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सुप्रीम कोर्ट ने मोहन यादव सरकार को थमाया नोटिस, कहा-दुकान मालिकों पर नेमप्लेट का न डालें दबाव - Supreme Court Notice To MP Govt

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. दुकानों के बाहर दुकानदार और रेहड़ी वालों को अपना नाम लिखने के मामले में यह नोटिस एमपी सरकार को दिया गया है. मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को हगी.

SUPREME COURT NOTICE TO MP GOVT
सुप्रीम कोर्ट ने मोहन सरकार को दिया नोटिस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 22, 2024, 4:46 PM IST

Updated : Jul 22, 2024, 6:38 PM IST

भोपाल। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्य प्रदेश में दुकानों के बाहर दुकानदार और रेहड़ी वालों को अपना नाम लिखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम रोक लगा दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी. दरअसल उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश की महाकाल की नगरी उज्जैन में भी दुकानों के बाद दुकानदारों को अपना नाम लिखना जरूरी किया गया था. हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस मामले में स्पष्टीकरण जारी किया था.

उज्जैन में उत्तर प्रदेश जैसा आदेश

सावन माह शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्राएं शुरू हो गई है. इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा वाले मार्ग में पड़ने वाली दुकानों के मालिकों को आदेश दिए गए थे कि दुकान के बाहर दुकानदार अपना नाम लिखें. उत्तर प्रदेश के इस आदेश के बाद मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी इसी तरह का आदेश जारी हुआ है. इसकी सबसे पहली मांग इंदौर से बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की थी. उज्जैन के कुछ स्थानों पर इसका असर भी देखने को मिला.

हालांकि मामला गर्माने के बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि नगरीय क्षेत्र अंतर्गत कावड़ यात्रियों के मार्ग में आने वाली दुकानों के बोर्ड पर दुकान मालिक के नाम लिखने के संबंध में कोई भी निर्देश नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा या फिर शासन स्तर पर जारी नहीं किया गया है. प्रशासन ने कहा कि भ्रम से दूर रहें. मध्य प्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 के तहत दुकानों पर बोर्ड लगाए जा सकते हैं. दुकान मालिक का नाम प्रदर्शित करने की कोई अनिवार्यता नहीं है.

यहां पढ़ें...

पहचान बताओ दुकान लगाओ या 2 हजार जुर्माना चुकाओ, महाकाल नगरी में नाम बदल धंधा किया तो खैर नहीं

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अब सुप्रीम कोर्ट ने लगाया स्टे

उधर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के इन मामलों को लेकर एनजीओ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुकान मालिकों, उनके कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. अंतरिम आदेश के तहत कहा गया है कि दुकानों पर मालिक और कर्मियों पर नाम लिखने का दबाव न डाला जाए. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.

भोपाल। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्य प्रदेश में दुकानों के बाहर दुकानदार और रेहड़ी वालों को अपना नाम लिखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम रोक लगा दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी. दरअसल उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश की महाकाल की नगरी उज्जैन में भी दुकानों के बाद दुकानदारों को अपना नाम लिखना जरूरी किया गया था. हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस मामले में स्पष्टीकरण जारी किया था.

उज्जैन में उत्तर प्रदेश जैसा आदेश

सावन माह शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्राएं शुरू हो गई है. इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा वाले मार्ग में पड़ने वाली दुकानों के मालिकों को आदेश दिए गए थे कि दुकान के बाहर दुकानदार अपना नाम लिखें. उत्तर प्रदेश के इस आदेश के बाद मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी इसी तरह का आदेश जारी हुआ है. इसकी सबसे पहली मांग इंदौर से बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की थी. उज्जैन के कुछ स्थानों पर इसका असर भी देखने को मिला.

हालांकि मामला गर्माने के बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि नगरीय क्षेत्र अंतर्गत कावड़ यात्रियों के मार्ग में आने वाली दुकानों के बोर्ड पर दुकान मालिक के नाम लिखने के संबंध में कोई भी निर्देश नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा या फिर शासन स्तर पर जारी नहीं किया गया है. प्रशासन ने कहा कि भ्रम से दूर रहें. मध्य प्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 के तहत दुकानों पर बोर्ड लगाए जा सकते हैं. दुकान मालिक का नाम प्रदर्शित करने की कोई अनिवार्यता नहीं है.

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उधर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के इन मामलों को लेकर एनजीओ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुकान मालिकों, उनके कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. अंतरिम आदेश के तहत कहा गया है कि दुकानों पर मालिक और कर्मियों पर नाम लिखने का दबाव न डाला जाए. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.

Last Updated : Jul 22, 2024, 6:38 PM IST
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