नई दिल्ली: आज के दौर में बड़ी संख्या में लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. आमतौर पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बिलों के भुगतान के लिए किया जाता है. इससे कोई चीज की खरीददारी करते वक्त अगर पैसे कम पड़ जाएं तो आप क्रेडिट कार्ड से उसका पेमेंट कर सकते हैं.
हालांकि, क्रेडिट कार्ड यूजर्स को समय पर कार्ड का पेमेंट करना होता है. ऐसा न करने पर बैंक आपसे ज्यादा ब्याज पर पैसे वसूल करती है. वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी बैंकों को क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट होने पर ज्यादा इंटरेस्ट लगाने की परमिशन दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट की NCDRC के फैसले पर रोक
बता दें कि क्रेडिट कार्ड का बिल समय से न भरने पर बैंक के अधिक मात्रा में ब्याज वसूलने का मामला राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत (NCDRC) के पास पहुंचा था, जहां आयोग ने क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर को 30 फीसदी तक सीमित कर दिया था.
वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी नेशनल कंज्यूमर फोरम के इस फैसले पर रोक लगा दी है और बैंकों को क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट पर हाई इंटरेस्ट लगाने की इजाजत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से बैंकों ने जहां राहत की सांस ली है. वहीं, इससे क्रेडिट कार्ड यूजर्स की मुश्किलों में इजाफा होगा. ऐसे में अगर वह समय पर बिल नहीं चुकाते हैं तो उन्हें ज्यादा ब्याज के साथ बैंक का पैसा लौटाना होगा.
सुप्रीम कोर्ट में बैंकों ने दायर की थी अपील
HSBC, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और सिटी बैंक सहित कई अन्य बैंकों ने NCDRC फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिस पर अब कोर्ट ने फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सामने आने के बाद अब बैंक अपने हिसाब से क्रेडिट कार्ड यूजर्स पर लेट पेमेंट होने पर फाइन लगा सकेंगी.
49 फीसदी तक की पैनेल्टी
उल्लेखनीय है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद बैंक अब क्रेडिट कार्ड यूजर्स पर के लेट बिल पेमेंट करने पर 49 फीसदी तक की पैनेल्टी वसूल कर सकेंगी. अगर आप भी क्रेडिट कार्ड यूज करते हैं और अधिक पेनल्टी से बचना चाहते हैं समय पर बिल चुकाएं. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड को लेकर अप-टू-डेट रहें.