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ताजमहल या तेजोमहालय; अब महाशिवरात्रि पर दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक की मांग, न्यायालय में वाद दायर

योगी यूथ ब्रिगेड की ओर से महाशिवरात्रि के अवसर पर ताजमहल में शिवरात्रि पर गंगाजल चढ़ाने के साथ ही जलाभिषेक की मांग को लेकर सोमवार दोपहर सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में एक वाद दायर किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 7:40 PM IST

आगरा : मोहब्बत की निशानी ताजमहल एक बार फिर चर्चा में है. ताजमहल या तेजोमहालय का मामला फिर उठा है. योगी यूथ बिग्रेड की ओर से महाशिवरात्रि के अवसर पर ताजमहल में शिवरात्रि पर गंगाजल चढ़ाने के साथ ही जलाभिषेक की मांग को लेकर सोमवार दोपहर सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में एक वाद दायर किया गया है. इसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. वाद में लिखा है कि, ताजमहल एक शिव मंदिर है, जिसका नाम तेजोमहालय शिव मंदिर है. इसलिए महाशिवरात्रि पर एएसआई उन्हें ताजमहल में जलाभिषेक करने की अनुमति दे. इधर, अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के बाद अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते ताजमहल में उर्स के मामले में सुनवाई नहीं हो सकी.

बतों दें कि बीते माह में शहंशाह शाहजहां के उर्स के दौरान भी ताजमहल को तेजोमहालय बनाने का मुददा हिंदू संगठनों ने उठाया था. तब भी शाहजहां के उर्स पर रोक लगाने को लेकर कोर्ट में वाद दायर किया गया था. जिसकी सुनवाई की तिथि चार मार्च थी. मगर अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के चलते अधिवक्ता कार्य से विरत रह रहे हैं. इसलिए उर्स के मामले में सुनवाई नहीं हुई. अब 22 मार्च को इस पर सुनवाई होगी. इस बार एक बार फिर महाशिवरात्रि से पहले योगी यूथ ब्रिगेड ने सोमवार दोपहर सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में एक वाद दायर किया है.

एएसआई से मांगी है अनुमति

दरअसल, योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर और अधिवक्ता झम्मन सिंह रघुवंशी के जरिए सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में वाद दायर किया है. जिसमें ताजमहल को तेजोमहालय शिव मंदिर बताकर चार पदाधिकारीयों के साथ शिवरात्रि पर दुग्धाभिषेक, गंगाजल से अभिषेक करने की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई से अनुमति मांगी है.

कोर्ट में दिए वादी ने कई सबूत

वाद दायर करने वाले कुंवर अजय तोमर का कहना है कि मुगल काल में हजारों मंदिरों को ध्वस्त करके उनके ऊपर मकबरे और मस्जिदें बनाई गई थीं. अयोध्या, मथुरा और काशी में इसके सबसे बड़े उदाहरण है. मुगलों ने भारत में शासन के दौरान हिंदू मंदिरों को तोड़कर उन पर अपने नाम मकबरे और मस्जिद बनवाई थीं. जो बेहद गलत है. किसी दूसरे के घर पर अपने नाम की नेम प्लेट लगाने से वो खुद का घर नहीं हो जाता है. ऐसे ही ताजमहल से पहले वह तेजोमहालय शिव मंदिर था. अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर और अधिवक्ता झम्मन सिंह रघुवंशी ने बताया कि न्यायालय में तेजोमहालय के हिंदू मंदिर होने संबंधी तमाम सबूत भी दिए हैं. जिसके आधार पर महाशिवरात्रि पर तेजोमहालय ताजमहल में जलाभिषेक करने की एएसआई से न्यायालय के जरिए अनुमति मांगी है. अनुमति मिलने पर वादी और उसके साथी पदाधिकारी तेजोमहालय में जलाभिषेक करेंगे.

