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कवच रेल सुरक्षा प्रणाली को लेकर दायर PIL को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज - Railway news - RAILWAY NEWS

सुप्रीम कोर्ट ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद कवच प्रणाली को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ भारतीय रेल की सराहना की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 16, 2024, 8:57 PM IST


गोरखपुरः बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद कवच प्रणाली की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल और इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है. ट्रेन और रेल यात्री सुरक्षा को लेकर कवच की स्थापना से संबंधित कार्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे की सराहना भी है.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने जारी विज्ञप्ति में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला निश्चित रूप से रेलवे के द्वारा जनहित में सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे कदमों ताकत देता है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल यात्रियों को संरक्षित सफर करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारतीय रेल द्वारा संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए अनेक कार्य किया जा रहे हैं. ट्रेनों को आपस में टकराने से रोकने के लिए रेलवे द्वारा स्वदेशी तकनीक से निर्मित टक्कर रोधी कवच प्रणाली की स्थापना की जा रही है. इस जीपीएस आधारित प्रणाली के उपयोग से एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आने वाली ट्रेन कुछ निश्चित दूरी पर आकर स्वत: ही रुक जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रेलवे की सराहना कीः जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि रेलवे पर संरक्षा को सुदृढ़ करने की कड़ी में कवच प्रणाली की स्थापना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रेलवे की सराहना की है. बालासोर रेल हादसे के दौरान दायर की गई एक जनहित याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर गया है. उन्होंने कहा कि कवच प्रणाली निश्चित रूप से रेलवे में सुरक्षा की एक बहुत ही आधुनिक और बेहतरीन प्रणाली है. जिससे दुर्घटना और जनहानि की आशंका नहीं के बराबर है. ऐसे में बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना के पीछे कवच प्रणाली की निष्क्रियता को आधार नहीं माना गया. इसलिए दायर की गई जनहित याचिका भी खारिज हुई है.

कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणालीः पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है. जिसे भारतीय रेलवे ने अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन के माध्यम से स्वदेशी रूप में विकसित किया है. कवच का प्रारंभिक विकास 2012 में ट्रेन कोलिजन अवाइडेंस सिस्टम के नाम से शुरू हुआ और 2022 में पूरा हुआ. कवच टक्कर रोधी विशेषताओं के साथ एक कैब सिग्नल इन ट्रेन नियंत्रण प्रणाली है. इसे देश के राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के रूप में अपनाया गया है. यह सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल -4 मानकों का पालन करता है और मौजूद सिंगनलिंग प्रणाली पर एक सतर्क निगरानीकर्ता के रूप में कार्य करता है.

इसे भी पढ़ें-ट्रेन में ब्रेक लगाने पर भी रेलवे कर रहा लाखों की कमाई, बचा ली 22 लाख रुपए की बिजली


गोरखपुरः बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद कवच प्रणाली की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल और इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है. ट्रेन और रेल यात्री सुरक्षा को लेकर कवच की स्थापना से संबंधित कार्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे की सराहना भी है.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने जारी विज्ञप्ति में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला निश्चित रूप से रेलवे के द्वारा जनहित में सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे कदमों ताकत देता है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल यात्रियों को संरक्षित सफर करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारतीय रेल द्वारा संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए अनेक कार्य किया जा रहे हैं. ट्रेनों को आपस में टकराने से रोकने के लिए रेलवे द्वारा स्वदेशी तकनीक से निर्मित टक्कर रोधी कवच प्रणाली की स्थापना की जा रही है. इस जीपीएस आधारित प्रणाली के उपयोग से एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आने वाली ट्रेन कुछ निश्चित दूरी पर आकर स्वत: ही रुक जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रेलवे की सराहना कीः जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि रेलवे पर संरक्षा को सुदृढ़ करने की कड़ी में कवच प्रणाली की स्थापना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रेलवे की सराहना की है. बालासोर रेल हादसे के दौरान दायर की गई एक जनहित याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर गया है. उन्होंने कहा कि कवच प्रणाली निश्चित रूप से रेलवे में सुरक्षा की एक बहुत ही आधुनिक और बेहतरीन प्रणाली है. जिससे दुर्घटना और जनहानि की आशंका नहीं के बराबर है. ऐसे में बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना के पीछे कवच प्रणाली की निष्क्रियता को आधार नहीं माना गया. इसलिए दायर की गई जनहित याचिका भी खारिज हुई है.

कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणालीः पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है. जिसे भारतीय रेलवे ने अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन के माध्यम से स्वदेशी रूप में विकसित किया है. कवच का प्रारंभिक विकास 2012 में ट्रेन कोलिजन अवाइडेंस सिस्टम के नाम से शुरू हुआ और 2022 में पूरा हुआ. कवच टक्कर रोधी विशेषताओं के साथ एक कैब सिग्नल इन ट्रेन नियंत्रण प्रणाली है. इसे देश के राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के रूप में अपनाया गया है. यह सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल -4 मानकों का पालन करता है और मौजूद सिंगनलिंग प्रणाली पर एक सतर्क निगरानीकर्ता के रूप में कार्य करता है.

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