भागलपुर: बिहार में गंगा नदी पर बन रहे सुल्तानगंज-अगुवानी का पिलर धवस्त हो गया है. निर्माणाधीन फोरलेन पुल के पिलर संख्या 9 का सुपर स्ट्रक्चर गिर गया. घटना शनिवार की सुबह 7 बजे की बतायी जा रही है. कुछ ही सेकेंड में पुल का पिलर नदी में समा गया. पुल का स्ट्रक्चर गिरने की यह तीसरी घटना है.
1750 करोड़ की लागत पुल का निर्माणः बता दें कि 1750 करोड़ की लागत से भागलपुर अगुवानी पुल का निर्माण किया जा रहा है. बिहार सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है. 3.160 किलोमीटर लंबा पुल का निर्माण हो रहा है. 23 फरवरी 2014 में इसकी आधारशिला लखी गयी थी. 9 मार्च 2015 को इसका निर्माण शुरू हुआ था तब से कई बार पुल का हिस्सा ध्वस्त हो चुका है.
तीन बार गिरा पुल का स्ट्रक्चरः पहली घटना 30 अप्रैल 2022 को हुई थी. भागलपुर-अगुवानी पुल का पिलर 4 और 6 को जोड़ने वाला 36 सेंगमेंट हवा में झोंके के कारण नदी में समा गया था. दूसरी घटना 5 जून 2023 की है. इस दिन पिलर संख्या 11,12 और 13 को जोड़ने वाला सुपर स्ट्रक्चर ध्वस्त हो गया था. एक बार फिर 17 अगस्त को पुल की पिलर संख्या 9 का सुपर स्ट्रक्चर गंगा में समा गया है.
एसपी सिंघला कंपनी करा रही निर्माणः इस पुल का निर्माण एसपी सिंघला कंस्ट्रक्शन कंपनी करा रही है. कंपनी ने दावा की थी कि अगले साल इस पुल को चालू कर दिया जाएगा लेकिन पुल का स्ट्रक्चर गिरने के कारण गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं. इससे पहले भी पुल का स्ट्रक्चर गिरा है.
कोर्ट तक पहुंचा था मामलाः साल 2022 में जब पुल गिरा था. उस समय आईआईटी रुड़की, मुंबई और खड़गपुर की टीम आकर जांच की थी. निर्माण कंपनी के अधिकारी ने अश्वासन दिया था कि निर्माण की गुणवत्ता में सुधार कर काम आगे बढ़ाया जाएगा लेकिन ठीक एक साल बाद 2023 में फिर पुल का स्ट्रक्चर गिर गया. इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि कंपनी अपने खर्च पर फिर से क्षतिग्रस्त हिस्सा का निर्माण नई डिजाइन के मुताबिक कराएगी. लेकिन क्षतिग्रस्त हिस्सा का अब तक काम शुरू नहीं हुआ है.
जलस्तर बढ़ना बताया जा रहा कारणः शनिवार की घटना को लेकर बताया जा रहा है कि गंगा में जलस्तर बढ़ने से बहाव तेज हो गया है. बहाव तेज होने के कारण पिलर का स्ट्रक्चर नदी में बह गया. इस दौरान नमामि गंगे घाट पर कांवरिया स्नान कर रहे थे. जैसे ही पुल गिरने की आवाज सुनी सभी भागने लगे. इसको लेकर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है.
क्या कहता है विभागः बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से घटना का कारण बताया गया है. निगम ने इसको लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. कहा कि जो भाग नदी में गिरा है उसे तोड़कर हटाया जा रहा था. कुछ भाग बचा हुआ था जो नदी में पानी के तेज बहाव के कारण गिर गया. जहां का हिस्सा गिरा है, वहां नए स्तर पर कोई निर्माण नहीं किया जा रहा था. पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में फिलहाल निर्माण कार्य बंद है.
सेकेंडों में गिर गया पुलः स्थानीय लोगों ने बताया कि हमलोग यहीं खड़े थे. अचानक तेज आवाज आयी जैसे कोई हवाई जहाज जा रहा है. देखें तो पुल का एक भाग गिर रहा है. सेकेंडों में नदी में समा गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर नीचे जहाज रहता तो बड़ा हादसा हो सकता था. हालांकि घटना के दौरान उस वक्त कोई नहीं था.
"हमलोग यहीं मौजूद थे. 10 से 15 मिनट पहले देखें कि पुल गिर गया. 9 नंबर पिलर गिर गया है. सेंगमेंट के ऊपर मशीन रखी हुई थी. मशीन भी गिर गयी. इतनी आवाज हुई जैसे कोई हवाई जहाज जा रहा है." -सुमन कुमार सिंह, स्थानीय
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