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तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम में स्पेस पार्क, TIDCO ने की घोषणा - Space Park at Kulasekarapatnam

Space Park at Kulasekarapatnam: भारत जैसे-जैसे अपने अंतरिक्ष मिशन का विस्तार के लिए अतिरिक्त लॉन्चिंग इंफ्रास्ट्रकचर की आवश्यकता पड़ रही है. खासकर छोटे पोलोड वाले छोटे रॉकेटों और पोलर ऑर्बिट में भेजने के लिए देश को नए लॉन्चिंग स्टेशन की जरूरत महसूस हो रही है.

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तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम में स्पेस पार्क (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 17, 2024, 8:20 PM IST

चेन्नई (तमिलनाडु): तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (TIDCO) ने आज आधिकारिक तौर पर तूतीकोरिन जिले के कुलसेकरपट्टिनम में अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के पास एक स्पेस फर्म और प्रोपल्शन पार्क स्थापित करने की घोषणा की है. भारत का दूसरा रॉकेट लॉन्च पैड कुलसेकरपट्टिनम में 950 करोड़ रुपये की लागत से 2,233 एकड़ में स्थापित किया जा रहा है. TIDCO ने अंतरिक्ष पार्क स्थापित करने के लिए इसरो के INSPACE के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

TIDCO ने कहा कि एयरोस्पेस क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की हालिया घोषणा वैश्विक निवेशकों को तमिलनाडु के एयरोस्पेस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. बताया जा रहा है कि स्पेस पार्क की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है. कुलसेकरपट्टिनम में अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के उद्घाटन के साथ, यह बताया गया है कि 'अंतरिक्ष पार्क परियोजना' तमिलनाडु को स्पेस बे बनाने में मदद करेगी. साथ ही भविष्य में इसका बड़े पैमाने पर और विशेष रूप से छोटे उपग्रह प्रक्षेपण के लिए उपयोग किया जाएगा. वहीं, श्रीहरिकोटा का अंतरिक्ष केंद्र भारी उपग्रहों को पूर्व निर्धारित कक्षाओं में लॉन्च करेगा.

देश की महत्वकांक्षी परियोजना
950 करोड़ रुपये की लागत वाली यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा को गति देगा, जो देश की उपग्रह प्रक्षेपण क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी को कुलसेकरपट्टिनम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दूसरे रॉकेट लॉन्चपोर्ट की आधारशिला रखी थी.

इसरो को नए स्पेस पोर्ट बनाने की जरूरत क्यों है?
भारत जैसे-जैसे अपने अंतरिक्ष मिशन का विस्तार कर रहा है उसे अतिरिक्त लॉन्चिंग इंफ्रास्ट्रकचर की आवश्यकता पड़ रही है. खासकर छोटे पोलोड वाले छोटे रॉकेटों और पोलर ऑर्बिट में भेजने के लिए देश को नए लॉन्चिंग स्टेशन की जरूरत महसूस हो रही है. बता दें कि, श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र कई लॉन्च को सफलतापूर्वक अंजाम देने में अहम योगदान देता आ रहा है.

ये भी पढ़ें: अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने को तैयार भारतीय पायलट गोपीचंद थोटाकुरा, ये रिकॉर्ड करेंगे अपने नाम

चेन्नई (तमिलनाडु): तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (TIDCO) ने आज आधिकारिक तौर पर तूतीकोरिन जिले के कुलसेकरपट्टिनम में अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के पास एक स्पेस फर्म और प्रोपल्शन पार्क स्थापित करने की घोषणा की है. भारत का दूसरा रॉकेट लॉन्च पैड कुलसेकरपट्टिनम में 950 करोड़ रुपये की लागत से 2,233 एकड़ में स्थापित किया जा रहा है. TIDCO ने अंतरिक्ष पार्क स्थापित करने के लिए इसरो के INSPACE के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

TIDCO ने कहा कि एयरोस्पेस क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की हालिया घोषणा वैश्विक निवेशकों को तमिलनाडु के एयरोस्पेस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. बताया जा रहा है कि स्पेस पार्क की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है. कुलसेकरपट्टिनम में अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के उद्घाटन के साथ, यह बताया गया है कि 'अंतरिक्ष पार्क परियोजना' तमिलनाडु को स्पेस बे बनाने में मदद करेगी. साथ ही भविष्य में इसका बड़े पैमाने पर और विशेष रूप से छोटे उपग्रह प्रक्षेपण के लिए उपयोग किया जाएगा. वहीं, श्रीहरिकोटा का अंतरिक्ष केंद्र भारी उपग्रहों को पूर्व निर्धारित कक्षाओं में लॉन्च करेगा.

देश की महत्वकांक्षी परियोजना
950 करोड़ रुपये की लागत वाली यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा को गति देगा, जो देश की उपग्रह प्रक्षेपण क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी को कुलसेकरपट्टिनम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दूसरे रॉकेट लॉन्चपोर्ट की आधारशिला रखी थी.

इसरो को नए स्पेस पोर्ट बनाने की जरूरत क्यों है?
भारत जैसे-जैसे अपने अंतरिक्ष मिशन का विस्तार कर रहा है उसे अतिरिक्त लॉन्चिंग इंफ्रास्ट्रकचर की आवश्यकता पड़ रही है. खासकर छोटे पोलोड वाले छोटे रॉकेटों और पोलर ऑर्बिट में भेजने के लिए देश को नए लॉन्चिंग स्टेशन की जरूरत महसूस हो रही है. बता दें कि, श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र कई लॉन्च को सफलतापूर्वक अंजाम देने में अहम योगदान देता आ रहा है.

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