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अमित शाह फेक वीडियो केस: तेलंगाना हाई कोर्ट ने कहा, 'दिल्ली पुलिस सख्ती न दिखाए', 5 लोगों को मिली जमानत - Amit Shah video morphing case

Amit Shah video morphing case: अमित शाह फेक वीडियो मामले में तेलंगाना हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पांचों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने का आदेश दिया है. मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने शुक्रवार को गिरफ्तार तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) की सोशल मीडिया इकाई के पांच सदस्यों को सशर्त जमानत दे दी.

amit shah
अमित शाह (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 3, 2024, 11:03 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना हाई कोर्ट ने अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में अंतरिम आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पांचों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सुनवाई चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है. शाह के फेक वीडियो मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) की सोशल मीडिया इकाई के पांच सदस्यों को सशर्त जमानत दे दी.

बता दें कि, याचिका मन्ने सतीश ने दायर की थी, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने अमित शाह फर्जी वीडियो मामले में आरोपी के तौर पर शामिल किया था. हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की. वहीं, मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने गिरफ्तार तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) की सोशल मीडिया इकाई के पांच सदस्यों को सशर्त जमानत दे दी. इस मामले को लेकर हैदराबाद में एक और मामला दर्ज किया गया था. बीजेपी नेता प्रेमेंदर रेड्डी की शिकायत के आधार पर हैदराबाद साइबर अपराध पुलिस ने इसी मामले में हैदराबाद के पांच लोगों - पेंड्याला वामशी कृष्णा, सतीश मन्ने, पेट्टम नवीन, असमा तसलीम और कोया गीता को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने मामले की जांच के लिए उनके पास से पांच सेल फोन, दो लैपटॉप और दो सीपीयू जब्त किए थे.

कोर्ट ने पांचों आरोपियों को जमानत दी
पुलिस के मुताबिक, 27 अप्रैल को मेडक में अमित शाह ने एक जनसभा के दौरान भाषण दिया था. वहीं, मुख्य आरोपी पेंडयाला वामसीकृष्ण को व्हाट्सएप पर अमित शाह का आरक्षण के बारे में बात करते हुए एक मॉर्फ्ड वीडियो मिला. खबर के मुताबिक पेंडयाला वामसीकृष्ण न केवल वीडियो को कई व्हाट्सएप ग्रुपों में फॉरवर्ड किया बल्कि इसे कांग्रेस के आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर भी पोस्ट किया, बाकियों ने भी अपने व्यक्तिगत एक्स अकाउंट पर इस फेक वीडियो को अपलोड किया. पुलिस ने कहा कि फेक वीडियो को माइक्रोब्लॉगिंग साइट हटा दिया गया है, क्योंकि इसमें कोई सच्चाई नहीं थी.वीडियो में छेड़छाड़ की गई, जिसका उद्देश्य मतदाताओं को गुमराह करना था. जानकारी में यह भी बताया गया कि डीपफेक वीडियो का मकसद ओबीसी समुदायों के बीच डर पैदा करना है. जांच के बाद आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 10 हजार रुपये की दो जमानत राशि पर जमानत दे दी. उन्हें हर सोमवार और शुक्रवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश भी दिया गया. बता दें कि, बीजेपी के राज्य महासचिव जी. प्रेमेंदर रेड्डी ने पिछले महीने की 27 तारीख को अमित शाह के भाषण के वीडियो मॉर्फिंग के संबंध में साइबर क्राइम स्टेशन में शिकायत की थी.

सीएम रेवंत रेड्डी को नोटिस
अमित शाह के वीडियो मॉर्फिंग मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत के मुताबिक, दिल्ली पुलिस पहले ही 29 अप्रैल को तेंलगाना सीएम रेवंत रेड्डी और चार कांग्रेस सोशल मीडिया स्टाफ को नोटिस जारी कर चुकी है. जिसमें इन सभी को 1 मई को सुनवाई में शामिल होने के लिए कहा गया था. सुनवाई में शामिल नहीं होने पर कार्रवाई की जाने की बात कही गई थी. हालांकि, पीसीसी लीगल सेल ने चार हफ्ते का समय मांगा. जिसमें कहा गया कि सीएम रेवंत रेड्डी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए चार हफ्ते का समय मांगा गया है.

दिल्ली पुलिस बनाम हैदराबाद पुलिस!
वहीं, अमित शाह के वीडियो मॉर्फिंग मामले को लेकर दिल्ली पुलिस गुरुवार सुबह गांधी भवन पहुंची थी. चूंकि सोशल मीडिया विभाग से कोई उपलब्ध नहीं था, इसलिए वे वापस चले गए. इस संदर्भ में, शहर की साइबर अपराध पुलिस ने कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के संयोजक मन्ने सतीश, गीता, नवीन, अस्मा तस्लीम, शिवा और अन्य को हिरासत में लिया था.

