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मजबूत विपक्ष ने पीएम मोदी को यू-टर्न लेने पर मजबूर किया: कांग्रेस - PM Modi

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By Amit Agnihotri

Published : Aug 20, 2024, 7:06 PM IST

Congress On PM Modi U-Turn: विपक्ष ने ब्रॉडकास्ट विधेयक, इंडेक्शन इन कैपिटल गेन टैक्स और सिविल सर्विस में लेटरल एंट्री सहित महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर केंद्र के कदम पीछे हटने को बदली हुई राजनीतिक बताया है.

पीएम मोदी और राहुल गांधी
पीएम मोदी और राहुल गांधी (ANI)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने लोकतंत्र की ताकत और मजबूत विपक्ष का हवाला देते हुए कहा कि इसने एक कमजोर प्रधानमंत्री को ब्रॉडकास्ट बिल, इंडेक्शन इन कैपिटल गेन टैक्स, सिविल सर्विस में लेटरल एंट्री सहित महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया.

लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने ईटीवी भारत से कहा, "पिछले दो महीनों में प्रधानमंत्री मोदी ने तीन प्रमुख नीतिगत यू-टर्न लिए हैं. इनमें ब्रॉडकास्ट बिल, कैपिटल गेन्स टैक्स में इंडेक्सेशन और सिविल सर्विस में लेटरल एंट्री शामिल हैं. लेटरल स्कीम को रद्द करने वाले मंगलवार के सरकारी आदेश से पता चलता है कि अब हमारे पास एक कमजोर प्रधानमंत्री और एक मजबूत विपक्ष के नेता राहुल गांधी हैं."

'जय संविधान कहने का समय'
उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव के बाद बीजेपी 2019 में 303 लोकसभा सीटों से घटकर 240 सीटों पर आ गई है. उन्होंने बहुमत का आंकड़ा खो दिया है और गठबंधन सरकार चला रहे हैं. विपक्ष के नेता ने तीनों फैसलों का विरोध किया और लोगों की आवाज बन गए हैं. अब 'जय संविधान' कहने का समय आ गया है.

हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने व्यापक सार्वजनिक आलोचना के बाद ड्राफ्ट बिल को वापस ले लिया था. इसका उद्देश्य ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स को लाइसेंसिंग या रजिस्ट्रेशन के दायरे में लाना था. ड्राफ्ट कानून का उद्देश्य नेटफ्लिक्स और डिज्नी हॉटस्टार जैसे ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मनोरंजन ऐप की कंटेंट सर्विस को रेगूलेट करना था.

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पर बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कैपिटल गेन्स टैक्स में इंडेक्सेशन हटाने, सेविंग और निवेश लाभ पर हाई टैक्स के प्रस्ताव को मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात करार दिया था, जो पहले से ही केंद्र के टैक्स सिस्टम से जूझ रहा है.

टैगोर ने कहा, "इंडेक्सेशन मुद्दे ने लगभग 7 करोड़ लोगों को प्रभावित किया, जिन्होंने आयकर दाखिल किया, जिनके पास घर था या वे घर खरीदने की इच्छा रखते थे और अपनी बचत से निवेश करते थे."

विपक्ष के विरोध के बाद इंडेक्सेशन प्रस्ताव को मोदी सरकार ने वापस ले लिया. इससे पहले सरकार ने विवादास्पद वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक को संसद की संयुक्त चयन समिति को आगे के परामर्श के लिए भेजने पर सहमति व्यक्त की थी, क्योंकि एकजुट विपक्ष ने केंद्र पर हालिया सत्र के दौरान वोटर्स का ध्रुवीकरण करने और वक्फ संपत्ति हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.

लोकसभा में वास्तविकता बदल गई है- हरेंद्र मलिक
समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र मलिक के अनुसार लोकसभा में वास्तविकता बदल गई है, लेकिन मोदी सरकार अभी भी अपनी पुरानी एकतरफा कार्यशैली पर कायम है. मलिक ने ईटीवी भारत से कहा, "पहले उनके पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत था और वे बिना किसी चर्चा के विधेयक पारित कर देते थे. अब विपक्ष मजबूत और एकजुट है. इसलिए ऐसा संभव नहीं है. विपक्ष लोगों के हितों की रक्षा कर रहा है और केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगा."

मलिक ने कहा, "मुझे आश्चर्य है कि वे अपने सहयोगियों की भी नहीं सुनते. जेडीयू लंबे समय से मुस्लिम आरक्षण का समर्थन कर रही थी और एनडीए के दूसरे सहयोगी टीडीपी के लिए भी यही बात लागू होती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान हमारे मित्र थे और हमेशा दलितों की परवाह करते थे. अब उनके बेटे चिराग, जो एक केंद्रीय मंत्री हैं, अपने दिवंगत पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं."

बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रस्तावित लेटरल एंट्री स्कीम में आरक्षण की कमी पर अपनी चिंता व्यक्त की थी, जिसकी विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने आलोचना की थी. कांग्रेस अब एनडीए को निशाना बनाने के लिए देश भर में एससी/एसटी कैटेगरी के लिए आरक्षण के साथ कथित छेड़छाड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रही है.

यह भी पढ़ें- राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट की दूसरी बेंच को ट्रांसफर

नई दिल्ली: कांग्रेस ने लोकतंत्र की ताकत और मजबूत विपक्ष का हवाला देते हुए कहा कि इसने एक कमजोर प्रधानमंत्री को ब्रॉडकास्ट बिल, इंडेक्शन इन कैपिटल गेन टैक्स, सिविल सर्विस में लेटरल एंट्री सहित महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया.

लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने ईटीवी भारत से कहा, "पिछले दो महीनों में प्रधानमंत्री मोदी ने तीन प्रमुख नीतिगत यू-टर्न लिए हैं. इनमें ब्रॉडकास्ट बिल, कैपिटल गेन्स टैक्स में इंडेक्सेशन और सिविल सर्विस में लेटरल एंट्री शामिल हैं. लेटरल स्कीम को रद्द करने वाले मंगलवार के सरकारी आदेश से पता चलता है कि अब हमारे पास एक कमजोर प्रधानमंत्री और एक मजबूत विपक्ष के नेता राहुल गांधी हैं."

'जय संविधान कहने का समय'
उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव के बाद बीजेपी 2019 में 303 लोकसभा सीटों से घटकर 240 सीटों पर आ गई है. उन्होंने बहुमत का आंकड़ा खो दिया है और गठबंधन सरकार चला रहे हैं. विपक्ष के नेता ने तीनों फैसलों का विरोध किया और लोगों की आवाज बन गए हैं. अब 'जय संविधान' कहने का समय आ गया है.

हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने व्यापक सार्वजनिक आलोचना के बाद ड्राफ्ट बिल को वापस ले लिया था. इसका उद्देश्य ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स को लाइसेंसिंग या रजिस्ट्रेशन के दायरे में लाना था. ड्राफ्ट कानून का उद्देश्य नेटफ्लिक्स और डिज्नी हॉटस्टार जैसे ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मनोरंजन ऐप की कंटेंट सर्विस को रेगूलेट करना था.

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पर बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कैपिटल गेन्स टैक्स में इंडेक्सेशन हटाने, सेविंग और निवेश लाभ पर हाई टैक्स के प्रस्ताव को मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात करार दिया था, जो पहले से ही केंद्र के टैक्स सिस्टम से जूझ रहा है.

टैगोर ने कहा, "इंडेक्सेशन मुद्दे ने लगभग 7 करोड़ लोगों को प्रभावित किया, जिन्होंने आयकर दाखिल किया, जिनके पास घर था या वे घर खरीदने की इच्छा रखते थे और अपनी बचत से निवेश करते थे."

विपक्ष के विरोध के बाद इंडेक्सेशन प्रस्ताव को मोदी सरकार ने वापस ले लिया. इससे पहले सरकार ने विवादास्पद वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक को संसद की संयुक्त चयन समिति को आगे के परामर्श के लिए भेजने पर सहमति व्यक्त की थी, क्योंकि एकजुट विपक्ष ने केंद्र पर हालिया सत्र के दौरान वोटर्स का ध्रुवीकरण करने और वक्फ संपत्ति हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.

लोकसभा में वास्तविकता बदल गई है- हरेंद्र मलिक
समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र मलिक के अनुसार लोकसभा में वास्तविकता बदल गई है, लेकिन मोदी सरकार अभी भी अपनी पुरानी एकतरफा कार्यशैली पर कायम है. मलिक ने ईटीवी भारत से कहा, "पहले उनके पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत था और वे बिना किसी चर्चा के विधेयक पारित कर देते थे. अब विपक्ष मजबूत और एकजुट है. इसलिए ऐसा संभव नहीं है. विपक्ष लोगों के हितों की रक्षा कर रहा है और केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगा."

मलिक ने कहा, "मुझे आश्चर्य है कि वे अपने सहयोगियों की भी नहीं सुनते. जेडीयू लंबे समय से मुस्लिम आरक्षण का समर्थन कर रही थी और एनडीए के दूसरे सहयोगी टीडीपी के लिए भी यही बात लागू होती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान हमारे मित्र थे और हमेशा दलितों की परवाह करते थे. अब उनके बेटे चिराग, जो एक केंद्रीय मंत्री हैं, अपने दिवंगत पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं."

बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रस्तावित लेटरल एंट्री स्कीम में आरक्षण की कमी पर अपनी चिंता व्यक्त की थी, जिसकी विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने आलोचना की थी. कांग्रेस अब एनडीए को निशाना बनाने के लिए देश भर में एससी/एसटी कैटेगरी के लिए आरक्षण के साथ कथित छेड़छाड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रही है.

यह भी पढ़ें- राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट की दूसरी बेंच को ट्रांसफर

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