रांची: सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर परीक्षार्थियों का आंदोलन जारी है. जेएसएससी कार्यालय के समक्ष निषेधाज्ञा के बावजूद सोमवार 30 सितंबर को बड़ी संख्या में छात्र कार्यालय पहुंचे. इस दौरान सरकार पर निशाना साधते हुए छात्रों ने कहा कि आयोग के द्वारा एक बार फिर सीजीएल परीक्षा की सीट बेचने का काम किया जा रहा है. जिस तरह से 21 और 22 सितंबर को परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक हुए और इसका साक्ष्य भी छात्रों ने दिया, बावजूद इसके आनन-फानन में उत्तर कुंजी जारी किए गए. उससे साफ जाहिर होता है कि जेएसएससी की मंशा क्या है.
आयोग कार्यालय के समक्ष छात्रों के इस महाजुटान का नेतृत्व कर रहे मनोज यादव कहते हैं कि सरकार ने छात्रों के साथ छल करने का काम किया है. जिस तरह से बगैर जांच पूरी हुए जल्दबाजी में उत्तरकुंजी जारी किया गया. उससे साफ जाहिर होता है कि इनकी मंशा क्या है. छात्र नेता सफी इमाम का मानना है कि 2015-16 से यह परीक्षा ली जा रही है. इसके बावजूद अब तक पूरा नहीं हुआ है. एक बड़ा रैकेट जिसमें कुछ कोचिंग संस्थान भी हैं जो इसमें संलिप्त होकर सेटिंग कर मेधावी छात्रों का गला घोटने का काम करते हैं.
भारी सुरक्षा के बीच छात्रों का जारी है आंदोलन
छात्रों के आंदोलन को देखते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है. साथ ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर मौजूद हैं. इन सब के बीच छात्रों का आंदोलन जारी है. सरकार और आयोग के खिलाफ छात्रों के द्वारा जम कर नारेबाजी की जा रही है. छात्रों की एक ही मांग है कि जिस तरह से इस बार भी परीक्षा के दौरान गड़बड़ियां सामने आई हैं, उसे देखते हुए इस परीक्षा को रद्द किया जाए.
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