सिंगरौली। एमपी की ऊर्जाधानी कही जाने वाली सिंगरौली से एक मामला सुर्खियों में बना हुआ है. यहां एसडीएम असवन राम चिरावन ने एक महिला कर्मचारी से अपना जूता पहनवाया है. एसडीएम द्वारा महिला से जूता पहनाने का फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि महिला ने अपनी नौकरी बचाने के लिए अधिकारी को जूते पहनाए. जबकि दूसरी तरफ अधिकारी और महिला दोनों ने ही इस बात से इंकार किया है. महिला ने इसे अपनी स्वेच्छा बताया है.
महिला ने पहनाए एसडीएम को जूते
जानकारी के मुताबिक 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा था. उस दौरान पूरे देशभर के मंदिर में पूजा-पाठ और यज्ञ हवन किए जा रहे थे. लोग मंदिर और घरों में श्री राम की पूजा-अर्चना कर रहे थे. इसी क्रम में प्रदेश की राज्य मंत्री राधा सिंह की मौजूदगी में सिंगरौली में भी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया था. जहां जिले के सभी अधिकारी और कर्मचारी सहित चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन देख रहे थे. वहीं कार्यक्रम के अंत में जब एसडीएम जाने लगे तो एक महिला कर्मचारी ने उन्हें जूता पहनाने लगी.
वायरल तस्वीर पर एसडीएम का जवाब
उस वक्त मौके पर मौजूद किसी शख्स ने यह फोटो क्लिक कर सोशल मीडिया पर डाल दी. यह तस्वीर वायरल होते ही एसडीएम की किरकरी होने लगी. साथ ही सोशल मीडिया पर आक्रोशित लोगों ने सीएम से एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग भी की है. हालांकि दूसरी तरफ इस वायर तस्वीर की एक और कहानी निकलकर के सामने आई है. इस मामले को लेकर एसडीएम असवन राम चिरावन ने बताया कि 'कुछ दिनों पहले NH-39 के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला पहुंचे थे. उस दौरान वे भी वहां मौजूद थे. तभी एसडीएम चिरावन का पैर एक एंगल में फंस गया था. जिसके चलते उनका बाया पैर फैक्चर हो गया था.
इस तरह की खबर को सिरे से नकारा
इस घटना के बाद एसडीएम को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एसडीएम चिरावन ने कहा कि मैंने कभी महिला को ऐसा करने के लिए आदेश नहीं किया. उन्होंंने मेरी मदद करने के लिए जूते के लेस बांधे थे. जबकि मैंने देखा भी नहीं था, जब मैंने उनसे पूछा तो महिला ने कहा कि मैं नाली में न गिर जाऊं इसलिए मदद कर रही हूं. एसडीएम ने इस तरह की खबर को सिरे से नकारा है.'
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महिला बोली मदद के तौर पर बांधे जूते के लेस
वहीं इस मामले में महिला ने कहा कि 'एसडीएम सर को जूते पहनने में परेशानी हो रही थी. घुटने मोड़ने में तकलीफ होने के चलते मैंने उनकी मदद की. एसडीएम चिरावन जब अपना जूता पहन रहे थे, तो मदद के तौर पर मैंने उनके जूते के लेस बांध दिए थे. महिला ने कहा मुझसे एसडीएम सर की तकलीफ देखी नहीं गई, उन्होंने तो देखा भी नहीं था. मैंने सोचा कि एसडीएम लेस बांधते वक्त कहीं गिर न जाए, इसलिए मैंने सिर्फ उनकी मदद की थी.'