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VVPAT की पूरी गिनती की मांग वाली याचिका पर आज 'सुप्रीम' फैसला - verification of votes with vvpat

VVPAT VERIFICATION OF EVM: कोर्ट ने दोपहर 2 बजे कुछ प्रश्नों के जवाब के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को बुलाया है.

VERIFICATION OF VOTES WITH VVPAT
SUPREME COURT ON EVM
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 24, 2024, 11:13 AM IST

Updated : Apr 24, 2024, 11:24 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के साथ अनिवार्य रूप से मिलान करने की मांग वाली याचिकाओं पर बुधवार को कुछ दिशा निर्देश पारित कर सकता है.

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित सूची के अनुसार, यह मुद्दा 24 अप्रैल को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के सामने सूचीबद्ध है. ताजा जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने वीवीपैट पर्ची के साथ ईवीएम वोटों के 100 फीसदी सत्यापन से संबंधित मामले में भारत के चुनाव आयोग से कुछ स्पष्टीकरण मांगा और अपने अधिकारी को दोपहर 2 बजे उसके समक्ष उपस्थित होने और उसके कुछ प्रश्नों का जवाब देने के लिए कहा है.

वहीं, पिछले हफ्ते, बेंच ने इस मामले में जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता और याचिकाकर्ताओं को ईवीएम के हर पहलू की आलोचना करने की जरूरत नहीं है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुनाव की पूर्व संध्या पर समय-समय पर जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ताओं की आलोचना करते हुए कहा था कि मतदाता की लोकतांत्रिक पसंद को मजाक में बदल दिया गया है.

उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत ने पहले ही इसी तरह की याचिकाओं को खारिज कर दिया है. वीवीपैट स्वतंत्र रूप से वोट का सत्यापन करने वाली प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है.

पढ़ें: EVM पर सुनवाई में SC ने कहा, हर किसी की आशंकाएं दूर करे चुनाव आयोग - SC On EVM

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के साथ अनिवार्य रूप से मिलान करने की मांग वाली याचिकाओं पर बुधवार को कुछ दिशा निर्देश पारित कर सकता है.

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित सूची के अनुसार, यह मुद्दा 24 अप्रैल को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के सामने सूचीबद्ध है. ताजा जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने वीवीपैट पर्ची के साथ ईवीएम वोटों के 100 फीसदी सत्यापन से संबंधित मामले में भारत के चुनाव आयोग से कुछ स्पष्टीकरण मांगा और अपने अधिकारी को दोपहर 2 बजे उसके समक्ष उपस्थित होने और उसके कुछ प्रश्नों का जवाब देने के लिए कहा है.

वहीं, पिछले हफ्ते, बेंच ने इस मामले में जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता और याचिकाकर्ताओं को ईवीएम के हर पहलू की आलोचना करने की जरूरत नहीं है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुनाव की पूर्व संध्या पर समय-समय पर जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ताओं की आलोचना करते हुए कहा था कि मतदाता की लोकतांत्रिक पसंद को मजाक में बदल दिया गया है.

उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत ने पहले ही इसी तरह की याचिकाओं को खारिज कर दिया है. वीवीपैट स्वतंत्र रूप से वोट का सत्यापन करने वाली प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है.

पढ़ें: EVM पर सुनवाई में SC ने कहा, हर किसी की आशंकाएं दूर करे चुनाव आयोग - SC On EVM

Last Updated : Apr 24, 2024, 11:24 AM IST
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