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8वीं पास आदिल मिर्जा ने डिस्कवरी देखकर सीखा सांप पकड़ना, हजारों विषधर का रेस्क्यू कर चुका है सर्प मित्र - Snake friend Adil Mirza

Aadil Mirza is an expert in catching snakes बचपन के शौक को अगर करियर बना लिया जाए, तो उस काम को करने में सबसे ज्यादा संतुष्टि मिलती है. देहरादून जिले के विकासनगर निवासी आदिल मिर्जा का किस्सा भी कुछ ऐसा ही है. बचपन में माता-पिता और फिर पत्नी को खोने वाले आदिल मिर्जा टूटने की सीमा से जीने के क्षेत्र में प्रवेश कर गए. उनके सांप पकड़ने के हुनर ने उन्हें भूमि संरक्षण वन प्रभाग में नौकरी मिल गई. अब तक सर्प मित्र आदिल मिर्जा हजारों सांपों और वन्य जीवों का रेस्क्यू कर चुके हैं.

SNAKE FRIEND ADIL MIRZA
सर्प मित्र की कहानी (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 24, 2024, 10:15 AM IST

Updated : Jul 24, 2024, 11:33 AM IST

सर्प मित्र आदिल मिर्जा का इंटरव्यू (Video- ETV Bharat)

विकासनगर: उत्तराखंड में पछुवादून क्षेत्र में हुनर से रोजगार पाने वाले अनेक लोग हैं. ऐसा ही एक शख्स है आदिल मिर्जा. 33 साल का आदिल मिर्जा ने जहरीले सांपों को पकड़ने का हुनर पाया है. आदिल उपनल के माध्यम से भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी में 2019 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

SNAKE FRIEND ADIL MIRZA
आदिल मिर्जा सर्प मित्र हैं (Photo- ETV Bharat)

सर्प मित्र आदिल मिर्जा की कहानी: आदिल अब तक हजारों जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. इस हुनर के बल पर आदिल मिर्जा ने भूमि संरक्षण वन प्रभाग में उपनल के माध्यम से वर्ष 2019 में रोजगार मिला. आदिल मिर्जा का बचपन काफी गरीबी में बीता. माता पिता के और पत्नी के देहांत के बाद आदिल मिर्जा टूट से गए थे. एक बेटे के पालन पोषण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी. कक्षा आठ तक पढ़े आदिल मिर्जा को बचपन से टीवी पर एनिमल रेस्क्यू देखने का बड़ा शौक था. उन्होंने इस शौक को हुनर में बदला और वन्य जीवों के रेस्क्यू का बीड़ा उठाया.

सांपों और वन्य जीवों का रेस्क्यू करते हैं आदिल: आदिल मिर्जा पछुवादून में पाए जाने वाले सबसे जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. गर्मी, बरसात हो या कोई भी मौसम, वन विभाग द्वारा आदिल मिर्जा को पछुवादून क्षेत्र में इन घरों में सांप घुसने की रेस्क्यू कॉल दिन रात आती रहती हैं. आदिल मिर्जा समय से सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें प्राकृतिक आवास वनों में छोड़ आते हैं. इन्होंने सापों के अलावा अन्व वन्य जीवों का भी रेस्क्यू किया है. आदिल मिर्जा को 26 जनवरी 2024 को भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी के अंतर्गत वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य करने पर वन क्षेत्राधिकारी चौहडपुर रेंज सहसपुर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है.

SNAKE FRIEND ADIL MIRZA
आदिल हजारों सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं (Photo- ETV Bharat)

सांप हैं किसान मित्र: सर्प मित्र आदिल मिर्जा बताते हैं कि हमारा देश कृषि प्रदान देश है. यहां सापों की अनेक प्रजातियां विचरण करती हैं. सभी सांप किसान मित्र हैं. पर्यावरण के लिए सांपों का बहुत बड़ा योगदान है. सांप चूहों और कीड़े मकौड़ों से फसलों की रक्षा करते हैं. उन्होंने बताया कि जहरीले सापों की बात की जाए तो बचपन में जब मैं टीवी देखता था, तो एनिमल्स, स्नेक के प्रोग्राम देखकर ठाना की विदेश के लोग ऐसा कर सकते हैं, तो भारतीय इनसे अच्छा कर सकते हैं. तब से मैंने सापों के बारे में किताबें पढ़ीं.

