ETV Bharat / bharat

सरगुजा की बुलेट मैकेनिक गर्ल लक्ष्मी, छोटी सी उम्र में करती है बड़ा काम - Success Story of Bullet Mechanic - SUCCESS STORY OF BULLET MECHANIC

Success Story of Bullet Mechanic छत्तीसगढ़ की बेटियों ने अपने हुनर से सिर्फ देश ही नहीं विदेश में भी सफलता के झंडे गाड़े हैं. चाहे वो राजनीति हो या फिर आजीविका चलाने का मामला.कहीं भी महिलाएं पीछे नहीं हैं.सरगुजा की महिलाओं ने पहली बार ऑटो ड्राइवर बनकर लोगों को ये बताया था कि पुरुषों के काम में भी महिलाएं पीछे नहीं हैं. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन जैसे इनोवेशन की बात आई तो सरगुजा की महिलाओं ने ही इसे सफल कर दिखाया. खेल और शिक्षा के क्षेत्र में सरगुजा की बेटियों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बेटी से मिलवाने जा रहे हैं,जिसने सबसे बड़ी चुनौती का सामना किया. इस बेटी की उम्र तो कम है,लेकिन इसके हाथों में जो हुनर है,उसका हर बाइक प्रेमी मुरीद है.

Success Story of Bullet Mechanic Girl Lakshmi
सरगुजा की बुलेट मैकेनिक गर्ल लक्ष्मी (ETV Bharat Chhattisgarh)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 14, 2024, 6:44 PM IST

सरगुजा : सरगुजा में पहली बार एक बेटी को मैकेनिक का काम करते देखा गया.ये हैरान करने वाली बात इसलिए है क्योंकि मैकेनिक का काम सिर्फ पुरुष प्रधान होता है.लेकिन सरगुजा की बेटी महज 14 साल की उम्र में बुलेट जैसी बाइक बनाने में माहिर है. बुलेट में तो बेटी का हाथ साफ है ही इसके अलावा दूसरी दोपहिया वाहनों को भी बेटी तुरंत सुधार देती है.

सरगुजा की बुलेट मैकेनिक गर्ल का कमाल (ETV Bharat Chhattisgarh)

सरगुजा की बुलेट मैकेनिक गर्ल लक्ष्मी : ये कहानी है, अम्बिकापुर के गोधनपुर में रहने वाली लक्ष्मी की, जो कक्षा 8 वीं पास कर नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है. छोटी सी उम्र में ही लक्ष्मी अपने पिता का सहारा बन गई, वो बीते 3 वर्ष से पिता के सर्विसिंग सेंटर में उनका हाथ बटा रही है. यहां बाइक समेत दूसरे वाहनों की रिपेयरिंग देखकर लक्ष्मी के मन में भी इस काम को सीखने की इच्छा हुई. पिता की मदद करने का जज्बा भी मन में था. जब काम में मन लगा तो पिता के ही काम को बेटी ने अपनाने का फैसला किया.

पिता से सीखा हुनर : पिता ने भी सहयोग किया और बेटी को काम सिखाया. आज ये बेटी पिता का सहारा बनी हुई है. पिता गर्व से कहते हैं की बेटा भी शायद इतना नहीं करता जितना ये बेटी करती है. पिता भगवान दास और बेटी लक्ष्मी दोनों मिलकर दुकान चलाते हैं. लक्ष्मी स्कूल जाती है और खाली टाइम में दुकान में रहती है. शाम 7 बजे के बाद वो दुकान से घर चली जाती है और फिर घर में पढ़ाई करती है.

सरगुजा की बुलेट मैकेनिक गर्ल लक्ष्मी (ETV Bharat Chhattisgarh)

मैकेनिकल इंजीनियर बनने का है सपना : गर्मी की छुट्टियों में लक्ष्मी पूरे टाइम दुकान में रहती है. लक्ष्मी का सपना है कि वो बड़े होकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर सके. बहरहाल, छोटी सी उम्र में ही लक्ष्मी ने इस फील्ड के बहुत से काम सीख लिए हैं. जाहिर है कि जब वो मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने जाएगी तो उसकी ये दक्षता उसके लिए सहायक सिद्ध होगी. पिता पुत्री का प्रेम भी अपार है, पिता की हेल्प बेटी करने दुकान आ गई तो पिता भी उसके सपने को पूरा करने से पीछे नही हट रहे हैं वो अपनी बेटी को ट्रेंड कर रहे हैं और भविष्य में उसे मैकेनिकल इंजीनियर बनाने की बात कह रहे हैं.

