सिरोही. राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए शुक्रवार सुबह 7 बजे से वोट डाले जाएंगे. 13 सीटों पर हो रहे रहे मतदान में जालौर- सिरोही सीट भी शामिल है. निर्वाचन विभाग की ओर से मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मतदान कर्मी अपने-अपने निर्धारित बूथों पर पहुंच चुके हैं, लेकिन राजस्थान में कुछ पोलिंग बूथ ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में भी हैं, जहां पर पहुंचने के लिए मतदान कर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है. हम आपको एक ऐसे ही पोलिंग बूथ के बारे में बताने जा रहे हैं.
सिरोही का शेरगांव एक ऐसा मतदान केंद्र, जो अरावली की दुर्गम पहाड़ियों के बीच है. ये समुद्र तल से तकरीबन 1550 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यहां पर कनेक्टिविटी के नाम पर कुछ नहीं है. यदि मोबाइल पर भी बात करनी हो, तो गांव से बाहर निकल कर किसी ऊंची पहाड़ी की चोटी पर जाना पड़ता है. यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग भी नहीं है. अरावली की पथरीली राहों पर चलते हुए मतदानकर्मी यहां तक पहुंचे हैं. यह मतदान केंद्र पूरी तरह से प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है और यहां वोटर हैं मात्र 119.
119 मतदाता हैं यहां पर : इस मतदान केंद्र पर मात्र 119 मतदाता हैं, लेकिन निर्वाचन विभाग की मंशा है कि सभी लोगों को मतदान का अवसर प्राप्त हो. इसी के चलते इस मतदान केंद्र पर पहली बार देश की सरकार चुनने का अवसर इन लोगों को अपने गांव में ही मिल रहा है. मतदान कर्मियों के लिए यहां पहुंचना चुनौतियों से भरा है, क्योंकि यहां पहुंचने के लिए तकरीबन 19 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है. यहां जाने के लिए रास्ता भी सुगम नहीं हैं. कोई पक्की सड़क नहीं है, कच्चा रास्ता है, वो भी कठिनाइयों से भरा हुआ. तीन पहाड़ियों को लांघकर पैदल ही इस गांव तक पहुंचा जाता है.
लौटना भी एक चुनौती : प्रशासन की ओर से पुलिस पार्टी में दो जवान, मोबाइल यूनिट के दो जवान, होमगार्ड के दो जवान और चार पोलिंग पार्टी के सदस्य इस टीम में शामिल हैं, जो इन अरावली की दुर्गम पहाड़ियों का पैदल सफर तय करके इस मतदान केंद्र तक पहुंचे हैं. इस पोलिंग बूथ पर केवल उन्हीं मतदान कर्मियों को भेजा जाता है, जो शारीरिक रूप से फिट होते हैं. पोलिंग पार्टी की चुनौतियों यहीं खत्म नहीं होती. मतदान खत्म होने के बाद सुरक्षित लौटना भी बड़ी चुनौती है, क्योंकि देर शाम को पोलिंग खत्म होने के बाद टीम को रात के अंधेरे में रवाना होना पड़ेगा. रास्ते में जंगली जानवरों का भी खतरा मंडराता है.