जयपुर. राजस्थान की बेटी और झुंझुनू जिले की निवासी मोहना सिंह ने पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है. वह एलसीए तेजस उड़ाएंगी. झुंझुनूं की बेटी मोहना सिंह LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) ‘तेजस’ उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी हैं. मोहना सिंह 'मेड इन इंडिया' एलसीए तेजस फाइटर जेट का संचालन करने वाली 18 'फ्लाइंग बुलेट्स' स्क्वाड्रन में शामिल हुई हैं. उन्होंने मिग-21 उड़ाए हैं और बाद में गुजरात के नलिया एयर बेस पर प्रतिष्ठित फ्लाइंग बुलेट्स स्क्वाड्रन में शामिल हुईं हैं. मोहना ने साल 2016 में महिला फाइटर पायलट बनकर इतिहास रचा था. वह अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ के साथ पहली महिला फाइटर पायलटों के समूह का हिस्सा बनीं थी. उनकी यह उपलब्धि भारतीय सेना में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है और देश की लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा भी है.
मोहना ने पारिवारिक विरासत को बढ़ाया आगे : मोहना सिंह खुद की कामयाबी के सफर को बरकरार रखते हुए अब स्कवाड्रन लीडर बन गई हैं. इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवाते हुए अब वे देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं, जो एलसीए तेजस लड़ाकू विमान को उड़ाएंगी. झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी के जीतरवालों की ढाणी की रहने वाली मोहना सिंह का जन्म 22 जनवरी 1992 को झुंझुनू में हुआ था. उनके पिता एक रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर प्रताप सिंह हैं और उनकी मां मंजू सिंह एक टीचर हैं. परिवार में मोहना के अलावा उनकी एक बहन और है. मोहना के दादा और नाना भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं. दिल्ली में स्कूली शिक्षा के दौरान मोहना रोजाना अपने नाना को एयरफोर्स की ड्रेस में देखा करती थीं. वहीं से उन्होंने प्रेरित होकर डिफेंस क्षेत्र में अपना करियर बनाने का फैसला लिया. तेजस उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट मोहना सिंह के परिवार और गांव में इस खबर के बाद खुशी का माहौल है.
बेटी की उपलब्धि से खुश मां मंजू सिंह : 32 साल की मोहना सिंह की शादी तीन साल पहले ही बिजनसमैन मोहित के साथ हुई है. उनकी मां मंजू सिंह ने बताया कि इसी साल मई में गांव आकर गई थी. तब तक उन्हें बेटी की उपलब्धि की जानकारी नहीं थी, फिर बाद में उन्हें पता चला कि मोहना का चयन तेजस उड़ाने के लिए हो गया है. इसके बाद दो महीने की ट्रेनिंग हुई और सभी टेस्ट पास करने के बाद मोहना सिंह ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करवा दिया है.