कन्नूर: यह एक 37 वर्षीय महिला की कहानी है, जिसने केरल के अधिकांश पुरुषों के कुछ रूढ़िवादी विचारों को तोड़ दिया. कन्नूर कन्नवम पन्योट आदिवासी कॉलोनी की मूल निवासी सी शीजा से मिलें, जो राज्य की पहली ताड़ी निकालने वाली महिला हैं. शीजा ने अपने पति के एक्सीडेंट के बाद 2019 में ताड़ी टेपिंग के क्षेत्र में कदम रखा.
शीजा के पति जयकुमार ताड़ी निकालने का काम करते था. उस समय उनका एक्सीडेंट हो गया था, जब वह काम से बाहर गए हुए थे. शीजा ने अपने बेटे और बेटी सहित अपने परिवार को मजबूत करने के लिए अपने पति की नौकरी संभाली. वह ताड़ी निकालने के लिए रोजाना करीब 10 नारियल के पेड़ों पर चढ़ती हैं. इतना ही नहीं वह नारियल की भूसी को एक साथ बुनकर बनाई गई एक अस्थायी सीढ़ी का उपयोग भी करती हैं. इसके साथ ही वह ताड़ी इकट्ठा करने के लिए एक छोटा बर्तन भी रखती हैं.
शीजा को अब अपने परिवार के गुजारे के लिए नौकरी करने पर गर्व है. शीजा का कहना है कि कई बार जलवायु परिवर्तन का असर उनके काम पर पड़ रहा है. नारियल के पेड़ पर चढ़ने के अलावा शीजा खेती में भी व्यस्त हैं. वह इस बात की मिसाल हैं कि महिलाएं किसी भी परिस्थिति से कैसे उबर सकती हैं. शीजा ने विभिन्न सामाजिक संगठनों और क्लबों से कई स्थानीय पुरस्कार जीते हैं.