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ताड़ के पेड़ पर चढ़ना नहीं आसान, गजब है केरल की 'सुपर वुमेन' शीजा की कहानी - Kerala first Woman toddy tapper - KERALA FIRST WOMAN TODDY TAPPER

Kerala's Toddy Tapper: ताड़ी निकालना पुरुषों के लिए भी कोई आसान काम नहीं है, उसके लिए दिन में दो-तीन बार पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है. हमारे देश में अधिकतर पुरुष ही ताड़ी उतारते हैं, लेकिन केरल के कन्नूर में एक महिला पुरुषों के लिए भी मिसाल बन कर उभरी है. पढ़िए पूरी खबर...

KERALA FIRST WOMAN TODDY TAPPER
केरल की पहली ताड़ी निकालने वाली महिला सी शीजा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 6, 2024, 9:37 PM IST

कन्नूर: यह एक 37 वर्षीय महिला की कहानी है, जिसने केरल के अधिकांश पुरुषों के कुछ रूढ़िवादी विचारों को तोड़ दिया. कन्नूर कन्नवम पन्योट आदिवासी कॉलोनी की मूल निवासी सी शीजा से मिलें, जो राज्य की पहली ताड़ी निकालने वाली महिला हैं. शीजा ने अपने पति के एक्सीडेंट के बाद 2019 में ताड़ी टेपिंग के क्षेत्र में कदम रखा.

शीजा के पति जयकुमार ताड़ी निकालने का काम करते था. उस समय उनका एक्सीडेंट हो गया था, जब वह काम से बाहर गए हुए थे. शीजा ने अपने बेटे और बेटी सहित अपने परिवार को मजबूत करने के लिए अपने पति की नौकरी संभाली. वह ताड़ी निकालने के लिए रोजाना करीब 10 नारियल के पेड़ों पर चढ़ती हैं. इतना ही नहीं वह नारियल की भूसी को एक साथ बुनकर बनाई गई एक अस्थायी सीढ़ी का उपयोग भी करती हैं. इसके साथ ही वह ताड़ी इकट्ठा करने के लिए एक छोटा बर्तन भी रखती हैं.

शीजा को अब अपने परिवार के गुजारे के लिए नौकरी करने पर गर्व है. शीजा का कहना है कि कई बार जलवायु परिवर्तन का असर उनके काम पर पड़ रहा है. नारियल के पेड़ पर चढ़ने के अलावा शीजा खेती में भी व्यस्त हैं. वह इस बात की मिसाल हैं कि महिलाएं किसी भी परिस्थिति से कैसे उबर सकती हैं. शीजा ने विभिन्न सामाजिक संगठनों और क्लबों से कई स्थानीय पुरस्कार जीते हैं.

पढ़ें: 'मेरी मंजिलें कठिन हैं, मुश्किलों से कह दो मेरा हौसला बड़ा है', अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय पर्वतारोहियों पर विशेष

कन्नूर: यह एक 37 वर्षीय महिला की कहानी है, जिसने केरल के अधिकांश पुरुषों के कुछ रूढ़िवादी विचारों को तोड़ दिया. कन्नूर कन्नवम पन्योट आदिवासी कॉलोनी की मूल निवासी सी शीजा से मिलें, जो राज्य की पहली ताड़ी निकालने वाली महिला हैं. शीजा ने अपने पति के एक्सीडेंट के बाद 2019 में ताड़ी टेपिंग के क्षेत्र में कदम रखा.

शीजा के पति जयकुमार ताड़ी निकालने का काम करते था. उस समय उनका एक्सीडेंट हो गया था, जब वह काम से बाहर गए हुए थे. शीजा ने अपने बेटे और बेटी सहित अपने परिवार को मजबूत करने के लिए अपने पति की नौकरी संभाली. वह ताड़ी निकालने के लिए रोजाना करीब 10 नारियल के पेड़ों पर चढ़ती हैं. इतना ही नहीं वह नारियल की भूसी को एक साथ बुनकर बनाई गई एक अस्थायी सीढ़ी का उपयोग भी करती हैं. इसके साथ ही वह ताड़ी इकट्ठा करने के लिए एक छोटा बर्तन भी रखती हैं.

शीजा को अब अपने परिवार के गुजारे के लिए नौकरी करने पर गर्व है. शीजा का कहना है कि कई बार जलवायु परिवर्तन का असर उनके काम पर पड़ रहा है. नारियल के पेड़ पर चढ़ने के अलावा शीजा खेती में भी व्यस्त हैं. वह इस बात की मिसाल हैं कि महिलाएं किसी भी परिस्थिति से कैसे उबर सकती हैं. शीजा ने विभिन्न सामाजिक संगठनों और क्लबों से कई स्थानीय पुरस्कार जीते हैं.

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