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दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन, कर्नाटक सरकार ने इको-फ्रेंडली पटाखों और ध्वनि सीमा लागू की

कर्नाटक सरकार ने दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर दो घंटे की सीमा तय की है. इस बीजेपी ने पलटवार किया है.

दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन
दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन (सांकेतिक तस्वीर)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 28, 2024, 7:44 PM IST

बेंगलुरु: कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर दो घंटे की सीमा तय की है और इसे रात 8 बजे से रात 10 बजे तक सीमित कर दिया है. सरकार ने यह भी अनिवार्य किया है कि पूरे राज्य में केवल पर्यावरण के अनुकूल 'ग्रीन' पटाखे ही इस्तेमाल किए जाएंगे.

सरकारी आदेश में निर्दिष्ट किया गया है कि ग्रीन पटाखों की ध्वनि का स्तर 125 डेसिबल से कम होना चाहिए और इसने डिप्टी कमिश्नरों को इन वस्तुओं को बेचने वाली दुकानों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि केवल ग्रीन पटाखे, जिनका पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है. ऐसे में सिर्फ उनके इस्तेमाल की ही अनुमति दी जानी चाहिए.जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को इन नियमों को सख्ती से लागू करने का काम सौंपा गया है.

दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन
दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन (सांकेतिक तस्वीर)

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान
दिवाली के नजदीक आते ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नागरिकों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की याद दिलाई, जिसमें सिर्फ ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने जोर देकर कहा, "इस आदेश की अनदेखी करने वालों के ख़िलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी."

जिला उपायुक्तों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने पटाखों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने की जरूरत पर जोर दिया और अधिकारियों को पटाखों की दुकानों का सख्ती से निरीक्षण करने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिर्फ़ ग्रीन पटाखे ही बेचे जाएं.

नॉन-ग्रीन पटाखों पर पुलिस की कार्रवाई
शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने स्थानीय पुलिस को नॉन-ग्रीन पटाखों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की निगरानी करने का निर्देश दिया. इस बीच, बेंगलुरु सिटी साइबर क्राइम पुलिस ने प्रतिबंधित पटाखों को बढ़ावा देने वाले ऑनलाइन विज्ञापनों के खिलाफ चेतावनी जारी की है.

दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन
दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन (सांकेतिक तस्वीर)

ऑनलाइन बिक्री पर पुलिस की कार्रवाई
कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) के निर्देशों के बाद बेंगलुरु पुलिस ने नॉन-ग्रीन पटाखों का विज्ञापन करने या ऑनलाइन बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करना शुरू कर दिया है. बंदेपल्या पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 287 और विस्फोटक अधिनियम, 1998 के तहत एक दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसने कथित तौर पर bookcrackers.com नामक प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित पटाखे बेचे थे.

नागरिक समूहों ने पर्यावरण के अनुकूल पटाखों की मांग की
PACT, द कम्पैशनेट सिटी और नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन जैसे नागरिक समूहों ने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश से पर्यावरण के अनुकूल नियम लागू करने की मांग की. इसके बाद, कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) ने ऑनलाइन विज्ञापन और गैर-हरित पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध को दोहराया और शहर की पुलिस को की गई कार्रवाई पर दैनिक रिपोर्टिंग का निर्देश दिया.

पटाखों पर प्रतिबंध पर राजनीतिक बहस
भाजपा ने दिवाली पर पटाखों पर कर्नाटक सरकार के प्रतिबंधों की आलोचना की और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर हिंदू त्योहारों को गलत तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आदेश की प्रभावशीलता को चुनौती देते हुए दावा किया, "ये आदेश केवल कागज पर लिखे शब्द हैं, लोग पटाखे फोड़ेंगे." जोशी ने यह भी बताया कि अन्य प्रथाओं पर कोई समान प्रतिबंध लागू नहीं हैं, जो हिंदू त्योहारों पर चुनिंदा ध्यान केंद्रित करने का सुझाव देता है.

कांग्रेस सरकार की प्रतिक्रिया
इसके जवाब में कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल और कम शोर वाले पटाखों के उपयोग को बढ़ावा देते हैं.

खंड्रे ने यह भी सुझाव दिया कि अगर भाजपा इन राष्ट्रीय निर्देशों से असहमत है तो उसे सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करना चाहिए. कर्नाटक सरकार का यह कदम दिवाली के दौरान पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने की दिशा में एक कदम है, साथ ही सुरक्षा और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन पर भी जोर देता है.