हिंदू राजा परम द्रविदेव ने बनवाया था तेजोमहालय

अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि सन 1212 में राजा परम देव द्रविदेव ने आगरा में एक शिव मंदिर बनवाया था. जिसे तेजोमहालय तेजोमहल नाम दिया गया था. यहीं पर ताजमहल का निर्माण 1653 में पूरा हुआ था. जबकि शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने अपने पिता को 1652 में ही खत लिखा था कि इमारत में दरारें आ गई हैं. यह कभी भी गिर सकती है. इसकी मरम्मत की जाए. इससे यह भी साफ होता है कि कहीं न कहीं पुराने ही किसी चिन्ह पर इसको मॉडिफाई किया गया है. मुख्य गुम्बद पर जो कलश है, वह हिन्दू मंदिरों की तरह है. आज भी हिन्दू मंदिरों पर स्वर्ण कलश स्थापित करने की परंपरा है. कलश पर चंद्रमा बना है. अपने नियोजन के कारण चन्द्रमा एवं कलश की नोक मिलकर एक त्रिशूल का आकार बनाती है. जो भगवान शिव का चिह्न है.

ताजमहल में शिव मंदिर के तमाम सबूत

अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि ताजमहल की बाहरी दीवारों पर कलश, त्रिशूल, कमल, नारियल और आम के पेड़ की पत्तियों के प्रतीक चिन्ह अंकित हैं. जो हिंदू मंदिरों के प्रतीक हैं. जिन्हें सनातन धर्म में उपयोग किया जाता है. हिन्दू मंदिर प्रायः नदी या समुद्र तट पर बनाए जाते हैं. तेजोमहालय ताजमहल भी यमुना नदी के तट पर है.

ये रहे कोर्ट में मौजूद

वादी कुंवर अजय तोमर, योगी यूथ ब्रिगेड प्रदेश कोषाध्यक्ष रामरतन तोमर, पूर्व महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र धाकड़, युवा महानगर महामंत्री सुमित भोला, जिला मंत्री भाजपा युवा मोर्चा पदम सिंह, अर्जुन उपाध्याय, हरिओम तोमर, श्यामवीर कश्यप, अमित लालवानी समेत अन्य पदाधिकारी और आदि कार्यकर्ता कोर्ट में मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : ताजमहल में शाहजहां के उर्स पर रोक का वाद दायर, कोर्ट ने नोटिस तामील कराने का दिया आदेश

यह भी पढ़ें : इश्तिहार छपा और बिक गया ताजमहल? पढ़िए- कैसे एक विरोध के चलते बची मोहब्बत की निशानी

आगरा : मोहब्बत की निशानी ताजमहल एक बार फिर चर्चा में है. ताजमहल या तेजोमहालय का मामला फिर उठा है. योगी यूथ बिग्रेड की ओर से महाशिवरात्रि के अवसर पर ताजमहल में शिवरात्रि पर गंगाजल चढ़ाने के साथ ही जलाभिषेक की मांग को लेकर सोमवार दोपहर सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में एक वाद दायर किया गया है. इसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. वाद में लिखा है कि, ताजमहल एक शिव मंदिर है, जिसका नाम तेजोमहालय शिव मंदिर है. इसलिए महाशिवरात्रि पर एएसआई उन्हें ताजमहल में जलाभिषेक करने की अनुमति दे. इधर, अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के बाद अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते ताजमहल में उर्स के मामले में सुनवाई नहीं हो सकी.

बतों दें कि बीते माह में शहंशाह शाहजहां के उर्स के दौरान भी ताजमहल को तेजोमहालय बनाने का मुददा हिंदू संगठनों ने उठाया था. तब भी शाहजहां के उर्स पर रोक लगाने को लेकर कोर्ट में वाद दायर किया गया था. जिसकी सुनवाई की तिथि चार मार्च थी. मगर अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के चलते अधिवक्ता कार्य से विरत रह रहे हैं. इसलिए उर्स के मामले में सुनवाई नहीं हुई. अब 22 मार्च को इस पर सुनवाई होगी. इस बार एक बार फिर महाशिवरात्रि से पहले योगी यूथ ब्रिगेड ने सोमवार दोपहर सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में एक वाद दायर किया है.

