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तेजस MK-1A फाइटर प्लेन में होंगे 2 तरह के स्वदेशी पैराशूट, पढ़िए आगरा से इनका क्या है कनेक्शन - Parachute Tejas MK1A fighter plane

भारतीय वायु सेना को तेजस में अब नए तकनीम मिलेंगे. जिससे अगले तीन दशक तक ये विमान सेवा दे सके. तेजस एमके- 1ए फाइटर प्लेन में 2 तरह के अलग अलग स्वदेशी पैराशूट विकसित किए गए है.

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तेजस एमके- 1ए फाइटर प्लेन में स्वदेशी पैराशूट (etv bharat reporter)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 12:32 PM IST

आगरा : भारतीय वायु सेना का जल्द ही हिस्सा बनने जा रहे स्वेदशी तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन में स्वदेशी पैराशूट भी शामिल होंगे. हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) के विशेषज्ञों की टीम ने तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन के लिए दो तरह के स्वदेशी पैराशूट विकसित किए हैं. ये ब्रेक पैराशूट और इजेक्टर पैराशूट हैं. दोनों ही पैराशूट का आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में प्रारंभिक से लेकर फाइनल परीक्षण किया जा चुका है. इसके बाद ही इन दोनों स्वदेशी पैराशूट से तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन को फाइनल किया गया है. ये एडीआरडीई की बड़ी उपलब्धि है.

हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने 24 मार्च को पहली बार बेंगलुरु में फाइटर प्लेन तेजस एमके-10 का परीक्षण किया था. इस दौरान फाइटर प्लेन तेजस एमके-10 करीब 18 मिनट तक हवा में रहा था. फाइटर प्लेन तेजस एमके-10 से भारतीय वायु सेना की शक्ति और भी बढ़ जाएगी. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की ओर से भारतीय वायुसेना को पहला तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन जुलाई 2024 में मिलेगा. भारतीय वायु सेना से पहले मिलने वाले तेजस मार्क 1ए को पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान के बीकानेर में तैनात करने की योजना बनाई गई है.

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तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन में पैराशूट (etv bharat reporter)



ब्रेक और इजेक्टर पैराशूट हैं अलग-अलग : एडीआरडीई के पूर्व निदेशक प्रो. एके सक्सेना बताते हैं कि, प्लेन में दो तरीके के पैराशूट होते हैं. इसमें अगर विमान को छोटे रनवे पर उतारा जाना है तो उसे ब्रेक पैराशूट के जरिए ही उतारा जाता है. ब्रेक पैराशूट से तेज गति से विमान रनवे पर लैंड कराया जाना आसान है. क्योंकि, पैराशूट खुलने से विमान की गति नियंत्रित हो जाती है. इसके साथ ही विमान में पायलट की इजेक्टर सीट होती है. इस सीट में एक पैराशूट होता है. यह आपातकाल में जैसे ही पायलट इजेक्टर सीट का बटन दबाता है. सीट हवा में दूर तक चली जाती है. फिर पैराशूट ऑटोमेटिक तरीके से खुल जाता है. एडीआरडीई की टीम ने ब्रेक और इजेक्टर सीट के पैराशूट विकसित किए हैं. ये दोनों ही पैराशूट पूरी तरह से स्वदेशी हैं. एडीआरडीई की टीम इससे पूर्व एम-21 सहित अन्य विमानों के लिए भी पैराशूट विकसित कर चुकी है.

इसे भी पढ़े-तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान की पहली उड़ान सफल, कई सुविधाओं से है लैस - Tejas MK 1A Successfully Completes

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मार्क-1ए वर्जन नए इलेक्ट्रॉनिक्स (etv bharat reporter)

मलपुरा ड्रापिंग जोन में हुए प्रारंभिक परीक्षण : बता दें कि, हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) के बनाए ब्रेक पैराशूट और इजेक्टर सीट के पैराशूट विकसित करने का काम करीब तीन साल पहले शुरू किया गया था. ब्रेक और इजेक्टर पैराशूट के प्रारंभिक परीक्षण मलपुरा ड्रापिंग जोन में किए गए हैं. इस दौरान प्रारंभिक परीक्षण में जो कमियां सामने आईं थीं. उन्हें विशेषज्ञों की टीम ने दूर किया है. स्वदेशी ब्रेक और इजेक्टर पैराशूट विकसित किए गए हैं. ये बेहद कारगर हैं.

तेजस मार्क-1ए में होंगी ये खूबियां: तेजस मार्क-1ए में समय के साथ टेक्नोलॉजी में बदलाव किया जा रहा है. भारतीय वायु सेना को तेजस में नए सिस्टम्स मिलेंगे. इससे अगले तीन दशक तक ये विमान सेवा दे सके. तेजस मार्क-1 और मार्क-1ए दिखने में तो एक जैसे हैं. मगर, मार्क-1ए वर्जन नए इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोसेसर, डिस्प्ले सिस्टम और फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर लैस होगा. इसके साथ ही इसमें नया एईएसए (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैंड एरे) रडार, हवा से जमीन पर, हवा से हवा वाला सिस्टम, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर्स, और नया स्वदेशी मिशन कंप्यूटर भी इंस्टॉल किया गया है.