यह भी पढ़ें- LoC पर 'मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन' सिस्टम इंस्टॉल, आतंकी गतिविधि पर रखेगा नजर, पाकिस्तानी मंसूबों को करेगा नाकाम

बेंगलुरु: कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर दो घंटे की सीमा तय की है और इसे रात 8 बजे से रात 10 बजे तक सीमित कर दिया है. सरकार ने यह भी अनिवार्य किया है कि पूरे राज्य में केवल पर्यावरण के अनुकूल 'ग्रीन' पटाखे ही इस्तेमाल किए जाएंगे.

सरकारी आदेश में निर्दिष्ट किया गया है कि ग्रीन पटाखों की ध्वनि का स्तर 125 डेसिबल से कम होना चाहिए और इसने डिप्टी कमिश्नरों को इन वस्तुओं को बेचने वाली दुकानों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि केवल ग्रीन पटाखे, जिनका पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है. ऐसे में सिर्फ उनके इस्तेमाल की ही अनुमति दी जानी चाहिए.जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को इन नियमों को सख्ती से लागू करने का काम सौंपा गया है.

दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन
दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन (सांकेतिक तस्वीर)

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान
दिवाली के नजदीक आते ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नागरिकों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की याद दिलाई, जिसमें सिर्फ ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने जोर देकर कहा, "इस आदेश की अनदेखी करने वालों के ख़िलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी."

जिला उपायुक्तों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने पटाखों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने की जरूरत पर जोर दिया और अधिकारियों को पटाखों की दुकानों का सख्ती से निरीक्षण करने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिर्फ़ ग्रीन पटाखे ही बेचे जाएं.

नॉन-ग्रीन पटाखों पर पुलिस की कार्रवाई
शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने स्थानीय पुलिस को नॉन-ग्रीन पटाखों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की निगरानी करने का निर्देश दिया. इस बीच, बेंगलुरु सिटी साइबर क्राइम पुलिस ने प्रतिबंधित पटाखों को बढ़ावा देने वाले ऑनलाइन विज्ञापनों के खिलाफ चेतावनी जारी की है.

दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन
दिवाली के लिए सख्त गाइडलाइन (सांकेतिक तस्वीर)

ऑनलाइन बिक्री पर पुलिस की कार्रवाई
कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) के निर्देशों के बाद बेंगलुरु पुलिस ने नॉन-ग्रीन पटाखों का विज्ञापन करने या ऑनलाइन बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करना शुरू कर दिया है. बंदेपल्या पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 287 और विस्फोटक अधिनियम, 1998 के तहत एक दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसने कथित तौर पर bookcrackers.com नामक प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित पटाखे बेचे थे.

नागरिक समूहों ने पर्यावरण के अनुकूल पटाखों की मांग की
PACT, द कम्पैशनेट सिटी और नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन जैसे नागरिक समूहों ने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश से पर्यावरण के अनुकूल नियम लागू करने की मांग की. इसके बाद, कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) ने ऑनलाइन विज्ञापन और गैर-हरित पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध को दोहराया और शहर की पुलिस को की गई कार्रवाई पर दैनिक रिपोर्टिंग का निर्देश दिया.

पटाखों पर प्रतिबंध पर राजनीतिक बहस
भाजपा ने दिवाली पर पटाखों पर कर्नाटक सरकार के प्रतिबंधों की आलोचना की और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर हिंदू त्योहारों को गलत तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आदेश की प्रभावशीलता को चुनौती देते हुए दावा किया, "ये आदेश केवल कागज पर लिखे शब्द हैं, लोग पटाखे फोड़ेंगे." जोशी ने यह भी बताया कि अन्य प्रथाओं पर कोई समान प्रतिबंध लागू नहीं हैं, जो हिंदू त्योहारों पर चुनिंदा ध्यान केंद्रित करने का सुझाव देता है.

कांग्रेस सरकार की प्रतिक्रिया
इसके जवाब में कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल और कम शोर वाले पटाखों के उपयोग को बढ़ावा देते हैं.

खंड्रे ने यह भी सुझाव दिया कि अगर भाजपा इन राष्ट्रीय निर्देशों से असहमत है तो उसे सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करना चाहिए. कर्नाटक सरकार का यह कदम दिवाली के दौरान पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने की दिशा में एक कदम है, साथ ही सुरक्षा और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन पर भी जोर देता है.

यह भी पढ़ें- LoC पर 'मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन' सिस्टम इंस्टॉल, आतंकी गतिविधि पर रखेगा नजर, पाकिस्तानी मंसूबों को करेगा नाकाम

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