सरगुजा: सरगुजा संभाग में 8 और 9 फरवरी को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पहाड़ी कोरवाओं को सरकारी योजना का लाभ दिलाने के लिए विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा. सरगुजा कलेक्टर ने विशेष ग्राम सभा आयोजित किए जाने का आदेश जारी कर दिया है. पंचायतों को मजबूत और गरीबों को ताकत देने के लिए पंचायती राज अधिनियम 1993 बनाया गया था. अधिनियम का उद्देश्य था विकास के काम में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना और उनके हित का सर्वोपरी ध्यान रखा जाना जरूरी है.
क्या है विशेष ग्राम सभा? : पेशा के तहत जो अधिनियम बना है उसमें साल में 4 ग्राम सभा की बैठक होती है. ग्राम सभाओं के बाद यदि किसी योजना या किसी बात पर सरकार को या ग्राम सभा को उसके अनुमोदन की आवश्यकता होती है तो विशेष ग्राम सभा आयोजित की जाती है. कोई भी योजना गांव में शुरू की जानी होती है तो तो सरकार ही क्यों ना हो बिना ग्राम सभा अनुमोदन के नही कर सकती है. पंचायती राज अधिनियम के जानकारी बताते हैं कि पेशा एक्ट के तहत जो पंचायत उपबंध अधिनियम 1996 बना और पंचायत राज अधिनियम 1993 बनाया गया. इसके पहले भी पंचायत होती थी लेकिन वह अधिनियम नहीं था. आर्टिकल 40 में ये जानकारी थी कि यदि राज्य सरकार चाहे तो पंचायतों के जरिए चुनाव करवाकर गांव का विकास कर सकती है.
आदिवासियों को सशक्त बनाने वाला नियम: रायपुर में पंचायत की व्यवस्था नियम कानून अलग हैं. सरगुजा और बस्तर में पंचायत के नियम अलग हैं. पंचायती राज और विशेष ग्राम सभा के तहत सबसे बड़ा लाभ आदिवासियों को ये मिलता है उनकी जनभागीदारी और सहभागिता से ही विकास का काम शुरु होता है. ग्राम सभा ही ये तय करती है कि आदिवासियों के हितों का संरक्षण कैसे किया जाए और उसके लिए क्या जरूरी कदम उठाए जाएं. पंचायती राजअधिनियम ये कहता है की जब तक ग्राम सभा में कोरम पूरा नही होता तब तक कोई निर्णय या अनुमोदन नहीं लिया जा सकता है.