नई दिल्ली/रायबरेली: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को एक बड़ा झटका लगा है. लालगंज जिले से बसपा सांसद संगीता आजाद और सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा कुशवाहा हाथी की सवारी छोड़कर भगवाधारी हो गई हैं.
लालगंज लोकसभा सीट से बसपा सांसद संगीता आजाद को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई. बसपा सांसद संगीता आजाद ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं.
बीएसपी सांसद ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था कि, शीतकालीन सत्र के दौरान माननीय प्रधानमंत्री जी से मुलाकात का मौका मिला और मिलकर आजमगढ़ के विकास के लिए आजमगढ़ से दिल्ली के लिए नयी वंदे भारत ट्रेन एवं मंदूरी हवाई अड्डे से आजमगढ़ से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता के लिए हवाई जहाज चलाने की मांग पत्र द्वारा सौंपा. प्रधानमंत्री ने आश्वासन भी दिया. मुझे विश्वास है कि आजमगढ़ की जनता की अपेक्षाएं शीघ्र पूरी होंगी.
आजाद अरिमर्दन के पिता व सांसद संगीता आजाद के ससुर गांधी आजाद बसपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं. उन्होंने कांशीराम के साथ मिलकर बसपा की स्थापना की और गांधी आजाद राज्यसभा के सांसद भी रहे. लेकिन बसपा की विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से ही कई नेता बसपा का दामन छोड़ चुके हैं.
वे राज्यसभा सदस्य रहने के अलावा बसपा के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं. पूर्वांचल की राजनीति में उनके परिवार को दलितों का बड़ा नेता माना जाता है. संगीता आजाद पूर्व बसपा विधायक अरिमर्दन आजाद की पत्नी और बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य गांधी आजाद की पुत्र वधू हैं.
संगीता आजाद बीएससी, बीएड तक शिक्षा ग्रहण की है. विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही बसपा के पूर्व विधायक व उनकी सांसद पत्नी संगीता आजाद ने अपने वाहन से बसपा का झंडा उतार लिया था. इससे पहले पूर्व विधायक और सांसद आरएसएस की मीटिंग में भी शामिल हो चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट वरिष्ठ अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने भाजपा ज्वाइन करने के बाद प्रधानमांत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह समेत सभी नेताओं का आभार व्यक्त किया. कहा, उन्हें खुशी है कि वे आज पूरे विश्व को एक कुटुंब मानने वाले पीएम मोदी के परिवार का हिस्सा बनी हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में लाई जा रहीं जन कल्याण की नीतियों से प्रभावित होकर ही उन्होंने भाजपा में आने का फैसला लिया.
इसके बाद ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने सीमा कुशवाहा से खात बातचीत की. सीमा कुशवाहा पेशे से वकील हैं और निर्भया व श्रद्धा मर्डर केस लड़ चुकी हैं. बीजेपी का दामन थामने के बाद सीमा कुशवाहा ने कहा कि वो हमेशा से महिलाओं को न्याय दिलाती रहीं हैं. न्यायपालिका में सीमा के बाद हाथ बंधे होते हैं. मगर पार्टी में रहकर वो आवाज उठा पाएंगी.
चुनाव लड़ने के सवाल पर सीमा ने कहा कि जो पार्टी जिम्मेदारी देगी उसे वो पूरा करेंगी. वो सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नहीं बल्कि एक पार्टी के सेवक के तौर पर और नारी शक्ति को न्याय दिलाने के लिए भाजपा में आई हैं. एनडीए सरकार जो भी काम कर रही उसमें वो अपना सहयोग करती रहेंगी.