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शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती बोले - कोर्ट के फैसले के बाद मथुरा-काशी में भी बनेगा मंदिर - श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा

Shankaracharya big statement, जयपुर पहुंचे शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद काशी-मथुरा में भी मंदिर बनेगा और यही उनकी अपेक्षा और कामना भी है. साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की.

Shankaracharya big statement
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 29, 2024, 8:08 PM IST

शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती

जयपुर. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला का मंदिर बनने के बाद अब कोर्ट के फैसले के उपरांत मथुरा और काशी में भी मंदिर बनेगा. यह कहना है शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का. सोमवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचे शंकराचार्य ने अयोध्या में राम मंदिर बनने को गौरव का विषय बताया. उन्होंने कहा कि मथुरा और काशी दोनों के मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं. मुकदमे का फैसला होते ही वहां भी मंदिर बनेगा. यही उनकी अपेक्षा और कामना भी है.

सपना हुआ साकार : दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी रहे शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती सोमवार को जयपुर पहुंचे. यहां प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचकर उन्होंने पूजा-अर्चना की. इस दौरान मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने शंकराचार्य का स्वागत किया व उनसे आशीर्वाद लिया. वहीं, मौके पर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए शंकराचार्य ने कहा कि आज उनका सपना साकार हो गया है. भगवान श्रीरामलला के दर्शन के लिए हर दिन लाखों भक्त पहुंच रहे हैं, जो त्रेता युग में नहीं हुआ वो 22 जनवरी, 2024 को हो गया.

इसे भी पढ़ें - मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या में की शबरी भंडारे की शुरुआत, रामभक्तों के लिए 26 फरवरी तक निशुल्क भंडारा

अगर वो होते तो खुशियां और बढ़ जाती : शंकराचार्य ने कहा कि भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए पीएम नरेंद्र मोदी को उनसे अंगूठी पहनने का मौका मिला. राम मंदिर निर्माण के साथ ही श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति और निर्माण के लिए सदियों का संकल्प सिद्ध हो गया. उन्होंने कहा कि कारसेवा और समय-समय पर हुए संघर्षों में हिस्सा लेने के लिए देशभर के संतों और सनातनियों को एकजुट करने की मुहिम में जो उनके साथी थे, वो विभूतियां अगर आज होती तो खुशी और बढ़ जाती, लेकिन उन्हें विश्वास है कि वो परलोक से नई अयोध्या का दृश्य देखकर खुश हो रहे होंगे.

1984 से वो इसी आंदोलन में लगे हुए थे. उन्होंने कहा कि रामलला के लिए बहुत संघर्ष हुआ. सर्वोच्च न्यायालय से रामलला के पक्ष में आदेश आया, जिसके बाद मंदिर बन रहा है. मंदिर का काफी हिस्सा तैयार हो चुका है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. साल भर में मंदिर के तीनों तल बनकर तैयार हो जाएंगे.

इसे भी पढ़ें - प्राण प्रतिष्ठा पर राष्ट्रपति से बोले पीएम मोदी- अविस्मरणीय क्षणों का साक्षी बना, एक अयोध्या अपने मन में भी लेकर लौटा हूं

कोर्ट के फैसले के बाद काशी-मथुरा में भी बनेगा मंदिर : आगे उन्होंने कहा कि गौरव का विषय यह है कि देश के प्रधानमंत्री ने मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. अब वहां भगवान का जो विग्रह लगाया गया है, उसे देख ऐसा प्रतीत होता है कि मानों अभी वो बोल पड़ेंगे. करुण दृष्टि से प्रभु सभी को देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि मथुरा और काशी दोनों के मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं. मुकदमे का फैसला होते ही वहां भी मंदिर बनेगा. उनकी अपेक्षा और कामना भी यही है. आगे भगवान जाने.

शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती

जयपुर. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला का मंदिर बनने के बाद अब कोर्ट के फैसले के उपरांत मथुरा और काशी में भी मंदिर बनेगा. यह कहना है शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का. सोमवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचे शंकराचार्य ने अयोध्या में राम मंदिर बनने को गौरव का विषय बताया. उन्होंने कहा कि मथुरा और काशी दोनों के मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं. मुकदमे का फैसला होते ही वहां भी मंदिर बनेगा. यही उनकी अपेक्षा और कामना भी है.

सपना हुआ साकार : दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी रहे शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती सोमवार को जयपुर पहुंचे. यहां प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचकर उन्होंने पूजा-अर्चना की. इस दौरान मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने शंकराचार्य का स्वागत किया व उनसे आशीर्वाद लिया. वहीं, मौके पर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए शंकराचार्य ने कहा कि आज उनका सपना साकार हो गया है. भगवान श्रीरामलला के दर्शन के लिए हर दिन लाखों भक्त पहुंच रहे हैं, जो त्रेता युग में नहीं हुआ वो 22 जनवरी, 2024 को हो गया.

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अगर वो होते तो खुशियां और बढ़ जाती : शंकराचार्य ने कहा कि भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए पीएम नरेंद्र मोदी को उनसे अंगूठी पहनने का मौका मिला. राम मंदिर निर्माण के साथ ही श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति और निर्माण के लिए सदियों का संकल्प सिद्ध हो गया. उन्होंने कहा कि कारसेवा और समय-समय पर हुए संघर्षों में हिस्सा लेने के लिए देशभर के संतों और सनातनियों को एकजुट करने की मुहिम में जो उनके साथी थे, वो विभूतियां अगर आज होती तो खुशी और बढ़ जाती, लेकिन उन्हें विश्वास है कि वो परलोक से नई अयोध्या का दृश्य देखकर खुश हो रहे होंगे.

1984 से वो इसी आंदोलन में लगे हुए थे. उन्होंने कहा कि रामलला के लिए बहुत संघर्ष हुआ. सर्वोच्च न्यायालय से रामलला के पक्ष में आदेश आया, जिसके बाद मंदिर बन रहा है. मंदिर का काफी हिस्सा तैयार हो चुका है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. साल भर में मंदिर के तीनों तल बनकर तैयार हो जाएंगे.

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कोर्ट के फैसले के बाद काशी-मथुरा में भी बनेगा मंदिर : आगे उन्होंने कहा कि गौरव का विषय यह है कि देश के प्रधानमंत्री ने मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. अब वहां भगवान का जो विग्रह लगाया गया है, उसे देख ऐसा प्रतीत होता है कि मानों अभी वो बोल पड़ेंगे. करुण दृष्टि से प्रभु सभी को देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि मथुरा और काशी दोनों के मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं. मुकदमे का फैसला होते ही वहां भी मंदिर बनेगा. उनकी अपेक्षा और कामना भी यही है. आगे भगवान जाने.

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