श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर की एक अदालत ने बुधवार को 2022 के श्रीनगर एसिड हमले मामले में एक दोषी के हमले को 'क्रूर और अमानवीय कृत्य' करार देते हुए, आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोषी का एक साथी, जो एक किशोर है, किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष मुकदमे का सामना कर रहा है.
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय श्रीनगर जवाद अहमद ने 24 वर्षीय महिला पर तेजाब फेंकने के मामले में मुख्य आरोपी साजिद अल्ताफ शेख को दोषी ठहराने के दो दिन बाद सजा सुनाई. बता दें कि यह मामला 1 फ़रवरी 2022 को हुआ था, जब महिला ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया था.
निर्णय आदेश में, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोषी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) और 326-ए (एसिड के प्रयोग से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत दंडनीय अपराध के लिए आजीवन कारावास और 40-40 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 'दोषियों को धारा 326-ए आईपीसी के साथ धारा 120-बी आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध के लिए आजीवन कारावास और प्रत्येक को 40 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई जाती है.' जज ने कहा कि जुर्माना अदा न करने पर जुर्माना दोषी की संपत्ति से वसूला जा सकता है. धारा 421 (1) (बी) के तहत जुर्माना लगाया गया.'
अदालत ने कहा कि 'दोनों पक्षों की दलीलों पर सावधानीपूर्वक विचार करने और हमले की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने में दोषियों द्वारा संक्षारक पदार्थ के उपयोग से पीड़िता को हुई स्थायी विकृति और पीड़िता के भविष्य के जीवन पर शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से विकृति का प्रभाव देखते हुए, मुझे लगता है कि दोषी नरमी के पात्र नहीं हैं.'
कोर्ट ने आगे कहा कि 'उनके कृत्य के लिए कानून के तहत निर्धारित अधिकतम आजीवन कारावास की सजा के अलावा कोई अन्य सजा पीड़ित को वास्तविक और पूर्ण न्याय नहीं दे सकती है.' सजा पर प्रतिक्रिया देते हुए पीड़िता ने ईटीवी भारत से बात की और उसने इस फैसले के लिए कोर्ट को धन्यवाद दिया और एसिड की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की. मंगलवार को अदालत ने अपना फैसला बुधवार तक के लिए सुरक्षित रखते हुए दोषी की सजा की मात्रा के बारे में मार्मिक बहस पूरी कर ली थी.