आगरा : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ताजमहल को बदरंग करने वाले गोल्डी काइरोनोमस कीड़ों के हमले के मद्देनजर यमुना नदी की सिल्ट हटाने और सफाई कराने को हरी झंडी दी है. आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइया की पीठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर इस ओर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है तो तत्काल कदम उठाएं. चाहे तो इसमें किसी विशेषज्ञ एजेंसी की मदद ले सकते हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) से हलफनामा मांगा है. इसमें पूछा है कि यमुना की नियमित सफाई की जिम्मेदारी किस संस्था की है, यमुना की सफाई, कीचड़, गंदगी हटाने पर कोई आपत्ति हो ही नहीं सकती.
बता दें कि आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में डी-सिल्टिंग के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई थी. सोमवार को इस पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन से पूछा कि, क्या यमुना की डिसिल्टिंग पहले हुई है. इस पर केसी जैन ने बताया कि यमुना की सफाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यमुना से सिल्ट हटाने की सिफारिश की है. इतना ही नहीं, डीएम आगरा की कमेटी भी ये सिफारिश कर चुकी है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा मांगा. इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.
गोल्डी काइरोनोमस कीड़े बदरंग कर रहे ताज : फाउंडेशन की याचिका में बताया गया है कि सन 2015 से यमुना की गंदगी में पनपे गोल्डी काइरोनोमस कीड़ों का हमला हो रहा है. गोल्डी काइरोनोमस कीड़ों की वजह से ताज की संगमरमरी दीवारों पर हरे धब्बे पड़ गए. हर साल एएसआई की साइंस ब्रांच गोल्डी काइरोनोमस कीड़ों के हमलों के बाद ताजमहल की सफाई कराती है. लगातार कीड़ों का हमला जारी है. इससे ताजमहल बदरंग हो रहा है. ताजमहल के पीछे यमुना नदी में गंदा पानी और दलदल है. इसी गंदे पानी में फास्फोरस के कारण इन कीड़ों की फौज पैदा होती है.
सिल्ट हटाने का काम हो जल्द : वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकारी एजेंसी जल्द यमुना नदी की सिल्ट हटाने की मुहिम शुरू करें. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से न केवल ताज को संजीवनी मिलेगी. बल्कि, यमुना नदी भी पुनर्जीवित होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकार 6 से 7 मीटर तक जमा सिल्ट हटाने का काम शुरू करेंगी.
जनप्रतिनिधि उदासीन : रिवर कनेक्ट कैंपेन के संयोजक ब्रज खंडेलवाल बताते हैं कि यमुना के प्रति जनप्रतिनिधि उदासीन हैं. किसी भी दल ने चुनावी एजेंडे में यमुना शामिल नहीं है. दस साल से यमुना प्रेमी रोज नदी के घाट पर इस उद्देश्य से आरती उतार रहे हैं कि लोग नदी से जुड़े. यमुना में निर्मल व अविरल जलधारा बहे.
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