ये भी पढ़ें: अमित शाह के एडिटेड फेक वीडियो मामले में 'स्‍प‍िर‍िट ऑफ कांग्रेस' का X हैंडल अरुण रेड्डी अरेस्‍ट

हैदराबाद: तेलंगाना हाई कोर्ट ने अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में अंतरिम आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पांचों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सुनवाई चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है. शाह के फेक वीडियो मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) की सोशल मीडिया इकाई के पांच सदस्यों को सशर्त जमानत दे दी.

बता दें कि, याचिका मन्ने सतीश ने दायर की थी, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने अमित शाह फर्जी वीडियो मामले में आरोपी के तौर पर शामिल किया था. हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की. वहीं, मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने गिरफ्तार तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) की सोशल मीडिया इकाई के पांच सदस्यों को सशर्त जमानत दे दी. इस मामले को लेकर हैदराबाद में एक और मामला दर्ज किया गया था. बीजेपी नेता प्रेमेंदर रेड्डी की शिकायत के आधार पर हैदराबाद साइबर अपराध पुलिस ने इसी मामले में हैदराबाद के पांच लोगों - पेंड्याला वामशी कृष्णा, सतीश मन्ने, पेट्टम नवीन, असमा तसलीम और कोया गीता को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने मामले की जांच के लिए उनके पास से पांच सेल फोन, दो लैपटॉप और दो सीपीयू जब्त किए थे.

कोर्ट ने पांचों आरोपियों को जमानत दी
पुलिस के मुताबिक, 27 अप्रैल को मेडक में अमित शाह ने एक जनसभा के दौरान भाषण दिया था. वहीं, मुख्य आरोपी पेंडयाला वामसीकृष्ण को व्हाट्सएप पर अमित शाह का आरक्षण के बारे में बात करते हुए एक मॉर्फ्ड वीडियो मिला. खबर के मुताबिक पेंडयाला वामसीकृष्ण न केवल वीडियो को कई व्हाट्सएप ग्रुपों में फॉरवर्ड किया बल्कि इसे कांग्रेस के आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर भी पोस्ट किया, बाकियों ने भी अपने व्यक्तिगत एक्स अकाउंट पर इस फेक वीडियो को अपलोड किया. पुलिस ने कहा कि फेक वीडियो को माइक्रोब्लॉगिंग साइट हटा दिया गया है, क्योंकि इसमें कोई सच्चाई नहीं थी.वीडियो में छेड़छाड़ की गई, जिसका उद्देश्य मतदाताओं को गुमराह करना था. जानकारी में यह भी बताया गया कि डीपफेक वीडियो का मकसद ओबीसी समुदायों के बीच डर पैदा करना है. जांच के बाद आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 10 हजार रुपये की दो जमानत राशि पर जमानत दे दी. उन्हें हर सोमवार और शुक्रवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश भी दिया गया. बता दें कि, बीजेपी के राज्य महासचिव जी. प्रेमेंदर रेड्डी ने पिछले महीने की 27 तारीख को अमित शाह के भाषण के वीडियो मॉर्फिंग के संबंध में साइबर क्राइम स्टेशन में शिकायत की थी.

सीएम रेवंत रेड्डी को नोटिस
अमित शाह के वीडियो मॉर्फिंग मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत के मुताबिक, दिल्ली पुलिस पहले ही 29 अप्रैल को तेंलगाना सीएम रेवंत रेड्डी और चार कांग्रेस सोशल मीडिया स्टाफ को नोटिस जारी कर चुकी है. जिसमें इन सभी को 1 मई को सुनवाई में शामिल होने के लिए कहा गया था. सुनवाई में शामिल नहीं होने पर कार्रवाई की जाने की बात कही गई थी. हालांकि, पीसीसी लीगल सेल ने चार हफ्ते का समय मांगा. जिसमें कहा गया कि सीएम रेवंत रेड्डी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए चार हफ्ते का समय मांगा गया है.

दिल्ली पुलिस बनाम हैदराबाद पुलिस!
वहीं, अमित शाह के वीडियो मॉर्फिंग मामले को लेकर दिल्ली पुलिस गुरुवार सुबह गांधी भवन पहुंची थी. चूंकि सोशल मीडिया विभाग से कोई उपलब्ध नहीं था, इसलिए वे वापस चले गए. इस संदर्भ में, शहर की साइबर अपराध पुलिस ने कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के संयोजक मन्ने सतीश, गीता, नवीन, अस्मा तस्लीम, शिवा और अन्य को हिरासत में लिया था.

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