रायपुर: 24 साल का युवा छत्तीसगढ़ 25वें साल में कदम रखने जा रहा है. ऐसे में 24 सालों में छत्तीसगढ़ ने जिन उपलब्धियों को हासिल किया है, व्यवसाय के जिस दृष्टिकोण को लेकर आगे बढ़ा है उसमें वहां वो कहां तक पहुंचा है. छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी ने ईटीवी भारत से खास बात की. अमर परवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ विकास की राह पर चल रहा है. 2047 तक छत्तीसगढ़ भारत के टॉप टेन स्टेट में होगा.
24 सालों में कहां पहुंचा छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी ने कहा कि अगर भारत 2047 तक समृद्ध भारत के आधार को पूरा करेगा तो उसमें छत्तीसगढ़ टॉप 10 की लिस्ट में शामिल होगा. अमर परवानी ने कहा की छत्तीसगढ़ हमेशा विकास के आधार को देश के स्तर पर मजबूत करता रहा है. ग्लोबल लेवल पर छत्तीसगढ़ एक मार्किंग में आ गया है. अगर 24 साल पहले हम मुंबई या दिल्ली जाते थे तो उनको बताते थे कि रायपुर शहर कहां है. कहना पड़ता था भिलाई स्टील प्लांट वाला रायपुर. लेकिन आज छत्तीसगढ़ और रायपुर की अपनी पहचान है.
सवाल: छत्तीसगढ़ की दीवारों पर लिखा है कि ''हमने ही बनाया है हम ही संवारेंगे''. जो राजनीतिक सफर और व्यवसाय छत्तीसगढ़ का रहा है उसे आप कहां देखते हैं. 24 साल पहले जो शुरुआत हुई थी उसे 2047 तक आप कहां देखते हैं ?
जवाब: छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड तीनों का निर्माण एक साथ 24 साल पहले हुआ. इन तीनों स्टेटों में छत्तीसगढ़ सबसे आगे है. अगर बाकी दोनों राज्यों से हम कंपेयर करें तो हम आगे गए हैं. उसकी सबसे बड़ी कहानी यह भी कही जा सकती है कि यहां के लोग सबसे सोबर और सरल हैं. ''सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया'' हम हमेशा कहते हैं.उसके पीछे की वजह यही है कि यहां पर पॉलीटिकल स्टेबिलिटी रही है. जो भी सरकार यहां आई उसमें पॉलीटिकल स्टेबिलिटी सबसे बड़ी बात रही. सब लोगों ने पॉलिटिकल ड्राइव दिया है. यही वजह है कि हर क्षेत्र में काम हुआ है.
''हम सरप्लस पावर स्टेट बने'': 5-6 साल पहले की बात करें तो कई ऐसे स्टेट थे जहां बिजली पांच पांच छह छह घंटे कटती थी. लेकिन छत्तीसगढ़ में यह स्थिति नहीं रही है. हम पावर सरप्लस स्टेट हैं. हमारे यहां मैनपावर की दिक्कत नहीं है. हमारे यहां मिनरल्स की कोई दिक्कत नहीं है. यहां पर सभी चीजें सहज रूप से उपलब्ध है. किसी राज्य को आगे ले जाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की सबसे बड़ी जरूरत होती है. सड़क के लिए 11000 करोड़ रुपए राज्य सरकार को मिले हैं. जबकि एयर एविएशन क्षेत्र में देखें तो रायपुर के अलावा सरगुजा और दूसरी जगह पर भी एयर कनेक्टिविटी बढ़ी है. जो ये बताता है कि राज्य में विकास योजनाओं पर ज्यादा काम किया जा रहा है. देश का कोई भी उद्योगपति जो सिर्फ रायपुर सोचता था, अब वह छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों पर भी विचार कर रहा है. सरकार का काम माहौल और इंफ्रास्ट्रक्चर देना है. इस माहौल को जितना बेहतर सरकार बना पाएगी उतना बेहतर छत्तीसगढ़ बनेगा.
सवाल: पर कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ा पर कैपिटल इनकम कहां पहुंचा कमाई के कितने अवसर छत्तीसगढ़ में बड़े ?
जवाब: विकास योजना बजट और कमाई को लेकर एक तैयारी होती है, जो उसे समय की जरूरत के अनुसार होती है. विकास निरंतर आगे चलने वाली चीज है ऐसे में 20 साल पहले जो संरचना हमारे पास थी और आज जिस संरचना पर हम पहुंचे हैं उसकी तुलना की जाए तो यह कहीं से उचित नहीं होगा. उस समय जो हमारी ज़रूरतें थी और आज हमारे सामने जो जरूरतें हैं दोनों में अंतर है. उस समय की जरूरतें व्यवस्था को बनाने की थी, आज की जरूरत व्यवस्था दौड़ने की है. इन दोनों नजरियों को समझना होगा क्योंकि एक समय का कोई एक पहलू विकास का अंतिम पैमाना नहीं होता.
