पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दो दिनों से चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं निकल रहे हैं. 16 अप्रैल को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गया और पूर्णिया में मंच भी साझा नहीं किया था, जिसको लेकर बिहार में सियासत गरमाती जा रही है. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसको लेकर सीएम पर जोरदार हमला बोला है.
'कैद में हैं नीतीश कुमार?': वीआईपी चीफ मुकेश सहनी के साथ चुनाव प्रचार के लिए निकलने से पहले पटना में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री घर में कैद हो गए हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि खुद घर बैठ गए हैं या किसी ने कैद कर दिया है, इस बारे में उनको पता नहीं लेकिन इतिहास में पहली बार देख रहा हूं कि कोई सीएम चुनाव प्रचार छोड़कर घर बैठ गए हों.
"हम तो अपने इतिहास में पहली बार देख रहे हैं कि मुख्यमंत्री जो हैं, वह चुनाव के वक्त घर में कैद हों. अब हैं या कर दिया गया है, ये सवाल उठता तो है. अब आप देखिये कि क्या हो रहा है. ऐसा तो कभी हुआ नहीं पहले."- तेजस्वी यादव, नेता, राष्ट्रीय जनता दल
सीएम को लेकर क्यों उठे सवाल?: दरअसल, 16 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के गया और पूर्णिया में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था लेकिन दोनों में से किसी भी रैली मे नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे. गया में जीतनराम मांझी उम्मीदवार हैं, जबकि पूर्णिया में जेडीयू के टिकट पर संतोष कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं. इसके बावजूद सीएम का पीएम के मंच पर नहीं होना, कई अटकलों को हवा देता है.
क्या बोले जेडीयू नेता?: पीएम के साथ सीएम के नहीं रहने पर जेडीयू सांसद संजय झा ने कहा कि एक रणनीति के तहत ये फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि दोनों नेता अगर अलग-अलग जगहों पर रैली करेंगे तो इससे अधिक से अधिक लोकसभा क्षेत्र कवर हो पाएगा, इसी सोच के तहत पीएम और सीएम एक साथ रैली नहीं करेंगे. हालांकि कई जगहों पर दोनों साथ में भी दिख सकते हैं.
प्रचार से नदारद रहे नीतीश कुमार: हालांकि 16 को जब प्रधाननमंत्री ने बिहार में दो-दो सभाओं को संबोधित किया, तब उस दिन नीतीश कुमार ने एक भी रैली नहीं की. वहीं, 17 अप्रैल को भी वह प्रचार के लिए नहीं निकले. जिस वजह से अटकलबाजी शुरू हो गई. विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी को मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए उनको प्रचार से दूर रहने को कहा गया है.
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