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बांग्लादेश पर पूर्व राष्ट्रपति की बेटी का पोस्ट- सुरक्षित रहो, हसीना आंटी, इतिहास भूलना किसी भी देश के लिए खतरनाक - Sharmistha comments on bangladesh - SHARMISTHA COMMENTS ON BANGLADESH

Sharmistha Mukherjee comments on bangladesh: पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बांग्लादेश के हालात पर बड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अपना इतिहास भूल जाना किसी भी देश के लिए खतरनाक है. यह बांग्लादेश के लिए काला दिन है.

Sharmistha Mukherjee
शर्मिष्ठा मुखर्जी (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 6, 2024, 1:03 PM IST

नई दिल्ली: बांग्लादेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. शेख हसीना को मजबूरन इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. वह बांग्लादेश से सीधे भारत पहुंचीं. यूपी के हिंडन एयरबेस पर उनका विमान लैंड हुआ. यहां उनसे मिलने के लिए एनएसए अजित डोभाल पहुंचे. बताया जा रहा है कि यहां से वह लंदन निकल जाएंगी. इस बीच लोग इस प्रकरण को लेकर तहत-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी इस घटनाक्रम पर टिप्पणी की. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बीते पलों को याद किया और उनके भले की कामना कीं. प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और हिंसा में बढ़ती मौतों के बीच अपना इस्तीफा सौंपने के बाद अपने देश से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. सूत्रों के अनुसार, वह थोड़े समय के लिए भारत में रहेंगी. यह एक छोटा पड़ाव हो सकता है और हसीना ब्रिटेन के लिए उड़ान भरेंगी. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ने के बाद अराजकता और एक दिन की झड़पों के बीच, जिसमें 98 लोग मारे गए.

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने लिखा,'सुरक्षित रहो, हसीना आंटी'. अविश्वसनीय! लगता है ये लोग सामूहिक भूलने की बीमारी से पीड़ित हैं. अपना इतिहास भूल जाना किसी भी देश के लिए खतरनाक है. यह बांग्लादेश के लिए काला दिन है.' शेख हसीना को दूसरी बार निर्वासन का सामना करना पड़ा. 1975 में मुखर्जी परिवार ने हसीना और उनकी बहन की देखभाल की थी जब उनके पिता और परिवार की हत्या कर दी गई थी.

शेख हसीना दिल्ली में गुमनाम रहती थीं

उल्लेखनीय है कि शेख हसीना दूसरी बार बांग्लादेश से भागकर भारत पहुंचीं. इससे पहले वह लंबे समय तक परिवार के साथ भारत की राजधानी नई दिल्ली में रहीं. शेख हसीना के पिता एवं राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद उन्होंने भारत में शरण ली थी. बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए थे. इसे देखते हुए उनका परिवार दिल्ली पहुंचा. बताया जाता है कि दिल्ली के लाजपत नगर और पंडारा रोड में शेख हसीना, उनके पति, बहन और दो बच्चे यहां ठहरे हुए थे.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में सेना का शासन, ब्रिटेन में शरण मिलने तक शेख हसीना भारत में ही रहेंगी, सेना प्रमुख वाकर करेंगे विरोध समन्वयकों से मुलाकात

नई दिल्ली: बांग्लादेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. शेख हसीना को मजबूरन इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. वह बांग्लादेश से सीधे भारत पहुंचीं. यूपी के हिंडन एयरबेस पर उनका विमान लैंड हुआ. यहां उनसे मिलने के लिए एनएसए अजित डोभाल पहुंचे. बताया जा रहा है कि यहां से वह लंदन निकल जाएंगी. इस बीच लोग इस प्रकरण को लेकर तहत-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी इस घटनाक्रम पर टिप्पणी की. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बीते पलों को याद किया और उनके भले की कामना कीं. प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और हिंसा में बढ़ती मौतों के बीच अपना इस्तीफा सौंपने के बाद अपने देश से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. सूत्रों के अनुसार, वह थोड़े समय के लिए भारत में रहेंगी. यह एक छोटा पड़ाव हो सकता है और हसीना ब्रिटेन के लिए उड़ान भरेंगी. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ने के बाद अराजकता और एक दिन की झड़पों के बीच, जिसमें 98 लोग मारे गए.

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने लिखा,'सुरक्षित रहो, हसीना आंटी'. अविश्वसनीय! लगता है ये लोग सामूहिक भूलने की बीमारी से पीड़ित हैं. अपना इतिहास भूल जाना किसी भी देश के लिए खतरनाक है. यह बांग्लादेश के लिए काला दिन है.' शेख हसीना को दूसरी बार निर्वासन का सामना करना पड़ा. 1975 में मुखर्जी परिवार ने हसीना और उनकी बहन की देखभाल की थी जब उनके पिता और परिवार की हत्या कर दी गई थी.

शेख हसीना दिल्ली में गुमनाम रहती थीं

उल्लेखनीय है कि शेख हसीना दूसरी बार बांग्लादेश से भागकर भारत पहुंचीं. इससे पहले वह लंबे समय तक परिवार के साथ भारत की राजधानी नई दिल्ली में रहीं. शेख हसीना के पिता एवं राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद उन्होंने भारत में शरण ली थी. बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए थे. इसे देखते हुए उनका परिवार दिल्ली पहुंचा. बताया जाता है कि दिल्ली के लाजपत नगर और पंडारा रोड में शेख हसीना, उनके पति, बहन और दो बच्चे यहां ठहरे हुए थे.

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