बोलपुर: पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के बोलपुर में कहा कि 'प्रधानमंत्री को राम मंदिर का उद्घाटन नहीं करना चाहिए था. अयोध्यावासियों ने भाजपा को उचित जवाब दिया है.' पुरी के शंकराचार्य ने लोकसभा चुनाव परिणामों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'मुझसे जो टकराएगा, चूर चूर हो जाएगा. मोदी को मुझसे नहीं टकराना चाहिए.'
अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर भाजपा के राजनीतिकरण से उत्तर प्रदेश के नतीजों पर कोई सीधा असर पड़ा है या नहीं? इस सवाल का जवाब देते हुए पुरी के शंकराचार्य ने कहा कि 'अयोध्या की जनता ने भाजपा उम्मीदवार को हराकर अपना फैसला सुना दिया है. अगर राम मंदिर मुद्दे का लोगों पर कोई सकारात्मक असर होता तो भाजपा उम्मीदवार नहीं हारते.'
उन्होंने आगे कहा कि 'अयोध्या के निवासियों ने अपने विचार स्पष्ट कर दिए हैं कि वे इस मुद्दे पर भाजपा से सहमत नहीं हैं. अगर प्रधानमंत्री ब्राह्मण भी होते तो उन्हें राम मंदिर का उद्घाटन नहीं करना चाहिए था क्योंकि वे भी एक राजनेता हैं.' आपको बता दें कि संयोगवश, पुरी के शंकराचार्य उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुए थे.
उन्होंने कहा कि 'उन्हें लगता था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो राम मंदिर नहीं बनेगा या फिर उसे दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा. यही वजह है कि इतनी जल्दीबाजी हो रही है. इस चुनाव से पहले मोदी को लगता था कि कांग्रेस कमजोर है. अब वे कुछ और सोचेंगे. इससे पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने मेरे खिलाफ लड़ाई लड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे.'
उन्होंने आगे कहा कि 'मुलायम सिंह यादव ने भी यही गलती की और उनका भी यही हश्र हुआ. मुझे लगता है कि मोदी को ऐसा नहीं करना चाहिए. क्या कोई आसमान पर मुक्का मार सकता है? हम उस स्तर पर हैं. योगी आदित्यनाथ एक आतंकवादी को शंकराचार्य के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि जो मुझसे टकराएगा, वह नष्ट हो जाएगा.'