रांची: झारखंड में बालू के मुद्दे पर सालों से राजनीति होती रही है. बीजेपी हमेशा से हेमंत सोरेन पर बालू को लेकर कई गंभीर आरोप लगाती रही है. इसी विधानसभा सत्र के दौरान हेमंत सोरेन ने सदन के अंदर ही बालू गरीबों को फ्री में देने की घोषणा की थी. अब आज झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन के बाहर भारतीय जनता पार्टी के निलंबित विधायकों ने इसे लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. बीजेपी विधायकों ने सदन के बाहर 100 रुपए से लेकर 1000 रुपए किलो की दर से बालू बेचकर सरकार की बालू नीति का विरोध किया.
बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता और नीरा यादव ने विधानसभा के बाहर बालू का स्टॉल लगा रखा था. जहां दूसरे बीजेपी विधायक खरीदारी करते नजर आए. भानु प्रताप शाही ने शशिभूषण मेहता से 1000 रुपए किलो बालू खरीद कर कहा कि राज्य में किसी भी गरीब या नन टैक्स पेयर को फ्री बालू नहीं मिल रहा है. सरकार की अकर्मण्यता और बालू की कालाबाजारी से एक ओर जहां बालू के दाम आसमान छू रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार चुनाव को सामने देख सिर्फ राज्यवासियों को धोखा देने के लिए लोकलुभावन घोषणा कर रही है.
क्या थी हेमंत सोरेन सरकार की घोषणा
हेमंत सोरेन सरकार की पिछली कैबिनेट में राज्य के गरीबों और नन टैक्स पेयर जनता को फ्री बालू देने के प्रस्ताव को पारित किया था. सरकार की सोच यह है कि उनकी इस नीति ने उन जरूरतमंदों को राहत मिलेगी जो अपना आशियाना बनाना चाहते हैं, लेकिन बालू की बढ़ी कीमत या अनुपलब्धता की वजह से प्रधानमंत्री आवास योजना या गरीब-मध्यम वर्गों को घर बनाने में दिक्कत हो रही थी.
विपक्ष का आरोप, हवा हवाई है सरकार की घोषणा
राज्य के गरीबों और नन टैक्स पेयर को फ्री बालू उपलब्ध कराने की घोषणा को पूर्व मंत्री सरयू राय पहले ही चुनावी घोषणा बता चुके हैं, भाजपा विधायकों का भी आरोप है कि मानसून में NGT द्वारा बालू खनन पर रोक के बाद सरकार की इस घोषणा के धरातल पर उतरने की संभावना कम है. आज भी राज्य में बालू की कालाबाजारी हो रही है और सरकार हाथ पर हाथ डालकर बैठी हुई है.
विधायकों ने कहा कि गरीबों को फ्री बालू की घोषणा सिर्फ सस्ती लोकप्रियता बटोरने का लिए है, इसलिए उन्हें विधानसभा के समक्ष राज्यवासियों की इस समस्या को उठाना पड़ रहा है. रोचक बात यह रही कि भाजपा विधायकों ने अलग-अलग नदियों से निकाले गए बालू की कीमत भी अलग अलग तय की थी.
स्वर्णरेखा का बालू नीरा यादव 100 रुपए किलो बेच रही थीं तो कोयल नदी का बालू लेकर आये शशिभूषण मेहता 1000 रुपए किलो बेच कर विरोध जताते देखे गए. भाजपा के निलंबित विधायक शशिभूषण मेहता, नीरा यादव, नवीन जायसवाल, बिरंची नारायण, अमर बाउरी सहित कई विधायक बालू बेचने का दृश्य दिखा कर हेमंत सरकार को घेरने की कोशिश की.
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