अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि परिसर में बन रहे शेषावतार मंदिर का नया डिजाइन तैयार है. मंदिर के गर्भगृह के चबूतरे की ऊंचाई श्री राम मंदिर के गर्भगृह के चबूतरे के समानांतर होगी. भूमि पूजन के बाद निर्माण शुरू हो गया है तो निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने साफ कर दिया है कि शेषावतार समेत परिसर में बनने वाले सभी मंदिरों में मूर्तियां सफेद संगमरमर की लगेंगी. मंदिर का संपूर्ण कार्य दिसंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.
शेषावतार को लक्ष्मण जी का ही अवतार माना जाता है. इसीलिए श्री राम जन्मभूमि परिसर में सबसे ऊंचे स्थान पर शेषवतार का मंदिर बनाया जा रहा है. मंदिर के भूमि पूजन के बाद निर्माण को लेकर नया डिजाइन तैयार किया गाय है, अब उसी के अनुसार निर्माण कार्य हो रहा है. सबसे खास बात यह है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के चबूतरे जिस पर रामलला विराजमान हैं, उसी के बराबर शेषावतार मंदिर के गर्भगृह के चबूतरे की भी ऊंचाई होगी. अंतर केवल इतना होगा कि रामलला की मूर्ति सांवले रंग की है, जो कर्नाटक के पत्थर से तैयार की गई है, जबकि शेषावतार समेत राम मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित होने वालीं मूर्तियां जयपुर के सफेद संगमरमर से तैयार की जाएंगी.
राम मंदिर निर्माण समिति इस बार इसको लेकर मंथन करेगी कि शीघ्र निर्माण के रास्ते में कौन-कौन सी बाधाएं हैं. मंदिर निर्माण की ड्राइंग और डिजाइन के अनुसार सुरक्षा को लेकर भी ग्राउंड लेबर पर मंथन हो रहा है. इसी के साथ इस बात की भी कोशिश की जा रही है कि दिसंबर तक की तय समय सीमा के भीतर मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाए.
मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैंन नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि जो पहली मीटिंग होगी, उसमें यह समीक्षा की जानी है कि क्या कोई भी निर्णय बाकी है. वैसे तो डिजाइन बन चुका है. एक मात्र लक्ष्य 31 दिसंबर तक मंदिर निर्माण पूर्ण करने का है. हो सकता है थोड़ा समय और लग जाय.