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कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर का स्वत: संज्ञान लें, सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटीशन दायर - Letter petition in Supreme Court - LETTER PETITION IN SUPREME COURT

Letter petition filed in Supreme Court: कोलकाता रेप-मर्डर मामले में देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है. जिसको लेकर देशभर में विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं.वहीं लोगों द्वारा भी इस मुद्दे को लेकर मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन आदि किया जा रहा है. इसी बीच इस मामले को लेकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लेटर पिटीशन भेजी गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है.

KOLKATA RAPE MURDER CASE
कोलकाता रेप-मर्डर मामला, सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटीशन दायर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 16, 2024, 11:01 PM IST

नई दिल्ली: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ को एक लेटर पिटीशन भेजी गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से 9 अगस्त को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है. सिकंदराबाद के आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज की बीडीएस डॉ. मोनिका सिंह ने सीजेआई को एक पत्र भेजकर अदालत से 14 अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज पर हुए हमले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया है. याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है.

पत्र याचिका में चिकित्सा पेशेवरों पर क्रूर हमलों की एक श्रृंखला का मुद्दा उठाया गया है. कोलकाता की घटना का हवाला देते हुए, पत्र याचिका में कहा गया है कि इसने चिकित्सा समुदाय के मनोबल को बुरी तरह प्रभावित किया है और वे पूरे देश में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

डॉ. मोनिका सिंह ने वकील सत्यम सिंह के माध्यम से भेजे गए पत्र याचिका में कहा है कि, हमलों ने अस्पताल के संचालन को बुरी तरह बाधित किया है और चिकित्सा कर्मचारियों के बीच भय का माहौल पैदा किया है. पत्र यह भी कहा गया है, "कॉलेज और उसके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए."

पत्र याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि चिकित्सा पेशेवरों पर क्रूर हमलों से जुड़ी हाल की घटनाएं न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी हैं, बल्कि उन लोगों के सामने आने वाले गंभीर जोखिमों की भयावह याद दिलाती हैं जो जीवन बचाने के लिए अथक परिश्रम करते हैं. सिंह ने हमलों की निष्पक्ष जांच के साथ-साथ देश भर के चिकित्सा संस्थानों के लिए व्यापक सुरक्षा उपायों के लिए निर्देश देने की मांग की. पत्र याचिका में कहा गया है, "आर जी कर मेडिकल कॉलेज पर हमला केवल हिंसा की एक अलग घटना नहीं है, बल्कि हमारे देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर सीधा हमला है."

सिंह ने कहा कि यह उन लोगों की सुरक्षा को कमजोर करता है जिन्होंने दूसरों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. पत्र याचिका में कहा गया है, "कानून के शासन में विश्वास बहाल करने और हमारे चिकित्सा संस्थानों के निर्बाध कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से त्वरित और निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है." बता दें कि, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर के साथ ड्यूटी पर रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इस घटना को लेकर नागरिक समाज और डॉक्टरों द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Doctor Rape Case को लेकर दिल्ली के लोगों में गुस्सा, डॉक्टर्स कर रहे JUSTICE की मांग

नई दिल्ली: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ को एक लेटर पिटीशन भेजी गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से 9 अगस्त को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है. सिकंदराबाद के आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज की बीडीएस डॉ. मोनिका सिंह ने सीजेआई को एक पत्र भेजकर अदालत से 14 अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज पर हुए हमले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया है. याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है.

पत्र याचिका में चिकित्सा पेशेवरों पर क्रूर हमलों की एक श्रृंखला का मुद्दा उठाया गया है. कोलकाता की घटना का हवाला देते हुए, पत्र याचिका में कहा गया है कि इसने चिकित्सा समुदाय के मनोबल को बुरी तरह प्रभावित किया है और वे पूरे देश में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

डॉ. मोनिका सिंह ने वकील सत्यम सिंह के माध्यम से भेजे गए पत्र याचिका में कहा है कि, हमलों ने अस्पताल के संचालन को बुरी तरह बाधित किया है और चिकित्सा कर्मचारियों के बीच भय का माहौल पैदा किया है. पत्र यह भी कहा गया है, "कॉलेज और उसके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए."

पत्र याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि चिकित्सा पेशेवरों पर क्रूर हमलों से जुड़ी हाल की घटनाएं न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी हैं, बल्कि उन लोगों के सामने आने वाले गंभीर जोखिमों की भयावह याद दिलाती हैं जो जीवन बचाने के लिए अथक परिश्रम करते हैं. सिंह ने हमलों की निष्पक्ष जांच के साथ-साथ देश भर के चिकित्सा संस्थानों के लिए व्यापक सुरक्षा उपायों के लिए निर्देश देने की मांग की. पत्र याचिका में कहा गया है, "आर जी कर मेडिकल कॉलेज पर हमला केवल हिंसा की एक अलग घटना नहीं है, बल्कि हमारे देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर सीधा हमला है."

सिंह ने कहा कि यह उन लोगों की सुरक्षा को कमजोर करता है जिन्होंने दूसरों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. पत्र याचिका में कहा गया है, "कानून के शासन में विश्वास बहाल करने और हमारे चिकित्सा संस्थानों के निर्बाध कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से त्वरित और निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है." बता दें कि, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर के साथ ड्यूटी पर रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इस घटना को लेकर नागरिक समाज और डॉक्टरों द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.

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