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MUDA घोटाला मामला: स्पेशल कोर्ट ने सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त जांच के आदेश दिए - Karnataka MUDA Scam

MUDA Scam: इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा था. हाई कोर्ट की बेंच ने सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया. आज स्पेशल कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया है कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि घोटाले मामले की जांच करें.

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सिविल कोर्ट कॉम्पलेक्स और सीएम सिद्धारमैया (फाइल) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 25, 2024, 6:17 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक में एक विशेष अदालत ने बुधवार को मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया है कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले मामले की जांच करें. कोर्ट ने मैसूर के स्नेहामाई कृष्णा की याचिका पर सुनवाई की. जिसमें उन्होंने मामले में कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग की थी.

जन प्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने याचिका पर सुनवाई की और यह आदेश पारित किया. मामले के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय की समीक्षा के बाद आदेश जारी किया गया है.

MUDA स्कैम क्या है?
यह विवाद मुआवजा जमीन के आवंटन में कथित अनियमितताओं के आसपास घूमता है. घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसे सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने 2010 में गिफ्ट में दिया था. MUDA ने जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और इसके बाद उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे. कहा जाता है कि ये प्लॉट मूल भूमि के टुकड़े से काफी अधिक कीमत के हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि घोटाले का कुल मूल्य संभावित रूप से 3 हजार करोड़ रुपये से 4 हजार करोड़ रुपये के बीच हो सकता है.

हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया आई थी
बता दे कि, MUDA स्कैम मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद सिद्धारमैया की पहली प्रतिक्रिया सामने आई थी. सीएम ने कहा था कि, उन्हें पूरा विश्वास है कि अगले कुछ दिनों में सच्चाई सामने आ जाएगी और 17ए के तहत जांच रद्द कर दी जाएगी. उन्होंने आगे कहा, "इस राजनीतिक संघर्ष में राज्य की जनता मेरे साथ है. उनका आशीर्वाद ही मेरी सुरक्षा है. मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं. इस लड़ाई में आखिरकार सच्चाई की जीत होगी."

सिद्धारमैया ने कहा था, "यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की बदले की राजनीति के खिलाफ लड़ाई है. भाजपा और जेडीएस की इस बदले की राजनीति के खिलाफ हमारा न्यायिक संघर्ष जारी रहेगा. कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने आगे कहा था कि, "भाजपा और जेडीएस ने मेरे खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लिया है क्योंकि मैं गरीबों का हितैषी हूं और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहा हूं.

बता दें कि, इससे पहले हाई कोर्ट की बेंच ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने कथित MUDA घोटाले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी थी.

ये भी पढ़ें: विपक्षी दलों की सरकारों को दंडित करने की साजिश कर रही मोदी सरकार' CM सिद्धारमैया का बड़ा बयान

ये भी पढ़ें: सीएम सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, MUDA स्कैम को लेकर चलेगा केस

बेंगलुरु: कर्नाटक में एक विशेष अदालत ने बुधवार को मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया है कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले मामले की जांच करें. कोर्ट ने मैसूर के स्नेहामाई कृष्णा की याचिका पर सुनवाई की. जिसमें उन्होंने मामले में कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग की थी.

जन प्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने याचिका पर सुनवाई की और यह आदेश पारित किया. मामले के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय की समीक्षा के बाद आदेश जारी किया गया है.

MUDA स्कैम क्या है?
यह विवाद मुआवजा जमीन के आवंटन में कथित अनियमितताओं के आसपास घूमता है. घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसे सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने 2010 में गिफ्ट में दिया था. MUDA ने जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और इसके बाद उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे. कहा जाता है कि ये प्लॉट मूल भूमि के टुकड़े से काफी अधिक कीमत के हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि घोटाले का कुल मूल्य संभावित रूप से 3 हजार करोड़ रुपये से 4 हजार करोड़ रुपये के बीच हो सकता है.

हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया आई थी
बता दे कि, MUDA स्कैम मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद सिद्धारमैया की पहली प्रतिक्रिया सामने आई थी. सीएम ने कहा था कि, उन्हें पूरा विश्वास है कि अगले कुछ दिनों में सच्चाई सामने आ जाएगी और 17ए के तहत जांच रद्द कर दी जाएगी. उन्होंने आगे कहा, "इस राजनीतिक संघर्ष में राज्य की जनता मेरे साथ है. उनका आशीर्वाद ही मेरी सुरक्षा है. मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं. इस लड़ाई में आखिरकार सच्चाई की जीत होगी."

सिद्धारमैया ने कहा था, "यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की बदले की राजनीति के खिलाफ लड़ाई है. भाजपा और जेडीएस की इस बदले की राजनीति के खिलाफ हमारा न्यायिक संघर्ष जारी रहेगा. कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने आगे कहा था कि, "भाजपा और जेडीएस ने मेरे खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लिया है क्योंकि मैं गरीबों का हितैषी हूं और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहा हूं.

बता दें कि, इससे पहले हाई कोर्ट की बेंच ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने कथित MUDA घोटाले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी थी.

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