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कॉन्स्टेबल की नौकरी छोड़ सिविल सेवा की तैयारी की, मिला यह रैंक - UPSC RESULTS 2023 - UPSC RESULTS 2023

success story of udaykrishna reddy : आंध्र प्रदेश के उदयकृष्ण रेड्डी ने जीवन की बाधाओं को पार करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर सिविल परीक्षा में 780वीं रैंक हासिल की है. उन्हें 2012 में पुलिस कांस्टेबल की नौकरी मिली थी, लेकिन किसी कारणवश उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी थी. जिसके बाद आज उदय इस मुकाम पर हैं. पढ़ें पूरी खबर....

success story of udaykrishna reddy
कॉन्स्टेबल की नौकरी छोड़ सिविल सेवा की तैयारी की, मिला यह रैंक
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 17, 2024, 7:31 PM IST

प्रकाशम : आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के एक पूर्व पुलिस कांस्टेबल ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2023 की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है. 16 अप्रैल 2024 को घोषित 2023 यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणामों में उदय कृष्ण रेड्डी ने 780वीं रैंक हासिल की है.

उदय कृष्ण रेड्डी 2013 से 2018 तक आंध्र प्रदेश पुलिस विभाग में एक पुलिस कांस्टेबल के रूप में कार्यरत थे. ऐसा कहा जा रहा है कि साल 2018 में एक सर्कल इंस्पेक्टर ने अपने 60 पुलिसकर्मी साथियों के सामने उदय का अपमान किया था. कथित तौर पर सर्कल इंस्पेक्टर द्वारा किए गए इस अपमान से आहत होकर रेड्डी ने अपनी नौकरी छोड़ दी. इसके बाद उदय ने दृढ़ संकल्प लिया कि वे एक दिन अधिकारी बनेंगे. इस घटना के बाद उदय कृष्ण रेड्डी ने हार नहीं मानी और लगातार अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते गए.

दरअसल, उदय ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था. जिसके बाद उदय का पालन-पोषण उनकी दादी रामनम्मा ने किया, दादी रामनम्मा ने कड़ी मेहनत के साथ अपने पोते की सारी जिम्मेदारियां उठाई, उन्होंने सब्जियां बेचकर अपने पोते उदय का भरण-पोषण किया. उदयकृष्ण की कहानी विपरीत परिस्थितियों में अटूट दृढ़ संकल्प की कहानी है. सफलता के रास्ते में आने वाली कई कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद उदय ने अपना हौसला नहीं खोया.

प्रकाशम जिले के उल्लापलेम नामक एक छोटे से गांव में साधारण शुरुआत से उदयकृष्ण की सफलता का मार्ग चुनौतियों से भरा था. फिर भी, अपनी दादी के अटूट समर्थन और अपनी क्षमता पर विश्वास करते हुए उन्होंने हर बाधा को पार किया. सरकारी संस्थानों में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उदय को 2012 में पुलिस कांस्टेबल की नौकरी मिल गई थी. उन्होंने 2019 तक लगभग 7 साल तक नौकरी की, उसके बाद उदयकृष्ण ने सिविल सेवाओं पर अपना ध्यान केंद्रित किया,

अपने इस सपने को उन्होंने अटूट दृढ़ संकल्प के साथ पूरा किया. प्रारंभिक असफलताओं के बावजूद उन्होंने निराशा को अपने उपर हावी नहीं होने दिया. अंततः अपने चौथे प्रयास में उदय को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा- 2023 मे सफलता मिली. उनकी उपलब्धि न केवल मानवीय भावना की विजय का प्रतीक है, बल्कि समान संघर्षों का सामना करने वाले अनगिनत अन्य लोगों के लिए आशा की किरण के रूप में भी काम करती है.

अपने इस सफलता के श्रेय उदयकृष्ण ने अपनी दादी को दिया है. उदय ने उन सभी के प्रति आभारा जताया है, जिन्होंने उनकी इस यात्रा में उनका समर्थन किया है. उनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणादायक है.

