सुल्तानपुर: राहुल गांधी ने 26 जुलाई को कूरेभार के विधायकनगर चौराहे पर रामचैत मोची की दुकान पर चप्पल सिली थी. उन्हें सिलाई मशीन भी गिफ्ट की थी. इसके बाद से ही रामचैत और उनकी दुकान चर्चा में हैं. अब रामचैत का कहना है कि राहुल की सिली चप्पल की बोली 10 लाख रुपये तक जा पहुंची है. इसके लिए उनके पास बराबर फोन आ रहे हैं. रामचैत का कहना है कि वे चप्पल किसी को नहीं देंगे. इसी के साथ रामचैत इलाके के सेलिब्रेटी बन गए हैं. लोग उनके साथ सेल्फी ले रहे हैं और उनकी दुकान सेल्फी प्वाइंट बन गई है. सोशल मीडिया पर भी चैतराम और उनकी दुकान वायरल हो रही है.
इलाके के सेलिब्रेटी बने रामचैत: राहुल गांधी से मुलाकात के बाद रामचैत मोची की दिनचर्या अब पहले जैसी नहीं रही. कभी प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी तो कभी मीडिया के लोग उन्हें घेरे रहते हैं. उनकी दुकान सेल्फी प्वाइंट बन चुकी है. इन सबके बीच सबकी इच्छा वो चप्पल देखने की रहती है, जिसे राहुल गांधी ने सिला था. रामचैत ने उस चप्पल व जूते को सहेज कर रखा है, जिसे राहुल गांधी ने सिला और चिपकाया था. रामचैत बताते हैं कि जिस चप्पल को राहुल ने सिला था, उसके लिए उनके पास फोन आ रहे हैं. फोन करने वाले कहते हैं कि जो कीमत मांगो, हम देंगे लेकिन वे चप्पल बेचने को तैयार नहीं हैं. कहते हैं कि उन्हें प्रलोभन दिया जा रहा है कि झोला भरकर रुपए देंगे, पर चप्पल बेच दो.
जूते के लिए मिले 3 हजार: राहुल गांधी ने सिलाई मशीन गिफ्ट की तो चैतराम ने भी रिटर्न गिफ्ट किया. बताया कि दो जोड़ी जूता तैयार किया. कहा- हमें साइज 9 नंबर जूते की मिली थी, हमने 9 नंबर और 10 नंबर जूता तैयार करके गिफ्ट में भेज दिया. हमें इसके लिए तीन हजार रुपए मिल रहे थे, जिसे हम ले नहीं रहे थे. उन्होंने कहा कि तुम्हें लेना पड़ेगा तो लिया.
अब अफसर आते हैं समस्या पूछने : रामचैत बताते हैं कि अब प्रशासन के अफसर आ रहे हैं. मेरी झुग्गी-झोपड़ी देखते हैं, मेरी समस्या पूछते हैं. अब तक तो कोई नहीं आया था. कहा कि इतनी उम्र हो गई, हम किसी नेता को जानते नहीं. कभी हम प्रधान से बोले थे आवास के लिए. कोई सुनवाई नहीं हुई. हमने कहना बंद कर दिया. अब भाग-भाग करके आ रहे हैं कालोनी देने के लिए.
बता दें कि राहुल गांधी सुल्तानपुर के MP MLA कोर्ट से बयान दर्ज करवाकर लखनऊ के लिए लौट रहे थे. जब वह कूरेभार के विधायक नगर चौराहे पर पहुंचे तभी अचनाक उनका काफिला चैतराम मोची की दुकान के पास रुक गया. यहां पांच मिनट रुककर राहुल ने चैतराम से उनकी रोजी-रोटी के बारे में पूछा, उसकी समस्या भी जानी. साथ ही सेल्फी ली. चैतराम के मुताबिक इस दौरान राहुल ने खुद जूता सिलकर भी देखा, फिर उनका काफिला पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए निकल गया.