सिंगरौली: देश भर में कई ऐसी तस्वीर सामने आती हैं. जहां अफसर अपनी अफसर शाही से लोगों को डराते धमकाते या अपने पावर का गलत इस्तेमाल करते भी देखे जाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की ऊर्जाधानी के कलेक्टर साहब के एक पहल कि चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है. बता दें बीते दिनों भी कलेक्टर की एक पहल से बच्चों को स्कूल में एडमिशन मिला था. अब सिंगरौली कलेक्टर के इस अच्छे काम की जगह-जगह प्रशंसा हो रही है.
रोते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची छात्रा
दरअसल, मामला सिंगरौली का है. जहां हर दिन की तरह कार्यालय में बैठक कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला अपने चेंबर में बैठकर लोगों से मिल रहे थे और उनकी समस्या सुन रहे थे. इस दौरान मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बंधौरा गांव की एक छात्रा परिवार से नाराज होकर कलेक्टर के पास पहुंची और जोर-जोर से रोने लगी. वह कहने लगी कि मुझे अभी पढ़ाई करनी है. मुझे आगे पढ़ना है और मेरे माता-पिता गरीब हैं. इस वजह से वह मुझे नहीं पढ़ा सकते, लेकिन मैं पढ़ना चाहती हूं और अपने जीवन में कुछ करना चाहती हूं.
कलेक्टर उठाएंगे पढ़ाई का खर्च
तभी इस मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने पहले तो छात्रा को चुप कराया. इतना ही नहीं कुछ खाने की भी व्यवस्था की. फिर वन स्टाफ केंद्र की महिला काउंसलर को बुलाकर बच्ची को समझाया. बच्ची की समस्या सुनने के बाद कलेक्टर ने अपने खर्चे पर पढ़ाने का आश्वासन दिया. आगे की पढ़ाई के लिए भी फ्री कोचिंग की भी सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही.
इसके बाद तहसीलदार के वाहन से परिवार सहित घर भेजने की भी व्यवस्था की. इसके बाद जैसे ही यह जानकारी जिले में पहुंची तो हर और कलेक्टर की प्रशंसा की जा रही है.
सिंगरौली कलेक्टर की हो रही तारीफ
जैसे ही यह खबर पूरे जिले में फैली. लोग कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला की तारीफ करने लगे. हालांकि आपको बता दें यह कोई पहली दफा नहीं है, जो उन्होंने किसी बच्चे की पढ़ाई में मदद की हो. इससे पहले भी कुछ बच्चों का एडमिशन कराकर शिक्षा के प्रति अपनी संवेदनशीलता को प्रदर्शित किया था.