इस बीच मीडिया से बातचीत के दौरान उदय ने कहा कि दादी मेरे लिए सबकुछ हैं. इन्होंने ही मुझे इस लायक बनाया, मेरे लिए दादी ने बहुत मेहनत की है. उन्होंने सब्जियां बेचकर हमें पढ़ाया, मैंने भी कड़ी मेहनत से पढ़ाई की. मैं बड़ी जिद के साथ कोचिंग में शामिल हुआ और तीन बार परीक्षा में असफल हुआ. हालांकि, मैंने अपना संयम खोए बिना एक बार और कोशिश की. इस बार मुझे सबसे अच्छा रैंक मिला है. दादी बहुत खुश हैं.

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प्रकाशम : आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के एक पूर्व पुलिस कांस्टेबल ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2023 की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है. 16 अप्रैल 2024 को घोषित 2023 यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणामों में उदय कृष्ण रेड्डी ने 780वीं रैंक हासिल की है.

उदय कृष्ण रेड्डी 2013 से 2018 तक आंध्र प्रदेश पुलिस विभाग में एक पुलिस कांस्टेबल के रूप में कार्यरत थे. ऐसा कहा जा रहा है कि साल 2018 में एक सर्कल इंस्पेक्टर ने अपने 60 पुलिसकर्मी साथियों के सामने उदय का अपमान किया था. कथित तौर पर सर्कल इंस्पेक्टर द्वारा किए गए इस अपमान से आहत होकर रेड्डी ने अपनी नौकरी छोड़ दी. इसके बाद उदय ने दृढ़ संकल्प लिया कि वे एक दिन अधिकारी बनेंगे. इस घटना के बाद उदय कृष्ण रेड्डी ने हार नहीं मानी और लगातार अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते गए.

दरअसल, उदय ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था. जिसके बाद उदय का पालन-पोषण उनकी दादी रामनम्मा ने किया, दादी रामनम्मा ने कड़ी मेहनत के साथ अपने पोते की सारी जिम्मेदारियां उठाई, उन्होंने सब्जियां बेचकर अपने पोते उदय का भरण-पोषण किया. उदयकृष्ण की कहानी विपरीत परिस्थितियों में अटूट दृढ़ संकल्प की कहानी है. सफलता के रास्ते में आने वाली कई कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद उदय ने अपना हौसला नहीं खोया.

प्रकाशम जिले के उल्लापलेम नामक एक छोटे से गांव में साधारण शुरुआत से उदयकृष्ण की सफलता का मार्ग चुनौतियों से भरा था. फिर भी, अपनी दादी के अटूट समर्थन और अपनी क्षमता पर विश्वास करते हुए उन्होंने हर बाधा को पार किया. सरकारी संस्थानों में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उदय को 2012 में पुलिस कांस्टेबल की नौकरी मिल गई थी. उन्होंने 2019 तक लगभग 7 साल तक नौकरी की, उसके बाद उदयकृष्ण ने सिविल सेवाओं पर अपना ध्यान केंद्रित किया,

अपने इस सपने को उन्होंने अटूट दृढ़ संकल्प के साथ पूरा किया. प्रारंभिक असफलताओं के बावजूद उन्होंने निराशा को अपने उपर हावी नहीं होने दिया. अंततः अपने चौथे प्रयास में उदय को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा- 2023 मे सफलता मिली. उनकी उपलब्धि न केवल मानवीय भावना की विजय का प्रतीक है, बल्कि समान संघर्षों का सामना करने वाले अनगिनत अन्य लोगों के लिए आशा की किरण के रूप में भी काम करती है.

अपने इस सफलता के श्रेय उदयकृष्ण ने अपनी दादी को दिया है. उदय ने उन सभी के प्रति आभारा जताया है, जिन्होंने उनकी इस यात्रा में उनका समर्थन किया है. उनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणादायक है.

इस बीच मीडिया से बातचीत के दौरान उदय ने कहा कि दादी मेरे लिए सबकुछ हैं. इन्होंने ही मुझे इस लायक बनाया, मेरे लिए दादी ने बहुत मेहनत की है. उन्होंने सब्जियां बेचकर हमें पढ़ाया, मैंने भी कड़ी मेहनत से पढ़ाई की. मैं बड़ी जिद के साथ कोचिंग में शामिल हुआ और तीन बार परीक्षा में असफल हुआ. हालांकि, मैंने अपना संयम खोए बिना एक बार और कोशिश की. इस बार मुझे सबसे अच्छा रैंक मिला है. दादी बहुत खुश हैं.

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