यह भी पढ़े-देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस में मच्छरों का आतंक, रैकेट से मच्छर मार रहे अटेंडेट - Mosquitoes In Tejas Express

आगरा : भारतीय वायु सेना का जल्द ही हिस्सा बनने जा रहे स्वेदशी तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन में स्वदेशी पैराशूट भी शामिल होंगे. हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) के विशेषज्ञों की टीम ने तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन के लिए दो तरह के स्वदेशी पैराशूट विकसित किए हैं. ये ब्रेक पैराशूट और इजेक्टर पैराशूट हैं. दोनों ही पैराशूट का आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में प्रारंभिक से लेकर फाइनल परीक्षण किया जा चुका है. इसके बाद ही इन दोनों स्वदेशी पैराशूट से तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन को फाइनल किया गया है. ये एडीआरडीई की बड़ी उपलब्धि है.

हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने 24 मार्च को पहली बार बेंगलुरु में फाइटर प्लेन तेजस एमके-10 का परीक्षण किया था. इस दौरान फाइटर प्लेन तेजस एमके-10 करीब 18 मिनट तक हवा में रहा था. फाइटर प्लेन तेजस एमके-10 से भारतीय वायु सेना की शक्ति और भी बढ़ जाएगी. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की ओर से भारतीय वायुसेना को पहला तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन जुलाई 2024 में मिलेगा. भारतीय वायु सेना से पहले मिलने वाले तेजस मार्क 1ए को पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान के बीकानेर में तैनात करने की योजना बनाई गई है.

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तेजस एमके-1ए फाइटर प्लेन में पैराशूट (etv bharat reporter)



ब्रेक और इजेक्टर पैराशूट हैं अलग-अलग : एडीआरडीई के पूर्व निदेशक प्रो. एके सक्सेना बताते हैं कि, प्लेन में दो तरीके के पैराशूट होते हैं. इसमें अगर विमान को छोटे रनवे पर उतारा जाना है तो उसे ब्रेक पैराशूट के जरिए ही उतारा जाता है. ब्रेक पैराशूट से तेज गति से विमान रनवे पर लैंड कराया जाना आसान है. क्योंकि, पैराशूट खुलने से विमान की गति नियंत्रित हो जाती है. इसके साथ ही विमान में पायलट की इजेक्टर सीट होती है. इस सीट में एक पैराशूट होता है. यह आपातकाल में जैसे ही पायलट इजेक्टर सीट का बटन दबाता है. सीट हवा में दूर तक चली जाती है. फिर पैराशूट ऑटोमेटिक तरीके से खुल जाता है. एडीआरडीई की टीम ने ब्रेक और इजेक्टर सीट के पैराशूट विकसित किए हैं. ये दोनों ही पैराशूट पूरी तरह से स्वदेशी हैं. एडीआरडीई की टीम इससे पूर्व एम-21 सहित अन्य विमानों के लिए भी पैराशूट विकसित कर चुकी है.

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मार्क-1ए वर्जन नए इलेक्ट्रॉनिक्स (etv bharat reporter)

मलपुरा ड्रापिंग जोन में हुए प्रारंभिक परीक्षण : बता दें कि, हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) के बनाए ब्रेक पैराशूट और इजेक्टर सीट के पैराशूट विकसित करने का काम करीब तीन साल पहले शुरू किया गया था. ब्रेक और इजेक्टर पैराशूट के प्रारंभिक परीक्षण मलपुरा ड्रापिंग जोन में किए गए हैं. इस दौरान प्रारंभिक परीक्षण में जो कमियां सामने आईं थीं. उन्हें विशेषज्ञों की टीम ने दूर किया है. स्वदेशी ब्रेक और इजेक्टर पैराशूट विकसित किए गए हैं. ये बेहद कारगर हैं.

तेजस मार्क-1ए में होंगी ये खूबियां: तेजस मार्क-1ए में समय के साथ टेक्नोलॉजी में बदलाव किया जा रहा है. भारतीय वायु सेना को तेजस में नए सिस्टम्स मिलेंगे. इससे अगले तीन दशक तक ये विमान सेवा दे सके. तेजस मार्क-1 और मार्क-1ए दिखने में तो एक जैसे हैं. मगर, मार्क-1ए वर्जन नए इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोसेसर, डिस्प्ले सिस्टम और फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर लैस होगा. इसके साथ ही इसमें नया एईएसए (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैंड एरे) रडार, हवा से जमीन पर, हवा से हवा वाला सिस्टम, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर्स, और नया स्वदेशी मिशन कंप्यूटर भी इंस्टॉल किया गया है.

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