड़न के खिलाफ उनके संघर्ष और बलिदान को दर्शाता हो, न कि निरंकुशता को.

रेवंत रेड्डी ने डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमार्क और राजेशम के साथ मिलकर प्रतीक चिन्ह के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया. उन्होंने राज्य गीत 'जय जयहे तेलंगाना' को भी अंतिम रूप दिया, जिसे एंडे श्री ने लिखा है. राज्य गीत के दो वर्जन होंगे, जिसमें ढाई मिनट का शॉर्ट ड्यूरेशन गीत और 13 मिनट का फुल वर्जन गीत शामिल है. ऑस्कर विजेता एमएम कीरवानी इस गीत के लिए संगीत तैयार कर रहे हैं.

पिछले प्रतीक चिन्ह में क्या था
नया प्रतीक चिन्ह पिछली भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार की ओर से औपचारिक रूप से बनाए गए प्रतीक चिन्ह की जगह लेगा, जो काकतीय कला थोरनम और चारमीनार वाली एक गोलाकार मुहर थी. इसमें तेलुगु में 'तेलंगाना प्रभुत्वमु', अंग्रेजी में 'गवर्नमेंट ऑफ तेलंगाना', उर्दू में 'तेलंगाना सरकार' और संस्कृत में 'सत्यमेव जयते' जैसे अन्य चिन्ह शामिल थे.

कांग्रेस सरकार का प्रतीक चिन्ह बदलने का फैसला
इस प्रतीक चिन्ह को चित्रकार लक्ष्मण ऐले ने डिजाइन किया था और 2 जून 2014 को के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता वाली तत्कालीन नवगठित बीआरएस सरकार ने इसे अपनाया था. हालांकि, 7 दिसंबर 2023 को सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने तानाशाही शासन के खिलाफ पूरे तेलंगाना संघर्ष की पृष्ठभूमि में राजशाही या राजशाही प्रतिबिंबों को हटाने के उद्देश्य से राज्य चिन्ह को एक नया रूप देने का फैसला किया.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सरकार पहले ही वाहनों के रजिस्ट्रेशन और सभी सरकारी लेटरहेड में तेलंगाना राज्य के संक्षिप्त नाम को TS से TG में बदलने की योजना बना रही है. हालांकि, पूर्व सीएम केसीआर ने भी कहा था कि 'जय जयहे तेलंगाना' को राज्य गीत के रूप में अपनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

तेलंगाना गठन के 10 साल
बता दें कि 2 जून को तेलंगाना राज्य गठन के दशक साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान नया राज्य चिह्न और तेलंगाना राज्य गीत जारी किया जाएगा. इसके लिए सिकंदराबाद में होने वाले एक भव्य कार्यक्रम में सोनिया गांधी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी.

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