''छत्तीसगढ़ में संसाधनों की कमी नहीं'': पहले विकास को लेकर के जो योजनाएं बनाई गई अगर उसमें कोई खामी रह गई है तो आगे उसे कैसे बेहतर किया जाए इसकी योजना जरूर बनाई गई है. अगर दूसरे राज्यों से हम लोग तुलना करें तो जिस तरीके का इंडस्ट्रियलिज्म छत्तीसगढ़ में हुआ जो उद्योग यहां लगाए जा रहे हैं उसके कई पॉजिटिव पहलू भी हैं. जिसमें रॉ मैटेरियल, मैनपावर और इलेक्ट्रिसिटी हमारे पास है. हमारे पास स्टील का बहुत बड़ा उद्योग है. हमारे पास कॉपर है मिनरल्स हमारे पास है. हमारे फॉरेस्ट प्रोडक्ट पूरे देश में सबसे हाईएस्ट एक्सपोर्ट को पूरा कर रहे हैं. एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट पर भी हम लोग काम कर रहे हैं.
'हमारी ट्रेडिंग काफी मजबूत हुई'': तमाम चीजें बताती हैं कि हम लोग आगे जा रहे हैं. हमारा ट्रेडिंग भी काफी मजबूत हुआ है. हम 7 स्टेट से जुड़े हुए हैं तो ऐसे में हमारी ट्रेडिंग इन स्टेट से कैसे हो सकती है इस पर काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में हम लोगों ने होलसेल कॉरिडोर बनाने की कल्पना की है. ये कॉरिडोर नया रायपुर में बनाना है जो 1083 एकड़ में बनेगा. लैंड एक्सचेंज हुआ है जो साउथ ईस्ट एशिया का सबसे बड़ा ट्रेडिंग हब होगा. इस पर भी काम किया जा रहा है. ये बदलाव छत्तीसगढ़ को अगले विकास के पायदान पर ले जाएगा. छत्तीसगढ़ में संरचना का विकास किया गया है. हमने प्लग-इन की व्यवस्था भी की है जिसके चलते आईटी कंपनियां यहां काम कर रही हैं. सरकार व्यवस्था दे रही है जिसके चलते आईटी ड्राइव मजबूत हो रहा है.
सवाल: एजुकेशनल और मजदूर माइग्रेशन के कारण बड़ा पैसा बाहर जाता है ?
उत्तर: 2000 में जब छत्तीसगढ़ बना था तो हमारा टैक्स कलेक्शन 6000 करोड़ था. आज जब 2024-25 के वित्तीय वर्ष को हम वैल्यूएट कर रहे हैं तो हमारा टैक्स कलेक्शन लगभग 40000 करोड़ के आसपास जा रहा है. यह हमारे विकास को बताता है. छत्तीसगढ़ की रफ्तार और तेज होगी क्योंकि हम लोगों ने पुरानी चीजों से सीखा है. रफ्तार कैसे देनी है इस पर काम करना शुरू किया है. छत्तीसगढ़ जब 2 साल 4 साल और 6 साल का था तो अपनी बेसिक जरूरत को ही पूरा करने में लगा रहा. अब छत्तीसगढ़ स्पीड पकड़ता जा रहा है. पहले कच्ची सड़क पर हम साइकिल चलाते थे, पक्की सड़क बनाई लेकिन कम चौड़ी बनी तो बाइक चलाना शुरू किया. अब ज्यादा चौड़ी सड़क बन गई है तो रफ्तार फोर व्हीलर का भी आया है.
भारतमाला परियोजना छत्तीसगढ़ में एक माइलस्टोन: छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी ने कहा कि अब तो छत्तीसगढ़ के कई जिले भी एयर कनेक्टिविटी से जुड़ चुके हैं. संभव है उड़ान और हमारी रफ्तार दोनों तेज होगी. देश में जो भी बड़े राज्य हैं उनसे हम फाइट करने की स्थिति में हैं. अमर परवानी ने कहा भारतमाला परियोजना छत्तीसगढ़ में एक माइलस्टोन के तौर पर होगी, क्योंकि इससे हम वाइजैग से जुड़ जाएंगे. हमारा एक्सपोर्ट बढ़ जाएगा. जो भी जड़ी बूटियां हैं उन्हें निश्चित समय तक लोगों तक पहुंचानी होती है या उसके एक्सपोर्ट के लिए या उसे प्रिजर्व करने के लिए टाइम होता है. सड़कों के नहीं होने के कारण अभी हमें दिक्कत हो रही है. भारतमाला परियोजना की सड़क आ जाने से क्रांति आ जाएगी.