दमोह: दमोह जिले के तहसील ग्राउंड पर आयोजित किए जा गए स्वदेशी मेले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां दुकानें लगाने वाले मुस्लिम व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि धर्म का हवाला देकर उनकी दुकानें बंद कराई जा रही हैं. उन्हें मेले से बाहर निकाल दिया गया है. व्यापारियों की आपबीती सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है.
दमोह कलेक्टर ने कहा, घटनाक्रम की जांच कराएंगे
जानकारी के मुताबिक दमोह के तहसील ग्राउंड पर स्वदेशी जागरण मंच की तरफ से स्वदेशी मेले का आयोजन किया गया है. मेला शुरू होने के दो दिन बाद आरोप लग रहे हैं कि मेले से धर्म विशेष के व्यापारियों को दुकानें खाली कर जाने के लिए कहा जा रहा है. दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के भी संज्ञान में यह मामला पहुंचा है. उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जांच का हवाला दिया है.
मुस्लिम व्यापारियों का आरोप मेले से लगभग एक दर्जन से अधिक दुकानें हटाई गईं
मुस्लिम व्यापारियों के मुताबिक स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित मेले में उन्होंने बाकायदा पैसे जमा किए थे. जिसके बाद वे लोग अपना सामान लेकर मेले में पहुंचे थे. अब बीच मेले से उन्हें यहां से बाहर जाने को कहा जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाए हैं कि धर्म विशेष का होने की वजह से उनकी दुकानें बंद कराई गई हैं. मेले से लगभग एक दर्जन से अधिक दुकानें हटाई गई हैं.
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वही इस मामले में दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा, "यह आयोजन स्वदेशी जागरण मंच की तरफ से आयोजित किया जा रहा है. इसमें किसको बुलाना है और किसको नहीं बुलाना है, ये उनके अधिकार क्षेत्र में है. फिर भी मैंने अधिकारियों को इस पूरे मामले की वस्तुस्थित की बारीकी से जांच करने को कहा है. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर हम किसी भी तरह की कार्रवाई पर विचार करेंगे."
मेला आयोजन समिति ने मामले से पल्ला झाड़ा
वहीं मेला आयोजन समिति के सह संयोजक राम पटेल ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा, "आयोजन समिति का इससे कोई लेना-देना नहीं है. इस तरह के अफवाह के लिए वेंडर जिम्मेदार है."