झांसी : यूपी पुलिस भर्ती में कई अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले सॉल्वर गैंग के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में सजायाफ्ता रह चुका है और तीन साल की जेल काटी है. पहले वह शिक्षक था. पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो कई खुलासे हुए. पता चला है कि उसने पुलिस भर्ती से पहले भी कई परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाए थे.
सॉल्वर गैंग सरगना ने व्यापम घोटाले में काटी है सजा
स्वाट टीम और एसटीएफ ने सॉल्वर गैंग के सरगना को गिफ्तार किया है. एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक एमपी मुरैना निवासी अमिताभ रावत कई तरह की परीक्षाओं के पेपर लीक करवाता था. छात्रों से पैसे लेकर अपने साथियों से पेपर को सॉल्व करने का ठेका लिया करता था. कई दिनों से स्वाट टीम और एसटीएफ ने इसको रडार पर ले रखा था. इसके जाल बिछाकर उसको गिरफ्तार किया गया है. एसपी ने बताया की जब आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी अमिताभ मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले में भी शामिल था. उसको पांच साल की सजा हुई थी और वह तीन साल की सजा काटने के बाद जेल से बाहर आया था. आरोपी से पूछताछ में उसने कई अपने साथियों के नाम भी बताए हैं. इन लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा लिखा गया है.
भर्ती परीक्षाओं में कराता था धांधली
अभिताभ रावत ने पूछताछ में बताया कि उसने वर्ष 2006 में डीईडी कर लिया था. वर्ष 2009 में प्राइमरी स्कूल जोरा मुरैना, मध्य प्रदेश में शिक्षक की नौकरी लग गई. 2017 में जब वह एमए कर रहा था तो उसकी मुलाकात राजेन्द्र रावत निवासी ग्राम चनोता, मुरैना मध्य प्रदेश से हुई. राजेन्द्र प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यार्थियों से पैसा लेकर सॉल्वर बैठाता था. राजेन्द्र से ही अभिताभ ने यह काम सीखा था. उसके बाद अभिताभ ने भी अभ्यार्थियों से पैसे लेकर परीक्षाओं में फर्जी सॉल्वर बैठाने का काम शुरू कर दिया था.
2013 में पकड़े गए थे सॉल्वर
अभियुक्त अभिताभ रावत ने बताया कि उसने अलीगढ़ निवासी रनवीर जाट जो कि डीईडी में उसके साथ ही पढता था, को वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश आरक्षी भर्ती परीक्षा में तीन लाख रुपये देकर सतेन्द्र रावत की जगह रनवीर जाट को परीक्षा देने के लिए बैठाया था. इसमें सतेन्द्र व रनवीर पकडे़ गए थे. इस केस में अभियुक्त अभिताभ रावत की अग्रिम जमानत हो गई थी. वर्ष 2016 में जब ऑनलाइन परीक्षाएं होने लगीं तब पुनः अभिताभ ने राजेन्द्र रावत से संपर्क किया और उसके माध्यम से बबलू रावत से मिला. बबलू के साथ मिलकर वर्ष 2016 में सिलिकाजेल से बायोमैट्रीक इंप्रेशन बनाकर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा में धांधली कराने लगा. अभिताभ ने बताया कि 17 एवं 18 फरवरी 2024 को हुई उप्र पुलिस आरक्षी भर्ती में विष्णु चौधरी निवासी आगरा से संपर्क करके भर्ती कराने के नाम पर कई अभ्यार्थियों से पैसा एकत्र किया गया था.
एमपी का व्यापम घोटला
मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला वर्ष 2013 में सामने आया. पुलिस ने पीएमटी प्रवेश से जुड़े मामलों में 20 नकली अभ्यर्थियों को पकड़ा. जांच में सामने आया था कि इनके माध्यम से उत्तर पुस्तिका बदल दी जाती थी. इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आई थी. यह धांधली कई तरह की परीक्षाओं में की गई थी.