नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर अपने फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को रद्द करने के भारत सरकार के फैसले को बरकरार रखा था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की पांच-जजों की पीठ ने समीक्षा याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 11 दिसंबर, 2023 को दिए गए फैसले में कोई स्पष्ट त्रुटि नहीं है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि समीक्षा याचिका को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने के आवेदन खारिज किए जाते हैं. समीक्षा याचिका दायर करने की अनुमति दी गई है. व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और बहस करने की अनुमति अस्वीकार कर दी गई है. समीक्षा याचिकाओं का अध्ययन करने के बाद रिकॉर्ड पर कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है. सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं बनता है. इसलिए समीक्षा याचिकाएं खारिज की जाती हैं. अगर कोई लंबित आवेदन है तो रद्द माना जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश 1 मई 2024 को पारित किया था, लेकिन आदेश की कॉपी हाल ही में शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई है.
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 दिसंबर 2023 को दिए गए फैसले के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 137 के तहत दायर समीक्षा याचिका में कहा गया था कि फैसले में यह सवाल खुला नहीं रहना चाहिए कि क्या संसद किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में परिवर्तित करके राज्य का दर्जा समाप्त कर सकती है.
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