एएसआई से मांगी है अनुमति

दरअसल, योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर और अधिवक्ता झम्मन सिंह रघुवंशी के जरिए सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में वाद दायर किया है. जिसमें ताजमहल को तेजोमहालय शिव मंदिर बताकर चार पदाधिकारीयों के साथ शिवरात्रि पर दुग्धाभिषेक, गंगाजल से अभिषेक करने की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई से अनुमति मांगी है.

कोर्ट में दिए वादी ने कई सबूत

वाद दायर करने वाले कुंवर अजय तोमर का कहना है कि मुगल काल में हजारों मंदिरों को ध्वस्त करके उनके ऊपर मकबरे और मस्जिदें बनाई गई थीं. अयोध्या, मथुरा और काशी में इसके सबसे बड़े उदाहरण है. मुगलों ने भारत में शासन के दौरान हिंदू मंदिरों को तोड़कर उन पर अपने नाम मकबरे और मस्जिद बनवाई थीं. जो बेहद गलत है. किसी दूसरे के घर पर अपने नाम की नेम प्लेट लगाने से वो खुद का घर नहीं हो जाता है. ऐसे ही ताजमहल से पहले वह तेजोमहालय शिव मंदिर था. अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर और अधिवक्ता झम्मन सिंह रघुवंशी ने बताया कि न्यायालय में तेजोमहालय के हिंदू मंदिर होने संबंधी तमाम सबूत भी दिए हैं. जिसके आधार पर महाशिवरात्रि पर तेजोमहालय ताजमहल में जलाभिषेक करने की एएसआई से न्यायालय के जरिए अनुमति मांगी है. अनुमति मिलने पर वादी और उसके साथी पदाधिकारी तेजोमहालय में जलाभिषेक करेंगे.

हिंदू राजा परम द्रविदेव ने बनवाया था तेजोमहालय

अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि सन 1212 में राजा परम देव द्रविदेव ने आगरा में एक शिव मंदिर बनवाया था. जिसे तेजोमहालय तेजोमहल नाम दिया गया था. यहीं पर ताजमहल का निर्माण 1653 में पूरा हुआ था. जबकि शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने अपने पिता को 1652 में ही खत लिखा था कि इमारत में दरारें आ गई हैं. यह कभी भी गिर सकती है. इसकी मरम्मत की जाए. इससे यह भी साफ होता है कि कहीं न कहीं पुराने ही किसी चिन्ह पर इसको मॉडिफाई किया गया है. मुख्य गुम्बद पर जो कलश है, वह हिन्दू मंदिरों की तरह है. आज भी हिन्दू मंदिरों पर स्वर्ण कलश स्थापित करने की परंपरा है. कलश पर चंद्रमा बना है. अपने नियोजन के कारण चन्द्रमा एवं कलश की नोक मिलकर एक त्रिशूल का आकार बनाती है. जो भगवान शिव का चिह्न है.

ताजमहल में शिव मंदिर के तमाम सबूत

अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि ताजमहल की बाहरी दीवारों पर कलश, त्रिशूल, कमल, नारियल और आम के पेड़ की पत्तियों के प्रतीक चिन्ह अंकित हैं. जो हिंदू मंदिरों के प्रतीक हैं. जिन्हें सनातन धर्म में उपयोग किया जाता है. हिन्दू मंदिर प्रायः नदी या समुद्र तट पर बनाए जाते हैं. तेजोमहालय ताजमहल भी यमुना नदी के तट पर है.

ये रहे कोर्ट में मौजूद

वादी कुंवर अजय तोमर, योगी यूथ ब्रिगेड प्रदेश कोषाध्यक्ष रामरतन तोमर, पूर्व महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र धाकड़, युवा महानगर महामंत्री सुमित भोला, जिला मंत्री भाजपा युवा मोर्चा पदम सिंह, अर्जुन उपाध्याय, हरिओम तोमर, श्यामवीर कश्यप, अमित लालवानी समेत अन्य पदाधिकारी और आदि कार्यकर्ता कोर्ट में मौजूद रहे.

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