जयपुर. कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को बसंत पंचमी के मौके पर शुभ मुहूर्त में राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया. पार्टी विधायकों के संख्याबल के लिहाज से उनकी जीत तय मानी जा रही है. प्रदेश के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सोनिया गांधी का प्रदेश से पुराना नाता है और आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका फायदा मिलेगा. सुबह जयपुर पहुंची सोनिया गांधी 11:40 बजे काफिले के साथ विधानसभा पहुंची. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के अलावा कांग्रेस के कई विधायक भी विधानसभा पहुंचे. यहां दोपहर 12:05 बजे उन्होंने नामांकन पेश किया. अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली उनके प्रस्तावक बने.
विधानसभा में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक : सोनिया गांधी के नामांकन से पहले विधानसभा की न पक्ष की लॉबी में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा का चुनाव लड़ने से प्रदेश के कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा होगा. अशोक गहलोत और टीकाराम जूली ने भी बैठक को संबोधित किया.
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सोनिया का राजस्थान से पुराना नाता : सोनिया गांधी के नामांकन पर अशोक गहलोत ने कहा, "प्रधानमंत्री पद का त्याग करने वाली सोनिया गांधी का राजस्थान से दिल से जुड़ाव का रिश्ता है. जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे, तब सोनिया गांधी उनके साथ आदिवासी बाहुल्य जिलों के दौरे पर आईं थीं. राजस्थान में अकाल के समय प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी 3 दिन तक खुद गाड़ी ड्राइव कर अकाल प्रभावित जिलों के दौरे पर आए थे. तब भी सोनिया गांधी उनके साथ रहीं. अकाल राहत के कार्यों का जायजा लेने के लिए वे अनेकों जिलों के कई बार दौरे किए. जिन्हें राजस्थान की जनता अभी भी नहीं भूली है."
कार्यकर्ताओं में होगा ऊर्जा का संचार : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि "आज हम सबके आग्रह पर सोनिया गांधी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है. यह कांग्रेसजनों के लिए एक बड़ी खुशी का मौका है. उन्होंने सांसद बनने के लिए राजस्थान को चुना है. वह करीब 25 साल तक लोकसभा से सांसद रही हैं. उनके राजस्थान से राज्यसभा जाने से कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार होगा. लोकसभा चुनाव में भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा."
बैकडोर एंट्री नहीं, पार्टी की रणनीति का पार्ट : बैकडोर एंट्री के सवाल पर विधानसभा के पूर्व स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि "यह बैक डोर एंट्री नहीं है. वो लगातार चुनाव जीतती रही हैं. अब उनके स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व चुनाव की दृष्टि से निर्णय करता है. इसी के तहत इसको देखा जाना चाहिए. यह कांग्रेस की राजनीती का एक पार्ट है. प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना है. इसी दृष्टि से सोनिया गांधी को यहां से राज्यसभा भेजा जा रहा है."