हजारों सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं आदिल: भारत में करीब 306 सापों की प्रजातियां रिकॉर्ड में दर्ज हैं. कुछ प्रजतियां और दर्ज होने की सम्भावना जताई जा रही है. आदिल ने कहा कि अगर जहरीले सापों की बात की जाए तो हमारे यहां इनकी चार प्रजातियां पाई जाती हैं. जिसमें से पछुवादून में तीन जहरीले सांप रेस्क्यू किए गए हैं. इंडिया के सबसे जहरीले सांप कामन करैत, इंडियन स्पेटिकल कोबरा, रसल वाइपर हैं. 2019 से करीब एक हजार के करीब सांपों के रेस्क्यू दर्ज किए हैं. आदिल ने कहा कि रसेल वाइपर का मिलना पछुवादून क्षेत्र के लिए चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि आम जन मानस को संदेश है कि यदि आपके घर में सांप घुस जाता है, तो उसे मारने का प्रयास ना करें. तुरंत वन विभाग को सूचित करें. अगर सांप द्वारा किसी को बाइट की जाती है तो तुरंत अस्पताल ले जाएं.
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सर्प मित्र आदिल मिर्जा का इंटरव्यू (Video- ETV Bharat)

विकासनगर: उत्तराखंड में पछुवादून क्षेत्र में हुनर से रोजगार पाने वाले अनेक लोग हैं. ऐसा ही एक शख्स है आदिल मिर्जा. 33 साल का आदिल मिर्जा ने जहरीले सांपों को पकड़ने का हुनर पाया है. आदिल उपनल के माध्यम से भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी में 2019 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

SNAKE FRIEND ADIL MIRZA
आदिल मिर्जा सर्प मित्र हैं (Photo- ETV Bharat)

सर्प मित्र आदिल मिर्जा की कहानी: आदिल अब तक हजारों जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. इस हुनर के बल पर आदिल मिर्जा ने भूमि संरक्षण वन प्रभाग में उपनल के माध्यम से वर्ष 2019 में रोजगार मिला. आदिल मिर्जा का बचपन काफी गरीबी में बीता. माता पिता के और पत्नी के देहांत के बाद आदिल मिर्जा टूट से गए थे. एक बेटे के पालन पोषण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी. कक्षा आठ तक पढ़े आदिल मिर्जा को बचपन से टीवी पर एनिमल रेस्क्यू देखने का बड़ा शौक था. उन्होंने इस शौक को हुनर में बदला और वन्य जीवों के रेस्क्यू का बीड़ा उठाया.

सांपों और वन्य जीवों का रेस्क्यू करते हैं आदिल: आदिल मिर्जा पछुवादून में पाए जाने वाले सबसे जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. गर्मी, बरसात हो या कोई भी मौसम, वन विभाग द्वारा आदिल मिर्जा को पछुवादून क्षेत्र में इन घरों में सांप घुसने की रेस्क्यू कॉल दिन रात आती रहती हैं. आदिल मिर्जा समय से सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें प्राकृतिक आवास वनों में छोड़ आते हैं. इन्होंने सापों के अलावा अन्व वन्य जीवों का भी रेस्क्यू किया है. आदिल मिर्जा को 26 जनवरी 2024 को भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी के अंतर्गत वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य करने पर वन क्षेत्राधिकारी चौहडपुर रेंज सहसपुर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है.

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आदिल हजारों सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं (Photo- ETV Bharat)

सांप हैं किसान मित्र: सर्प मित्र आदिल मिर्जा बताते हैं कि हमारा देश कृषि प्रदान देश है. यहां सापों की अनेक प्रजातियां विचरण करती हैं. सभी सांप किसान मित्र हैं. पर्यावरण के लिए सांपों का बहुत बड़ा योगदान है. सांप चूहों और कीड़े मकौड़ों से फसलों की रक्षा करते हैं. उन्होंने बताया कि जहरीले सापों की बात की जाए तो बचपन में जब मैं टीवी देखता था, तो एनिमल्स, स्नेक के प्रोग्राम देखकर ठाना की विदेश के लोग ऐसा कर सकते हैं, तो भारतीय इनसे अच्छा कर सकते हैं. तब से मैंने सापों के बारे में किताबें पढ़ीं.

हजारों सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं आदिल: भारत में करीब 306 सापों की प्रजातियां रिकॉर्ड में दर्ज हैं. कुछ प्रजतियां और दर्ज होने की सम्भावना जताई जा रही है. आदिल ने कहा कि अगर जहरीले सापों की बात की जाए तो हमारे यहां इनकी चार प्रजातियां पाई जाती हैं. जिसमें से पछुवादून में तीन जहरीले सांप रेस्क्यू किए गए हैं. इंडिया के सबसे जहरीले सांप कामन करैत, इंडियन स्पेटिकल कोबरा, रसल वाइपर हैं. 2019 से करीब एक हजार के करीब सांपों के रेस्क्यू दर्ज किए हैं. आदिल ने कहा कि रसेल वाइपर का मिलना पछुवादून क्षेत्र के लिए चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि आम जन मानस को संदेश है कि यदि आपके घर में सांप घुस जाता है, तो उसे मारने का प्रयास ना करें. तुरंत वन विभाग को सूचित करें. अगर सांप द्वारा किसी को बाइट की जाती है तो तुरंत अस्पताल ले जाएं.
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Last Updated : Jul 24, 2024, 11:33 AM IST
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