सक्सेस स्टोरी: कोरिया के वनांचल क्षेत्र की प्रगति सिंह जापान के लिए भरेगी उड़ान, रोबोटिक टेक्नोलॉजी में करेंगी कमाल - Korea Daughter Pragati Singh
सक्सेस स्टोरी: बिलासपुर की शारदा पांडेय 50 की उम्र में बनीं चैंपियन, एथेलेटिक्स में लगाई मेडल की झड़ी - Bilaspur Athletic Sharda Pandey
सक्सेस स्टोरी: छत्तीसगढ़ की अनुषा पिल्लै बनीं अफसर बिटिया, सिविल सेवा परीक्षा को इस तरह किया क्रैक - Chhattisgarh Anusha Pillay

सरगुजा : सरगुजा में पहली बार एक बेटी को मैकेनिक का काम करते देखा गया.ये हैरान करने वाली बात इसलिए है क्योंकि मैकेनिक का काम सिर्फ पुरुष प्रधान होता है.लेकिन सरगुजा की बेटी महज 14 साल की उम्र में बुलेट जैसी बाइक बनाने में माहिर है. बुलेट में तो बेटी का हाथ साफ है ही इसके अलावा दूसरी दोपहिया वाहनों को भी बेटी तुरंत सुधार देती है.

सरगुजा की बुलेट मैकेनिक गर्ल का कमाल (ETV Bharat Chhattisgarh)

सरगुजा की बुलेट मैकेनिक गर्ल लक्ष्मी : ये कहानी है, अम्बिकापुर के गोधनपुर में रहने वाली लक्ष्मी की, जो कक्षा 8 वीं पास कर नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है. छोटी सी उम्र में ही लक्ष्मी अपने पिता का सहारा बन गई, वो बीते 3 वर्ष से पिता के सर्विसिंग सेंटर में उनका हाथ बटा रही है. यहां बाइक समेत दूसरे वाहनों की रिपेयरिंग देखकर लक्ष्मी के मन में भी इस काम को सीखने की इच्छा हुई. पिता की मदद करने का जज्बा भी मन में था. जब काम में मन लगा तो पिता के ही काम को बेटी ने अपनाने का फैसला किया.

पिता से सीखा हुनर : पिता ने भी सहयोग किया और बेटी को काम सिखाया. आज ये बेटी पिता का सहारा बनी हुई है. पिता गर्व से कहते हैं की बेटा भी शायद इतना नहीं करता जितना ये बेटी करती है. पिता भगवान दास और बेटी लक्ष्मी दोनों मिलकर दुकान चलाते हैं. लक्ष्मी स्कूल जाती है और खाली टाइम में दुकान में रहती है. शाम 7 बजे के बाद वो दुकान से घर चली जाती है और फिर घर में पढ़ाई करती है.

सरगुजा की बुलेट मैकेनिक गर्ल लक्ष्मी (ETV Bharat Chhattisgarh)

मैकेनिकल इंजीनियर बनने का है सपना : गर्मी की छुट्टियों में लक्ष्मी पूरे टाइम दुकान में रहती है. लक्ष्मी का सपना है कि वो बड़े होकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर सके. बहरहाल, छोटी सी उम्र में ही लक्ष्मी ने इस फील्ड के बहुत से काम सीख लिए हैं. जाहिर है कि जब वो मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने जाएगी तो उसकी ये दक्षता उसके लिए सहायक सिद्ध होगी. पिता पुत्री का प्रेम भी अपार है, पिता की हेल्प बेटी करने दुकान आ गई तो पिता भी उसके सपने को पूरा करने से पीछे नही हट रहे हैं वो अपनी बेटी को ट्रेंड कर रहे हैं और भविष्य में उसे मैकेनिकल इंजीनियर बनाने की बात कह रहे हैं.

सक्सेस स्टोरी: कोरिया के वनांचल क्षेत्र की प्रगति सिंह जापान के लिए भरेगी उड़ान, रोबोटिक टेक्नोलॉजी में करेंगी कमाल - Korea Daughter Pragati Singh
सक्सेस स्टोरी: बिलासपुर की शारदा पांडेय 50 की उम्र में बनीं चैंपियन, एथेलेटिक्स में लगाई मेडल की झड़ी - Bilaspur Athletic Sharda Pandey
सक्सेस स्टोरी: छत्तीसगढ़ की अनुषा पिल्लै बनीं अफसर बिटिया, सिविल सेवा परीक्षा को इस तरह किया क्रैक - Chhattisgarh Anusha Pillay
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.